सरकार की फ्री बोरिंग योजनाः साकार किसान के खेत में लगाएगी फ्री बोरिंग Publish Date : 07/05/2024
सरकार की फ्री बोरिंग योजनाः साकार किसान के खेत में लगाएगी फ्री बोरिंग
डॉ0 राकेश सिंह सेंगर
देश में गेहूं की कटाई का कार्य किसान लगभग पूरा कर चुके है। साथ ही गेहूं उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी खरीदी का काम राज्य सरकारों के द्वारा किया जा रहा है। इस सब के बीच प्रदेश के कई इलाकों में किसान खरीफ के मौसम में धान की फसल हेतु आवश्यक तैयारियां करने में भी अब जुट गए हैं। धान की फसल दूसरी सबसे बड़ी खाद्यान्न फसल है, जिसकी खेती बारिश के सीजन (जून से जुलाई) यानी कि खरीफ के मौसम में की जाती है।
हालांकि, प्रदेश में धान की खेती करने वाले किसानों को इसकी सिंचाई करने के दौरान प्रतिवर्ष बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि धान के पौधों को पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। बड़े किसान तो बोरवेल एवं अन्य सिंचाई साधनों के सहारे धान की खेती कर लेते हैं, लेकिन प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसान फसल की सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर रहते हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
किसानों की इसी समस्या को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने उथले नलकूप योजना शुरू की है। इसके तहत सरकार छोटे और सीमांत किसानों के खेतों में मुफ्त बोरिंग करा रही है। यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। हमारी इस पोस्ट में फ्री नलकूप बोरिंग के लिए आवेदन कैसे करें और इसके लिए अनिवार्य दस्तावेज क्या-क्या होंगे आदि के सम्बन्ध में पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है।
क्या है यह उथले नलकूप (बोरिंग) योजना
फ्री बोरिंग योजना का संचालन कृषि विभाग द्वारा वर्ष 1985 से किया जा रहा है। यह विभाग की फ्लैगशिप योजना है, जिससे अतिदोहित/क्रिटिकल विकास खंडों को छोड़कर प्रदेश के सभी जनपदों में लघु औेर सीमांत कृषकों के लिए लागू किया गया है। ऐसे में राज्य के जरूरतमंद किसान कृषि विभाग की इस योजना के तहत अपने खेतों में मुफ्त बोरिंग करा सकते हैं और समय से अपने खेत की सिंचाई कर फसल उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
लघु एवं सीमांत किसान के लिए अनुदान
उत्तर प्रदेश सरकार के लघु सिंचाई विभाग, प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश में उथले नलकूप फ्री बोरिंग योजना संचालित की जा रही है। इसके तहत सभी जनपदों के सामान्य वर्ग के लघु एवं सीमांत किसानों के साथ ही अनुसूचित जाति और जनजाति श्रेणी के किसानों के खेतों में फ्री बोरिंग करने एवं नलकूप हेतु सहायक सामग्री जैसे पंपसेट और पाइप लाइन आदि की खरीद के लिए बैंक ऋण एवं लागत खर्च पर अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
राज्य उथले नलकूप योजना के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी के लघु जोत भूमि वाले किसानों को 5 हजार रुपए, सीमांत जोत वाले कृषकों को बोरिंग हेतु 7 हजार रुपए और अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों के लिए बोरिंग पर अनुदान की अधिकतम सीमा 10000 हजार रुपए निर्धारित की गई है। योजना के तहत लाभार्थी को पंपसेट स्थापित करने की व्यवस्था स्वयं ही करनी होगी।
नलकूप फ्री बोरिंग योजना के लिए निर्धारित नियम
उत्तर सरकार की यह योजना राज्य के लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए है। इस योजना में सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमान्त कृषकों के साथ-साथ अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को बोरिंग पर अनुदान की अधिकतम सीमा क्रमशः 5000 हजार, 7000 हजार रुपए और 10 हजार रुपए निर्धारित किया गया है। योजना के अन्तर्गत सामान्य लाभार्थियों के लिए जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर निर्धारित है, जबकि अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों हेतु न्यूनतम जोत सीमा का प्रतिबंध तथा पंपसेट स्थापित करने के लिए कोई बाध्यता नहीं है।
बोरिंग पंपसेट क्रय कर स्थापित करने पर लघु कृषकों को अधिकतम 4500 रुपए व सीमांत कृषकों हेतु 6000 रुपए का अनुदान अनुमन्य है। वहीं, योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों के लिए 10000 हजार रूपये की सीमा के अन्तर्गत बोरिंग से धनराशि शेष रहने पर रिफ्लेक्स वाल्व, डिलिवरी पाइप, बेंड आदि सामग्री उपलब्ध कराने की अतिरिक्त सुविधा भी उपलब्ध है। पम्पसेट स्थापित करने पर अधिकतम 9000 हजार रुपए का अनुदान अनुमन्य है।
फ्री बोरिंग योजना में आवेदन हेतु दस्तावेज
इच्छुक किसान बोरिंग योजना में फ्री बोरिंग का लाभ लेना चाहते हैं, तो उन्हें आवेदन के समय अपना आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए), बैंक खाता विवरण बैंक पासबुक की कॉपी, मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
उथले नलकूप बोरिंग योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर प्रदेश सरकार के लघु सिंचाई विभाग की उथले नलकूप बोरिंग योजना के अंतर्गत किसान अपने खेत में फ्री बोरिंग करा सकते हैं। इसके लिए इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर योजना का आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा। इसके बाद आवेदन पत्र में मांगी गई सभी संबंधित जानकारी सही-सही प्रविष्ट होगी। इसके बाद आवेदन पत्र के साथ सभी जरूरी दस्तावेजों की प्रतियां अटैच कर अपने जिले के लघु सिंचाई विभाग में जमा करना होगा। आपके द्वारा जमा कराए गए आवेदन पत्र का सत्यापन विभाग द्वारा किया जाएगा।
सब कुछ ठीक पाये जाने पर आपको फ्री बोरिंग योजना का लाभ (Benefit of Free Boring Scheme) का लाभ प्रदान किया जाएगा। इसके सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए किसान बोरिंग योजना उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइटः https://minorirrigationup.gov.in/StaticPages/scheme-hi.aspx पर विजिट कर सकते हैं।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।