ग्रामीण कृषि मौसम सेवा      Publish Date : 12/05/2023

09/05/023                                                                                                                                                      Regional Advisory

                                                                                          ग्रामीण कृषि मौसम सेवा

                                                                                       भारत मौसम विज्ञान विभाग

                                                                     प्रायोगिक ब्लॉक स्तरीय एग्रोमेट एडवाइजरी बुलेटिन

                                                                      (आईएमडी एवं आईसीएआर की एक संयुक्त पहल)

                                                                                   मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाएं

                                                                                                                                                                                        दिनाँक: 09/05/023

मेरठ (उत्तर प्रदेश) में मेरठ ब्लॉक के मौसम का पूर्वानुमान. जारी करने का दिन: 2023.05.09 (अगले 05 दिनों तक वैद्य).

मौसम कारक

2023.05.10

2023.05.11

2023.05.12

2023.05.13

2023.05.14

वर्षा (मिमी)

0.0

0.0

0.0

0.0

0.3

अधिकतम तामपमान (सें.)

36.5

35.9

37.3

39.8

42.1

न्यूनतम तापमान (सें.)

21.8

21.6

23.1

24.3

27.8

अधिकतम सापेक्षिक आर्द्रता (%)

21

14

13

15

17

न्यूनतम सापेक्षिक आर्द्रता (%)

11

7

5

5

6

हवा की गति (किमी/घण्टा)

15

13

9

9

10

हवा की दिशा (डिग्री)

302

297

330

360

68

क्लाउड कवर (ओक्टा0.0)

0

0

0

0

3

मौसम सारांश/चेतावनी:

     “आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहेगा। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमशः 37.0 से 43.0 एवं 19.0 से 26.0 डिग्री सेल्सियस रहेगा। इस दौरान पूर्वान्ह् 27.21 को सापेक्षिक आर्द्रता 52 से 58 एवं दोपहर बाद अपरान्ह् 2.21 को 29 से 34 प्रतिशत रहेगी। हवा की गति 9.0 से 15.0 कि.मी. प्रति रहने का अनुमान है। ईआरएफएस उत्पादों के अनुसार 12-18 मई 2023 में अधिकतम तापमान सामान्य एवं न्यूनतम तापमान सामान्य से कम एवं सामान्य वर्षा होने का अनुमान है।”

सामान्य सलाहाकार:

     ‘‘किसानों को सलाह दी जाती है कि पिछले सप्ताह का मौसमए मौसम पूर्वानुमान और कृषि मौसम परामर्श प्राप्त करने के लिए ‘‘मेघदूत एप’’ और बिजली की जानकारी प्राप्त करने के लिए “मिनी एप” डाउनलोड करें, यह एप बिजली के गिरने की पूर्व सूचना देने के साथ ही उससे बचाव की जानकारी भी प्रदान करता है। इन दोनो एप्स को गूगल प्ले स्टोर “एण्ंड्रॉयड यूजर्स” और एप सेंटर (आईओएस यूजर्स) के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है। सब्जियों में कीट, घून और रोगों की निगरानी रखें। मौसमी सब्जियों से खरपतवार को हटाने के लिए इंटरकल्चरल कार्यक्रम की सलाह दी जाती है।“

लघु सन्देश सलाहाकार:

     “आने वाले दिनों में मौसम आमतौर पर शुष्क ही रहेगा। अतः समस्त फसलों एवं सब्जियों की आवश्यकता के अनुसार हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाती है।“

फसल विशिष्ट सलाहः

फसल फसल विशिष्ट सलाह
अरहर (लाल चना/अरहर) किसान अरहर की बुआई हेतु अपने खेतों को तैयार करें तथा बीज किसी प्रमाणित स्रोत से ही खरीदें।
गन्ना गन्ने की गुड़ाई समय समय पर करते रहें। चोटी बेधक की रोकथाम के लिए कोराजन 150 एमएल/400 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से ड्रेंचिंग करें। काला चिकटा, थ्रिप्स एवं मिलीबग के लिए साइपेर्मेथिलीन प्रोफानोफॉस 40 प्रतिशत 700-800 लीटर पानी में घोलकर प्रतिएकड़ की दर से छिड़काव करें। लाल सड़न रोग से बचाव के लए इससे प्रभावित पौधों को उखाड़कर फेंक दें।  

बागवानी विशिष्ट सलाह:

बागवानी बागवानी विशिष्ट सलाह
प्याज इस मौसम में प्याज तथा लहसुन की तैयार फसल की खुदायी से 10-12 दिन पूर्व एक हल्की सिंचाई के उपरांत ही खुदायी करें।

  पशुपालन विशिष्ट सलाह:

पशुपालन पशुपालन विशिष्ट सलाह
भैंस पशुओं को गर्मी एवं लू आदि से बचाकर रखें और उन्हें खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में हरे चारा दें और उनके पीने के लिए पानी की पर्याप्त व्यवस्था करें। पानी की गर्तों को स्वच्छ रखें तथा पशुओं को दिन में कम से कम चार बार पानी अवश्य पिलाएं। भैंस के बच्चे को पित्ता रोग से बचाने के लिए 10-15ब् नीम का तेल बच्चे को उसके जन्म के 10 दिन बाद तुरंत ही देना चाहिए। इसके बाद, 10-15 सीसी नीम का तेल बच्चे को दें। पशुओं में मुंहपका एवं खुरपका रोग से बचाव के लिए टीका लगवाएं और पशुओं के लिए बदलते हुए मौसम के अनुरूप ही पौष्टिक व्यवस्था करें। पशुओं को नियंत्रि रखने के साधन (हैंडलर) को बार-बार नी बदलें और पशु को नियंत्रित रखने/बांधने की रस्सियों अथवा चैन आदि को उपयोग करने के बाद हर बार साबुन के घोल आदि से उन्हें कीटाणु रहित करें।  

  लेखकः आर. एस. सेंगर, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी के प्रोफेसर तथा कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं।