क्या है नौतपा? Publish Date : 26/05/2024
क्या है नौतपा?
डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा
9 दिन चरम पर होगी सूर्य की गर्मी,
चंद्रमा की घटेगी शीतलता
जानें कब होगी इसकी शुरुआत?
ज्योतिषशास्त्र अनुसार सूर्य शनिवार 25 मई को सुबह 03:15 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 2 जून रविवार तक नौ (9) दिन का नौतपा रहेगा। इसके साथ ही सूर्य देव 8 जून शनिवार को 1:04 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे, जिससे इन दिनों गर्मी प्रचंड रहेगी व पारा 48 डिग्री को भी पार कर सकता है।
नौतपा है मानसून का गर्भकाल
मान्यता है कि सूर्य की गर्मी और रोहिणी नक्षत्र (जिसका स्वामी चंद्र है) के जल तत्व के कारण यह मानसून का (9 दिन मे) गर्भ आ जाता है और इसी कारण नौतपा को मानसून का गर्भकाल के रूप में जाना जाता है। ऐसे में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है तो उस समय चंद्रमा नौ नक्षत्रों में भ्रमण करते हैं।
लोक मान्यता है कि अगर नौतपा के सभी 9 दिन पूरे तपें, तो आगे के दिनों में अच्छी बारिश होती है। इसके बारे में ज्योतिषों का कहना है कि चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा से स्वाति नक्षत्र तक अपनी स्थितियों में हो और अधिक गर्मी पड़े, तो वह नौतपा अच्छा कहलाता है। वहीं अगर सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होता है और उस दौरान अगर बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना (गर्भपात) भी कहा जाता है।
नौतपा 2024: देश में गर्मी अब अपना प्रचंड रूप दिखाने लगी है। कुछ राज्यों में बेमौसम बारिश से लोगों को राहत भी मिली है, लेकिन ये राहत ज्यादा समय के लिए नहीं है, क्योंकि इस बार मई माह में नौतपा शुरू हो जाएगा। इन 9 दिनों की अवधि में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी और इस कारण सूर्यदेव की तपिश काफी ज्यादा महसूस होगी, जिससे इन दिनों गर्मी प्रचंड रहेगी व पारा 48 डिग्री को भी पार कर सकता है।
8 जून शनिवार को 1:05 मिनट पर सूर्य देव मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जायेंगे
जो भारत में मानसून की शुरुआत होती है। (पहले यह तिथी 7 जून हुआ करती थी)
नौतपा में इन बातों का रखें ध्यान
- नौतपा के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, ताकि शरीर में किसी तरह की परेशानी उत्पन्न न हो, साथ ही राहगीरों और जरूरतमंदों को जल पिलाना चाहिए। मान्यता है कि यह एक प्रकार का पुण्य का कार्य होता है। गर्भवती महिलाए, बीमार परिजन एवं बच्चों का खास ख्याल रखें।
- इसके अलावा मान्यता यह भी है कि नौतपा के दौरान प्यासे को जल पिलाने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।
- नौतपा के दौरान सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है और इसके साथ ही समाज में मान-सम्मान भी बढ़ता है।
- यदि आप आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है उसको मजबूत करना चाहते हैं तो नौतपा के दौरान रोजाना सुबह सूर्य देव की अराधना करें और उन्हें अर्घ्य दें।
- इसके अलावा आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करना भी अति लाभकारी होता है।
- अपनी सभी प्रकार की यात्राएं, सफर, बाहर जाना कम से कम 2 जून तक टाले।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।