भारत की बासमती चावल का निर्यात 13 प्रतिशत बढ़ा Publish Date : 26/07/2024
भारत की बासमती चावल का निर्यात 13 प्रतिशत बढ़ा
डॉ0 आर. एस. सेंगर
एपीडा के आंकड़े बताते हैं कि प्रतिबंध के कारण गैर बासमती चावल की विदेश में बिक्री 13.3 प्रतिशत तक कम हुई है।
भारतीय बासमती चावल की मांग विदेश में लगातार बढ़ रही है। हालांकि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में मामूली गिरावट देखने को मिली है। एग्रीकल्चर एंड प्रोसैस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के आंकड़ों के अनुसार भारत ने चालू वित्त वर्ष 2024- 25 की अवधि में 103.5 करोड डॉलर के बासमती चावल का निर्यात किया। यह वर्ष 2023-24 की समान अवधि के 91.7 करोड डॉलर की तुलना में 13.11 प्रतिशत अधिक है।
दरअसल घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ओर से चावल के निर्यात पर लगाए प्रतिबंधों का असर अन्य किस्मों पर भी पड़ा है। यही वजह है कि अप्रैल में गैर बासमती चावल का निर्यात सालाना आधार पर 13.35 प्रतिशत घटकर 91.9 करोड डालर रह गया है। आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल माहं अवधि में कृषि एवं संस्कृति खाद्य उत्पादन का निर्यात सालाना आधार पर मामूली 0.49 प्रतिशत घटकर 433.7 करोड डालर रह गया जबकि वर्ष 2023-24 की समान अवधि में निर्यात का यह आंकड़ा 435.8 करोड़ डॉलर रहा था।
ताजी सब्जियां और फलों की मांग में आई कमी
सब्जियों और फलों के निर्यात में भी गिरावट देखने को मिली है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-मई की अवधि में भारत से 12.2 करोड डॉलर की ताजी सब्जियों का निर्यात किया गया। यह आंकड़ा वर्ष 2023-24 की समान अवधि में निर्यात किए गए 12.3 करोड डॉलर की सब्जियों की तुलना में 1.08 प्रतिशत है। इस दौरान ताजे फलों का निर्यात भी सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत घटकर 20.5 करोड डालर रह गया।
फल और सब्जियों के बीजों का निर्यात 1 साल पहले के 3.4 करोड डालर से 10.85 प्रतिशत बढ़कर अप्रैल में के दौरान 3.8 करोड़ पर पहुंच गया।
डेयरी उत्पादों व मास उत्पादों में हुई वृद्धि
डेयरी उत्पादों का मांग 1 साल पहले के मुकाबले 30.3 प्रतिशत बढ़कर 9.8 करोड डालर पहुंच गई। वर्ष 2023-24 की अप्रैल-मई की अवधि में देश से 7.5 करोड डॉलर के डेयरी उत्पादों का निर्यात किया गया था। इसी प्रकार भैंस, बकरी, भेड़ और अन्य तरह के जानवरों के मांस का निर्यात भी 7.5 प्रतिशत बढ़कर 70 करोड डालर पहुंच गया। पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात भी 15.32 प्रतिशत घटकर 2.5 करोड़ डालर रह गया। वर्ष 2023-24 की अप्रैल-मई में 2.9 करोड़ का निर्यात किया गया था।
तमाम चुनौतियों के उपरांत 2.56 प्रतिशत अधिक निर्यात
व्यापार घाटा भी बढ़ा
वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश से वस्तुओं का निर्यात जून, 2024 में सालाना आधार पर 2.56 प्रतिशत बढ़कर 35.2 अरब डॉलर पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में 34.32 अरब की डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया गया था। व्यापार घाटा भी पिछले माह 9.32 प्रतिशत बढ़कर 20.98 अरब डॉलर के स्तर पहुंच गया। जून, 2023 में यह स्तर 19.19 अरब डॉलर था। मई माह में देश का व्यापार घाटा सात महीने के उच्चतम स्तर 23.78 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
वाणिज्य मंत्रालय के द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, कच्चे तेल, दालों और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की खरीदारी बढ़ने से जून में वस्तुओं का आयात भी करीब 5 फीसदी बढ़कर 56.18 अरब डॉलर पहुंच गया। जबकि जून, 2023 में 53.51 अरब डॉलर का आयात किया गया था।
सेवाओं का निर्यात भी जून में 27.79 फीसदी बढ़कर 30.27 अरब डॉलर पहुंच गया। एक साल पहले की समान अवधि में 27.79 अरब डॉलर की सेवाओं का निर्यात किया गया था। सेवा आयात 15.61 अरब डॉलर से 10.76 प्रतिशत बढ़कर 17.29 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
20.98 अरब डॉलर पहुंचा व्यापार घाटा 9.3 फीसदी बढ़कर कॉफी निर्यात में 70 प्रतिशत की वृद्धि
कॉफी का निर्यात पिछले महीने सालाना आधार पर 70.02 फीसदी बढ़कर 0.20 अरब डॉलर पहुंच गया। इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात भी 16.91 फीसदी बढ़कर 2.82 अरब डॉलर पहुंच गया। इस दौरान 2.47 अरब डॉलर की दवाओं का निर्यात किया गया, जो सालाना आधार पर 9.93 प्रतिशत अधिक है।
तंबाकू निर्यात में 37.71 प्रतिशत और इंजीनियरिंग उत्पादों में 10.27 प्रतिशत की तेजी रही।
शीर्ष-7 निर्यात गंतव्य: भारत के द्वारा, जिन सात देशों को सबसे अधिक निर्यात किया गया, उनमें अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, मलयेशिया, बांग्लादेश, तंजानिया, नीदरलैंड और सिंगापुर शामिल हैं।
चालू वित्त वर्ष में 800 डॉलर के पार पहुंचेगा निर्यात: वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही (अप्रैल- जून) में देश से करीब 200 अरब डॉलर की वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात किया गया है।
यदि मौजूदा रुझान जारी रहा तो वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात चालू वित्त वर्ष में निश्चित रूप से 800 अरब डॉलर के पार पहुंच जाएगा।
बर्थवाल ने कहा, वाणिज्य मंत्रालय निर्यात को बढ़ावा देने के लिए छह प्रमुख क्षेत्रों और 20 देशों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इन क्षेत्रों में इंजीनियरिंग, कपड़ा-परिधान, इलेक्ट्रॉनिक्स, दवा, रसायन प्लास्टिक और कृषि एवं उसके उत्पाद शामिल हैं।
सोना आयात 38.6 फीसदी घटा
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, जून में कच्चे तेल का आयात 19.62 फीसदी बढ़कर 15 अरब डॉलर पहुंच गया। हालांकि, सोने के आयात में 38.66 फीसदी की बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इस अवधि में कुल तीन अरब डॉलर का सोना आयात किया गया। खाद, क्रूड और मैन्युफैक्चर्ड उत्पादों के आयात में भी 36.44 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।