रेडिएटिव कुलिंग कपड़ा देगा ठंडक

                            रेडिएटिव कुलिंग कपड़ा देगा ठंडक

                                                                                                                                                                                     इंजीनियर कार्तिकेय

वैज्ञानिकों ने एक ऐसे फैब्रिक का निर्माण किया है जो भीषण गर्मी में भी लोगों को ठंडक प्रदान करेगा। इस फैब्रिक में प्लास्टिक और चांदी के नैनो वायर का उपयोग किया गया है। जो रेडियो एक्टिव कूलिंग के सिद्धांत पर काम करता है। इसको खासतौर से शहर के गर्म मौसम में लोगों को ठंडक प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। रेडियो एक्टिव कूलिंग सिद्धांत वह प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा वस्तुएं अंतरिक्ष में गर्मी उत्सर्जित करती है। वैज्ञानिकों के द्वारा बनाया गया यह फैब्रिक पृथ्वी के वायुमंडल से बाहर निकलने वाली तरंग दैर्ध्य के भीतर इंफ्रारेड रेडिएशन को उत्सर्जित करता है और इसके साथ ही यह सूर्य के विकिरण और आसपास की संरचनाओं से निकलने वाली इंफ्रारेड रेडिएशन को भी रोकता है।

                                                                        

शिकागो विश्वविद्यालय में बनाया गया यह फैब्रिक तीन परतों वाला है जिसकी भीतरी परत तो ऊन या कपास जैसे कपड़े से बनी होती है और बीच की परत चांदी के नैनो वायर से बनी है, जो रेडिएशन को परिवर्तित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जबकि इसकी सबसे ऊपरी परत पाली मैथिल पैटर्न नमक प्लास्टिक पदार्थ से बनी है जो अधिकांश तरंग दैर्ध्य को अवशोषित या परिवर्तित नहीं करती, बल्कि इंफ्रारेड रेडिएशन को उत्सर्जित करती है।

वैज्ञानिकों के परीक्षणों में यह कपड़ा एक नियमित रेशमी कपड़े की तुलना में 8.9 डिग्री सेल्सियस ठंडा पाया गया और एक व्यस्त रेंज में रेडिएशन उत्सर्जित करने वाली सामग्री की तुलना में 2.3 डिग्री सेल्सियस ठंडा रहा। जब मानवीय त्वचा पर इसका परीक्षण किया गया तो यह फैब्रिक एक सूती कपड़े की तुलना में 1.8 डिग्री सेल्सियस ठंडा पाया गया। इस फैब्रिक का निर्माण शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और उनकी टीम ने किया है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह फैब्रिक इमारत और जमीन से आने वाले आधे से अधिक रेडिएशन को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। हालांकि रेडियोएक्टिव कूलिंग सिद्धांत पर इससे पहले भी कुछ कूलिंग फैब्रिक और बिल्डिंग मटेरियल बन चुके हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर डिजाइन ऐसी भी है जो सूट से आने वाली रेडिएशन या इमारतें और फुटपाथ से आने वाले इंफ्रारेड रेडिएशन को रोकने में नाकाम रहे हैं।

                                                               

शोधकर्ताओं के अनुसार यह फैब्रिक किसी व्यक्ति द्वारा पहने जाने वाले कपड़ों से पूरी तरह भिन्न होगा। शोध में शामिल कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के रमन के अनुसार किस तरह की सामग्री को कपड़े के रूप में बनाना आसान नहीं होता है। यह काफी मुश्किल भरा काम है यह रेडिएशन से ठंडक के भौतिक विज्ञान के सिद्धांत को उपयोगी सामग्री में बदलने का एक अच्छा प्रयास है। इसकी सतह पर सामान्य गुणों वाली अन्य सामग्रियों का उपयोग किया जा सकता है। फिलहाल कि इस फैब्रिक के बाजार में आने का इंतजार है।