
पराली के प्रबंधन में सुपर सीडर मशीन Publish Date : 26/02/2025
पराली के प्रबंधन में सुपर सीडर मशीन
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
‘सुपर सीडर मशीन का उपयोग करने से धान की कटाई के बाद खेत में फैले हुए फसल के अवशेषों को जलाने की आवश्यकता नहीं है। सुपर सीडर मशीन के माध्यम से धान की पराली को जमीन में ही कुतर दिया जाता है और अगली फसल की बुआई के लिए खेत तैयार हो जाता है। इस मशीन का उपयोग करने से जमीन की सेहत भी बेहतर होती है और खाद सम्बन्धित खर्च भी कम होता है। सुपर सीडर, धान की कटाई कर लेने के तुरंत बाद गेहूं की बुआई के लिए उपयोग में आने वाला एक कृषि यंत्र है। यह पराली को खेतों से निकाले बिना ही गेहूं की सीधी बुआई (बीजाई) करने के काम में लाया जाता है।‘
पराली की समस्या से निजात पाने के लिए सुपर सीडर मशीन वरदान की तरह साबित हो रही है। इस मशीन से बुआई कम समय व कम व्यय के साथ की जा सकती है। इसके अतिरिक्त अधिक उत्पादन और पर्यावरण प्रदूषण पर रोक तथा जल का संचयन भी आसानी से किया जा सकता है। इस मशीन का उपयोग धान, गन्ना और मक्का आदि फसलों की जड़ों और डंठलों को खेत से हटाने के लिए भी किया जाता है।
सुपर सीडर मशीन के कार्य
सुपर सीडर मशीन धान के डंठलों को हटाकर मृदा में मिलाने का काम करती है। यह सभी किस्मों के बीज बोते हुए जमीन तैयार करती है। इस मशीन के द्वारा किए जाने वाले कार्यों के निम्नलिखित बिन्दु हैं:-
- इस मशीन में धान के अवशेषों को कुतरने के लिए रोटावेटर और गेहूं बोने के लिए एक जीरो-टिल सीडड्रिल यंत्र लगा होता है।
- अवशेष प्रबंधन के लिए रोटावेटर पर फ्रलेल टाइप के सीधे ब्लेड लगे होते हैं। ये बुआई के समय पराली को काटने/दबाने/हटाने आदि कार्यों में सहायक होते हैं।
- मृदा में बीज के उचित स्थान के लिए प्रत्येक पंक्ति को रोटावेटर के एक चक्कर में दो बार साफ किया जा सकता है।
- बीज वाली पंक्तियों के बीच अवशेषों को यथासंभव सतह पर धकेला जाता है।
- यह मशीन कार्य शक्ति के हिसाब से 35 से 65 हॉर्स पॉवर के ट्रैक्टर की मदद से चलाई जा सकती है।
- इस मशीन से बुआई के समय फसलों की दूरी और गहराई भी सुनिश्चित की जा सकती है।
सुपर सीडर से बीज की मात्रा का सही आकलन
- ड्राइव व्हील के व्यास (D) को मापें और मीटर में इसकी परिधि यानी πD की गणना करें।
- द्वितीय खांचे और रिक्त की संख्या को गुणा करके ड्रिलिंग मशीन के मीटर में कवरेज की प्रभावी चौड़ाई (W) को मापें।
- एक हैक्टर को कवर करने के लिए दूरी/लंबाई (L) की गणना प्रभावी कवरेज (W) द्वारा 10,000M2 (एक हैक्टर क्षेत्र) को विभाजित करके की जाती है।
विशेषताएं
- बीज बोने में मददगार
- मिट्टी और अवशेषों को प्रभावी ढंग से मिलाया जा सकता हैं।
- एक बार की जुताई में ही हो जाती है बुआई।
- बुआई करने पर फसल उत्पादन में 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होती है।
- इससे बुवाई करने की लागत में लगभग 50 प्रतिशत तक की कमी आती है।
- श्रम शक्ति की आवश्यकता भी न्यूनतम होती है।
- सिंचाई के जल में भी प्रभावी बचत होती है।
