मानवता को सशक्त करता है जीवन दान

                             मानवता को सशक्त करता है जीवन दान

                                                                                                                                                                   डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

 हर 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। आज से 20 वर्ष पहले इसकी शुरुआत रक्तदान करने वालों की योगदान को सराहने और जीवनदान देने वाले इस नैतिक कार्य के लिए अत्यधिक लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी। दो दशक की यात्रा में इसकी सफल भी देखने को मिलती हैं। लोग कठिन समय में जरूरतमंद और उपचाराधीन व्यक्तियों को लिए रक्तदान कर रहे हैं। सकारात्मक यह है कि अब यह केवल व्यक्तिगत स्तर पर तक सीमित न रहकर कई स्थानों पर तो अंतर राज्य प्रयास के रूप में भी सामने आ रहा है।

                                                              

डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर ने बताया कि अब लोगों में जागरूकता आ रही है, जिसके चलते लोग अधिक से अधिक रक्तदान कर रहे हैं। शहर में कई ब्लड बैंक कार्य कर रहे हैं जो मरीजों की जरूरत के अनुसार उनके ब्लड ग्रुप का मिलान करते हुए लोगों को ब्लड उपलब्ध करा रहे हैं। कई अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन ब्लड भी चलाया जा रहा है। इससे वरिष्ठ एवं जूनियर डॉक्टर और मेडिकल छात्रा जुड़े हुए हैं।

ब्लड बैंक से एक फोन आने पर रक्तदान करने के लिए डॉक्टर और मेडिकल छात्र एवं छात्रा तुरंत ही वहां पहुंच जाते हैं। ऐसे में रक्तदाता ना होने मरीज के ग्रुप का ब्लड उपलब्ध न होने पर भी तीमारदार को लौटना नहीं पड़ता और उसको जीवनदान मिल जाता है।

                                                                    

इसी प्रकार से राष्ट्रीय सेवा योजना तथा एनसीसी के छात्रों द्वारा रक्तदान किया जाता है, जिसके तहत जरूरतमंद लोगों की सहायता की जाती है। अब कई डॉक्टर भी आगे आ रहे हैं जिन्होंने अपने जन्मदिन और विवाह वर्षगांठ आदि के अवसर पर भी रक्तदान करना शुरू कर दिया है। डॉक्टर वर्ष में 3 से 4 बार रक्तदान कर रहे हैं।

एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों द्वारा वर्ष में तीन से चार बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है और इसमें वह 200 से 300 यूनिट तक का रक्तदान वह स्वेच्छा से कर रहें हैं।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, हंस हॉस्पिटल मेरठ के मेडिकल ऑफिसर हैं।