कृषि यंत्र : फसल कटाईं का एक विशेष यंत्र “रीपर”      Publish Date : 01/08/2024

                          कृषि यंत्र : फसल कटाईं का एक विशेष यंत्र “रीपर”

                                                                                                                                                                 प्रोफेसर राकेश सिंह सेंगर एवं डॉ0 कृषाणु

यदि किसान अपनी फसल की कटाईं उचित समय पर नही कर पाते हैं तो इससे उनका नुकसान और बढ़ जाता है। फसलों की कटाईं के दौरान होने वाली श्रमिकों की कमी को फसलों की कटाईं से सम्बन्धित मशीनों की सहायता से आसानी से दूर किया जा सकता है, और फसल के नकसान को कम किया जा सकता है। फसल की कटाईं से जड़ा एक ऐसा ही यंत्र है वर्टिंकल कनवेयर रीपर।

फसल की कटाईं की मशीन रीपर

                                                                    

फसलों की कटाईं करने के लिए वर्टिंकल कनवेयर रीपर एक बहत ही कारगर मशीन है। इसके द्वारा कम समय और कम खर्चं में अधिक फसल काटी जा सकती है। कृषि श्रमिकों की बढ़ती किल्लत के चलते यह मशीन अधिक कारगर सिद्व हो रही है।

ट्रैक्टर से चलने वाले यह रीपर अपनी श्रेणी की दूसरी मशीनों से काफी अलग है। इस मशीन से फसलों की कटाईं करने वाली मशीन के सम्पर्कं में नही आती हैं, जिससे फसल टूटने के कारण होने वाला नुकसान कम हो जाता है। कटाईं करने के बाद यह मशीन फसल को एक दिशा एवं एक ही लाईंन में रखती है, जिससे फसल को एकत्र करना एवं उसके बंडल बनाना बहत आसान हो जाता है।

यह मशीन ट्रैक्टर के द्वारा आवश्यकता के अनुसार ऊपर या नीचे की ओर एडजेस्ट की जा सकती है। खड़ी फसल को एक सीध में पंक्ति बनाकर रखा जाता है और स्टार हृील कटी फसल को कटवार की ओर धकेलता है, इसके बाद कटवार खड़ी फसल की कटाईं कर देता है।

इस मशीन का उपयोग ऐसी फसलों की कटाईं के लिए किया जाता है, जिनके बीच कोईं दूसरी फसल न बोईं गईं हो। कटाईं के बाद बेल्ट कनवेयर की सहायता से काटी गईं फसल को मशीन के दाहिनी ओर लेकर जाया जाता है और उसे एक लाईंन में मशीन की दिशा में जमीन पर रख दिया जाता है।

आमतौर पर एक हैक्टेयर गेंहूँ की फसल की एक घंटे में कटाईं व मड़ाईं करने के लिए लगभग 48 श्रमिकों की आवश्यकता होती है, जबकि वर्टिंकल कनवेयर रीपर मशीन के द्वारा इस काम को करने के लिए केवल 3 से चार श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है। इस मशीन का उपयोग करके किसान भाइ भूसा भी प्राप्त कर सकते हैं, जबकि कंबाईंन मशीन के द्वारा गेंहूँ की कटाईं करने पर किसान को भूसा नही मिलता है। किसान इस मशीन से काम कर अपना समय, धन एवं ऊर्जां आदि की बचत कर सकते हैं।

मशीन का रखरखाव एवं देखभाल

                                                         

यदि किसी किसान को रीपर मशीन को संचालित करने में कोईं परेशानी आती है तो वह कटवार के अनुसार वजन को कम कर लें, इसकी छुरी पैनी न हों तो उन्हें पैनी कर लेनी चाहिए या उन्हें बदल लेना चाहिए, यदि इस मशीन के द्वारा कटाईं एक जैसी नही हो रही हो तो देखना चाहिए कि लेजर पेट टूटी तो नही है, यदि वह टूटी हुईं है तो उसे बदल लेना चाहिए।

मशीन को ऑपरेट करने से पहले जांच लेना चाहिए कि मशीन के सभी नट, बोट अच्छी तरह से कसे हुए हैं अथवा नही तथा दोनों कनवेयर बेल्टऔर सटार हृील आसानी एवं बिना किसी कावट क चल रहे हैं अािवा नही।

मशीन के समस्त घूमने वले पाटर््ंस में अचछी तरह से ग्रीसिंग या तेल छालते रहना चाहिए, छुरी की धार को भी समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए। खेत मे काम पूरा हो जाने के बाद कअवार की सफाईं करना बहुत आवष्यक होता है। मशीन के काम करते समय इसके समीप किसी वयक्ति को नही होना चाहिए, अन्यथा कोईं दुर्घंटना भी हो सकती है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।