बारहमासी फूलों की खेती करने का वैज्ञानिक तरीका Publish Date : 20/09/2024
बारहमासी फूलों की खेती करने का वैज्ञानिक तरीका
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, डॉ0 वर्ष रानी एवं गरिमा शर्मा
फूलों की व्यवसायिक खेती के लिए कई फूल ऐसे होते है जो कम लागत में अच्छा मुनाफा देते हैं। ऐसे में जो किसान भाई कम निवेश में खेती से अच्छा मुनाफा कमाने की सोच रखते हैं तो इसके परिप्रेक्ष्य में बारहमासी फूलों की खेती ऐसे किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है। बारहमासी फूल, जो न केवल पूरे साल खिलते हैं और इसी के सापेक्ष इनकी मांग भी बाजार में प्रत्येक मौसम में ज्यों की त्यों बनी रहती है।
किसान भाई यह खेती मात्र दस हजार रुपये के शुरुआती निवेश से करना आरम्भ कर सकते हैं और कुछ ही समय में वह इससे अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। हमारे एक्सपर्ट्स के अनुसार, सही तकनीक और देखभाल के द्वारा किसान इसकी खेती करते है तो यह किसानों को लगातार आय देती रहती है।
बारहमासी फूलों की खेती को विशेषरूप से इसलिए अधिक पसंद किया जाता है क्योंकि यह पौधे साल भर बढ़ते और फूलते;फलते रहते हैं। इन फूलों का उपयोग न केवल सजावट के लिए किया जाता है, बल्कि यह शादी विवाह, पूजा, और अन्य विशेष अवसरों पर इनकी मांग भी बढ़ जाती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यदि एक बार सही तरीके से इसके पौधे लगा दिए जाएं, तो इनकी बार-बार बुवाई करने की की जरूरत नहीं होती और लंबे समय तक यह पौधे फूल देते रहते हैं।
प्रगतिशील किसान एवं फूलों के एक्सपोर्टर बताते हैं कि बारहमासी फूलों की खेती के लिए दोमट और अच्छी जल निकासी वाली भूमि को सबसे उपयुक्त माना जाता है। बुआई करने से पहले खेत की मृदा को अच्छे तरीके से तैयार कर लेना चाहिए। खेत को जोतकर उसमें जैविक खाद डालने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ जाती है और पौधों को पर्याप्त पोषण भी मिलता रहता हैं। बारहमासी फलों की खेती को करने के लिए सबसे पहले किसी अच्छी नर्सरी से उत्तम क्वालिटी के बीज या पौध ले लेना चाहिए।
पौध तैयार हो जाने के बाद उन्हें खेत में लगाया जा सकता है। बारहमासी फूलों की खेती में नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। गर्मी के मौसम में पानी की मात्रा थोड़ी बढ़ानी पड़ती है। जैविक खाद और नाइट्रोजन युक्त उर्वरक पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए सहायक होते हैं। इसके साथ ही उर्वरकों का संतुलित उपयोग करना उत्पादन को बढ़ा देता है।
कृषि एक्सपर्ट डॉ0 सेंगर के अनुसार सबसे ज्यादा उगाए जाने वाले और लाभदायक फूलों में गेंदा प्रमुख रूप शामिल है। किसान भाई यदि गेंदा की खेती करें तो इसकी मांग बाजार में हमेशा ही बनी रहती है। वैसे चमेली के फूलों की खेती भी काफी लाभदायक होती है। सजावट और इत्र उद्योग में इसकी बहुत अधिक मांग रहती है। इस फूल की मांग शादी और पूजा के कार्यों में भी अधिक होती है। ग्लैडिओलस का पौधा बारहमासी होता है और इसका उपयोग सजावटी फूलों के रूप में बहुतायत से किया जाता है।
डॉ0 सेंगर कहते हैं कि किसान भाई मात्र दस हजार रुपये के शुरुआती निवेश से बारहमासी फूलों की खेती की शुरुआत आसानी से कर सकते हैं। इस निवेश में किसान को बीज, खाद, सिंचाई, और पौध संरक्षण के लिए जरूरी सामग्री का क्रय करना होता है। शुरुआती कुछ महीनों में मेहनत करने के बाद, यदि एक बार पौधों की सही तरीकों से देखभाल की जाए तो फिर यह खेती किसानों को लगातार फूल देती रहती है और जिससे उनका मुनाफा बढ़ता रहता है।
डॉ0 सेंगर के अनुसार, सही समय पर पौधों की कटिंग करने से फूलों की संख्या बढ़ जाती है और पौधों के चारों ओर मल्चिंग करने से जमीन में नमी बनी रहती है जिससे उत्पादन में सुधार होता है। हालांकि, इसके लिए किसानों को स्थानीय और बड़े बाजारों में मांग के अनुरूप ही अपने फूलों की सप्लाई सुनिश्चित करनी चाहिए। विशेष एवं महत्वपूर्ण अवसरों जैसे कि शादी विवाह और त्योहार आदि के दौरान फूलों की कीमतें भी बढ़ जाती हैं, जिससे किसान भईयों का मुनाफा भी बढ़ सकता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।