एनीमिया अर्थात खून की कमी को दूर करती है चौलाई      Publish Date : 13/07/2024

              एनीमिया अर्थात खून की कमी को दूर करती है चौलाई

                                                                                                                                                                                      डॉ आर एस सेंगर

                                                                       

चौलाई एक पौष्टिक खाद्य होने के साथ ही प्रोटीन, विटामिन ए, आयरन और जिंक का एक समृद्व स्रोत होता है। इसका सेवन नियमित रूप से करने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।

जुलाई के महीने में जब वर्ष प्रारंभ होती है तो इसकी सब्जी खूब बनाई और खायी जाती है, जो लोग हरी सब्जी के रूप में इसका इस्तेमाल करते है, उनमें खून की कमी काफी हद तक आसानी से दूर की जा सकती है। आपने कई तरह के साग खाए होंगे जैसे कि सरसों का साग, पालक का साग या बथुआ का साग और चौलाई का साग आदि। हालांकि चौलाई को राजगैरा के नाम से भी जाना जाता है। चौलाई का साग हरे रंग के साथ ही लाल रंग में भी आता है इसलिए इसे लाल साग भी कहा जाता है।

चौलाई में कई तरह की औषधि गुण और पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। इसमें विटामिन ए, सी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका नियमित सेवन करने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती है। इसके अलावा अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो चौलाई को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इसका सेवन करने से फैट की मात्रा भी तेजी से कम होती है और कोलेस्ट्रॉल भी लगभग न के बराबर मौजूद होता है।

                                                             

चौलाई में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। चौलाई के साग में विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में उपलब्ध होने के कारण यह शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाने में भी सहायक सिद्व होता है। यह सभी तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। चौलाई का सेवन करने से खून की कमी की शिकायत को आसानी से दूर किया जा सकता है।

                                                               

चौलाई में लाइसिन नामक प्रोटीन पाया जाता है जो शरीर में मौजूद कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाता है। मधुमेह के रोगियों का इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। यह नेत्र की ज्योति को तेज करने में भी भरपूर सहायता प्रदान करता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।