बजट में महिलाओं का विशेष ध्यान Publish Date : 29/07/2024
बजट में महिलाओं का विशेष ध्यान
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु चौधरी
बजट में महिलाओं को सभी क्षेत्रों में बढ़ावा देने की कई घोषणाएं की गईं हैं और इनका लाभ बखूबी ले सकती है महिला उद्यमी।
केंद्र सरकार ने इस बार बजट 2024 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण घोषणा की गईं है। यह घोषणाएं खासकर महिला उद्यमियों के लिए काफी लाभकारी हो सकती है जो भारत में एमएसएमई सेक्टर के विकास और उसके संचालन में अहम भूमिका निभा रही है।
इसमें कई क्रेडिट गारंटी योजना विशेष रूप से उल्लेखनीय है इससे महिलाओं के नेतृत्व वाले एमएसएमई उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। उन्हें मशीनरी और उपकरण खरीदने के लिए सावधि ऋण आसानी से मिल सकेगा, जो महिला उद्योगों के साथ ही उनके साथ काम करने वाली महिलाओं को भी सशक्त करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुद्रा लोन की सीमा बढ़ाने की सराहनीय घोषणा की है। पहले मुद्रा लोन के अंतर्गत 10 लख रुपए तक की सीमा थी जिसे अब तरुण श्रेणी के अंतर्गत बढ़कर 20 लख रुपए कर दिया गया है। वहीं औसत ऋण का आकार मौजूद ₹ ₹400000 कर दिया गया है। इसका खासा प्रभाव देखने को मिलेगा। यह कदम महिला उद्योगों के लिए एक क्रांतिकारी कदम होगा।
खाद्य प्रसंस्करण या परिधान विनिर्माण क्षेत्रों जिनमें काम को बढ़ाने के लिए अक्सर पर्याप्त पूंजी की जरूरत होती है। इसके लिए अब महिलाओं को आसानी से ज्यादा ऋण मिल सकेगा, जिससे निश्चित रूप से उन्हें अपना उद्यम संचालित करने में सहूलियत होगी। ध्यान देने वाली बात है कि जब काम के लिए आसानी से मदद मिलेगी तो ज्यादा से ज्यादा महिला उद्यमी एमएसएमई सेक्टर की ओर आकर्षित भी होगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना अप्रैल 2015 में जारी की गई थी और इसमें गैर कॉर्पारेट गैर कृषि छोटे और सूक्ष्म उद्योगों को लोन मिलता है।
एमएसएमईं समूह की सुविधा के लिए 24 नई सिडबी स्मॉल इंडस्टरीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया की शाखाओं की स्थापना करने का निर्णय भी एक स्वागत योग्य कदम है जो नई शाखाएं खुलेगी उनके माध्यम से ऋण और निवेश की जटिलताओं का समाधान होगा। साथ ही यह शाखाएं महिला उद्योगों को जरूरी वित्तीय मार्गदर्शन प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएंगी। सार्वजनिक निजी भागीदारी, पीपीपी के आधार पर स्थापित ई-कॉमर्स निर्यात केदो में भी अपार संभावनाएं हैं। इससे कढ़ाई, मिट्टी के बर्तन या धातु के काम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिला शिल्पकार अब अपने उत्पादों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित कर सकती हैं।
यह पहल इन प्रतिभाशाली महिलाओं की आय बढ़ाने के साथ ही उनका खास पहचान दिलाने में उल्लेखनीय योगदान दे सकती हैं। बजट में एमएसएमईं रेड के लिए एक नए मूल्यांकन मॉडल का प्रस्ताव किया गया है जिसमें सार्वजनिक बैंक डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर इन हाउस मॉडल विकसित कर रहे हैं। यद्यपि गतिशील होते हुए भी डिजिटल विभाजन को संबोधित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार द्वारा प्रायोजित डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों या कार्यशालाओं के माध्यम से इस अंतर को पटना यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि सभी महिलाओं को इन नए प्रारूपण से लाभ मिलेगा।
केंद्रीय बजट में रोजगार और कौशल पर जोर देना भी सराहनीय है। 1.48 लाख करोड रुपए का आवंटन सरकार के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है। कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल, स्क्रैच और महिला विशिष्ट कौशल विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने वाली पहल से कार्बन में महिला भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। इसकी अतिरिक्त एमएसएमईं क्षेत्र में 50 बहू उत्पाद खाद्य वितरण इकाइयां स्थापित करने और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों में बदलाव सहित 60 समूह में ऊर्जा ऑडिट की सुविधा के प्रस्ताव सही दिशा में उठाए गए कदम है।
यह उपाय न केवल एमएसएमई सेक्टर की इशिता को बढ़ाएंगे बल्कि इन उभरते क्षेत्रों में महिला उद्योगों के लिए नए अवसर भी पैदा करेंगे। कुल मिलाकर वित्तीय सहायता प्रदान करके, पहुंच बढ़कर और कौशल विकास को बढ़ावा देकर यह उपाय महिला उद्योगों को महत्वपूर्ण रूप से सशक्त बना सकते हैं। हालांकि बजट में एमएसएमई सेक्टर को लेकर की गई घोषणाएं, जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित हो और उन तक लोगों की पहुंचे हो सके यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।
यह काम सरकार के स्तर पर गैर सरकारी संगठन, एनजीओ और निजी संस्थान मिलकर कर सकते हैं। इससे भारत में महिलाओं के नेतृत्व में अधिक विकास के नए दरवाजे खुल जाएंगे। इसलिए महिलाओं को आगे आकर अपने लघु और सूक्ष्म तथा मध्यम उद्योग है उनको बढ़ावा देना चाहिए।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।