हिन्दी भाषा भारत की आत्मिक भाषा Publish Date : 23/06/2024
हिन्दी भाषा भारत की आत्मिक भाषा
डॉ0 राकेश सिंह सेंगर
भारतीय संस्कृति की आत्मा है हिन्दी भाषा, अतः हमें जहाँ तक सम्भव हो सके अधिक से अधिक हिन्दी भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए और अधिक से अधिक हिन्दी साहित्य का अध्ययन भी करना चाहिए। हिन्दी के दिग्गजों को अधिक से अधिक हिन्दी साहित्य का निर्माण करना चाहिए, जिससे भारत को अपनी भाषा और गौरव हो सके। इसी के चलते हमारा देश एक उन्नत राष्ट्र के रूप में अग्रसर हो सकेगा।
‘‘हिन्दी भाषा को अपनाकर अपने देश को गौरव को बढ़ाने में सहयोग प्रदान करें’’
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।