आयुर्वेदिक सलाह : काली गाजर सेहत के लिए लाभकारी Publish Date : 03/02/2024
आयुर्वेदिक सलाह : काली गाजर सेहत के लिए लाभकारी
काली गाजर में एंथोसाइएनिन, पॉलीफेनॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो इन्फेक्शन के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। काली गाजर एक महत्वपूर्ण जड़ वाली सब्जीं होने के साथ-साथ बहुपोष्टिक खाद्य स्रोत भी है, जो प्राकृतिक लाभकारी लोगों से भरपूर पोषक तत्वों के लिए पहचानी जाती है। यह इन्फेक्शन के खतरे को कम करने में भी सहायक होती है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाले एंथ्रोसाइएनिन और पॉलिफिनॉल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट उच्च मात्रा में होते हैं जो आपके शरीर में खतरनाक मुक्त कणों से लड़ने का काम करते हैं।
इसके साथ ही इस गाजर में पाए जाने वाले विशेष प्रकार के कैरोटीन पाली एसिडिटी फाइटोकेमिकल्स और एस्कोरबिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण रसायन अपने एंटीऑक्सीडेंट सृजन रोड़ी प्लाज्मा लिपिड को काम करने और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने के लिए भी सहायता करते हैं। विटामिन ए केतनॉएड्स नमक प्रो विटामिन विशेष रूप से गाजर के सेवन से प्राप्त होने वाला तत्व है यह शरीर को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
गाजर के रस के सेवन से आंखों की रोशनी पर लाभकारी प्रभाव पड़ सकता है, गाजर पाचन संबंधी समस्याओं में भी निजात दिलाता है। अतः जिन लोगों को कब्ज रहता हो यदि वह दो-तीन गाजर दिन में सेवन करते हैं तो उनका कब्ज भी ठीक हो सकता है।
यदि आपको गाजर का जूस पीने से कोई अशुद्धि एलर्जी या कोई अन्य अशुद्ध जनक लक्षण महसूस होता है तो आपको अपने डॉक्टर और आहार विशेषज्ञ से बात करने के बाद ही गाजर के जूस का सेवन करना चाहिए। परन्तु देखा गया है कि बहुत कम लोगों को गाजर के जूस से परेशानी होती है अन्यथा लगभग 98 प्रतिशत लोगों को गाजर का जूस फायदा ही करता है।