आम को पानी में भिगोकर ही क्यों खाया जाता है Publish Date : 15/06/2024
आम को पानी में भिगोकर क्यों खाया जाता है
डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशू चौधरी
हमारे दादा दादी, नाना नानी, माता पिता आम खाने से पहले आम को पानी भिगोने के लिए क्यों कहते थीं, यह हैं इसके पीछे का विज्ञान-
दरअसल, आम को खाने से पहले पानी में इसलिए भिगोना जरूरी होता है क्योंकि इसमें फाइटिक एसिड नामक प्राकृतिक तत्व होता है, जिसे एंटी न्यूट्रिएंट माना जाता है। ये एसिड शरीर में पहुंचने पर अधिक गर्मी पैदा कर सकता है। इसके अलावा ये एसिड शरीर में आवश्यक मिनरल्स के अब्जॉर्प्शन में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है।
आम को खाने से पहले पानी में भिगोने का मकसद सिर्फ फलों की गंदगी और धूल को साफ करना नहीं है। इसके पीछे छिपे छह वैज्ञानिक कारणों के बारे में जानिए-
गर्मी का मौसम यानि फलों के राजा, आम का मौसम। एक तरफ धूप, पसीना और गर्म हवाओं के बारे में सोचकर मन थोड़ा परेशान होता है, तो वहीं दूसरी तरफ आम के मीठे स्वाद के बारे में सोच कर मन खुश भी हो जाता है।
आम का मौसम आते ही लोग इसके अचार, आमरस, मैंगो शेक सहित कई तरह की रेसिपी बनाने की तैयारी में जुट जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि आमतौर पर घरों में हमारी दादी नानी आम खाने से पहले इसे एक दो घंटे के लिए पानी में भिगोकर जरूर रखती थीं!
उनका मानना था कि ऐसा करने से आम में लगी गंदगी और फसल में इस्तेमाल किए गए केमिकल, दोनों साफ हो जाते हैं। आम को पानी में भिगोकर रखने के पीछे यह तो एक कारण है। आईए विस्तार से जानें ऐसा करने के पीछे अन्य कारणों के बारे में।
१. फाइटिक एसिड से छुटकारा:-
फाइटिक एसिड उन पोषक तत्वों (न्यूट्रिएंट्स) में से है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा और बुरा दोनों हो सकता है। इसे एक एंटी पोषक तत्व माना जाता है, जो शरीर को आयरन, जिंक, कैल्शियम और अन्य मिनरल्स को अवशोषित करने से रोकता है, जिसकी वजह से शरीर में मिनरल्स की कमी होने लगती है।
जाने माने न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, आम में फाइटिक एसिड नाम का एक प्राकृतिक मॉलिक्युल होता है, जो कई फलों, सब्जियों और नट्स में भी पाया जाता है। फाइटिक एसिड शरीर में गर्मी पैदा करता है। जब आम को कुछ घंटों के लिए पानी में भिगोया जाता है, तो इससे फाइटिक एसिड को हटाने में मदद मिलती है।
२. आम को भिगोकर खाने से होता है रोगों से बचावः-
आम को पानी में भिगोकर रखने से त्वचा की कई समस्याओं जैसे मुंहासे, फुंसियों और सिरदर्द के साथ साथ कब्ज व आंत से संबंधित अन्य समस्याओं को रोकने में भी मदद मिलती है। आयुर्वेद विशेषज्ञ द्वारा बताया गया है कि फलों को पानी में भिगोकर रखने से उसकी गर्मी बाहर निकल जाती है, जिससे दस्त और मुंहासे जैसी त्वचा की समस्याओं से बचने में मदद मिलती है।
३. केमिकल से बचावः-
फसल को बचाने के लिए कई तरह से कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है। ये कीटनाशक अत्यंत जहरीले होते हैं और शरीर में जलन, एलर्जी, सिरदर्द जैसी कई परेशानियां पैदा कर सकते हैं। फलों को खाने से पहले, पानी में भिगोकर रखने से इन परेशानियों से बचा जा सकता है। इसके अलावा, ऐसा करने से इसके तने पर लगा दूधिया रस हट जाता है जिसमें फाइटिक एसिड होता है।
४. शरीर का सही तापमान बनाए रखनाः-
आम शरीर के तापमान को भी बढ़ाता है, जिससे थर्माेजेनेसिस का उत्पादन होता है। इसलिए, आमों को थोड़ी देर के लिए पानी में भिगोने से उनके थर्माेजेनिक गुण को कम करने में मदद मिलती है।
५. आम को भिगोकर खाने से फैट बर्न में मिलती है मददः-
आम में ढेर सारे फाइटोकेमिकल्स होते हैं। उन्हें पानी में भिगोने से उनकी कॉन्संट्रेशन कम हो जाती है, जिससे वे ‘नैचुरल फैट बस्टर’ की तरह काम करते हैं।
आशा है कि आप सभी इसी प्रकार से आम को पानी में भिगोकर ही प्रयोग करते होंगे और अगर नहीं तो फिर आज से ही इसे शुरू किया जाना चाहिए।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।