- खरपतवार की समस्या भी कम हो जाती है।
- 10 से 12 इंच तक की ऊँचाई वाली धान की पराली को खेत में जोतकर यह गेहूं की बुआई करने में सक्षम होती है।
- दूरी (L) यानी एक हैक्टर का 1/100वां भाग मीटर में L/100 के बराबर होगा।
- दूरी तय करने के लिए, ड्राइव व्हील को (n) टर्न लेना पड़ता है यानी = L/πD।
- खेत की स्थिति में ड्राइव व्हील की 10 प्रतिशत स्लिपेज की अनुमति देकर, (N) मोड़ में दूरी तय की जा सकती है यानी = (n.0,1n)।
सुपर सीडर को उठाएं, ताकि ड्राइव व्हील घूमने के लिए स्वतंत्र हो जाए। बीज बॉक्स में बीज भरें, बीज दर समायोजन लीवर के माध्यम से सेट करें और पहिए को तब तक घुमाएं जब तक कि बीज जमीन पर न गिरने लगें। ड्राइव व्हील रिम पर चॉक का निशान लगाएं और फिर से (n) मोड़ के लिए व्हील को घुमाएं।
सीडड्रिल के नीचे कुल बीज को एकत्र करें और उसके वजन की माप करें। इस प्रकार प्रति हैक्टर बीज दर की गणना की जा सकती है। बीज दर में कोई भी परिवर्तन करना, यदि आवश्यक हो, लीवर को समायोजित करके और वांछित बीज दर प्राप्त होने तक मशीन को पुनः अंशांकन करके पूरा किया जा सकता है।
प्रत्येक ओपनर से गिराए गए बीज की मात्रा का वजन करें और विभिन्न पंक्तियों में भिन्नता को जानने के लिए डेटा शीट पर रिकॉर्ड करें। उदाहरण के लिए प्रति हैक्टर बीज दर की गणना करें। एक सीडड्रिल या सुपर सीडर को अंशांकन करते समय निम्नलिखित परिणाम प्राप्त हुए। कुल फर्रो की संख्याः 10, फर्रा के बीच की दूरी: 20 सें.मी., पहिए का व्यास: 1.5 मीटर, चाल: 500 चक्कर प्रति मिनट, एकत्रित बीज: 20 कि.ग्रा./है।
- बीज ड्रिल की प्रभावी चौड़ाई = 10×20 सें.मी. = 2 मीटर।
- व्यास की परिधि: = π×1.5 मीटर = 4.71 मीटर।
- एक चक्कर में कुल शामिल क्षेत्राः = π×1.5×2 = 9.42 मीटर।
- कुल 500 चक्कर में शामिल क्षेत्रः = π×1.5×2×500 = 4712.3 मीटर।
- बीज गिराः 4712.3 मीटर2 = 20 कि.ग्रा.।
- कुल बीज गिरा प्रति हैक्टर: = 20×10000/4712.3 = 42.44 कि.ग्रा.।
सुपर सीडर मशीन किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी कृषि यंत्र है। इससे मजदूरी, समय और पैसे आदि की भी बचत होती है। इसके उपयोग से वातावरण दूषित नहीं होगा और मृदा का स्वास्थ्य एवं उर्वरता तथा गुणवत्ता अच्छी बनी रहेगी। इस मशीन के उपयोग से पराली को खेतों से बिना निकाले ही गेहूं की सीधी बुआई की जा सकती है। यदि लागत को देखा जाये, तो 4000 रुपये प्रति हैक्टर की कमी कर बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इसके माध्यम से की गई गेहूं की बुआई में कम समय और कम खर्च के साथ-साथ अधिक उत्पादन में बढ़ोत्तरी देखी गई है।
लाभः
- गेहूं, सोयाबीन या घास के बीजों को लगाने में मददगार।
- धान के पुआल की खेती में भी इसका उपयोग।
- विभिन्न प्रकार की फसलों की जड़ों और डंठलों को हटाने का कार्य।
- अवशेषों को जलाने से रोकने और पर्यावरण की रक्षा में सहायक।
संचालन और देखभाल आसान
- कल्टीवेशन, मल्चिंग, बुआई और उर्वरकों को फैलाने में उपयोगी।
- समय की और बुआई की लागत में बचत होती है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।