बांस की पत्तियों से अल्सर का उपचार कैसे किया जाता है Publish Date : 12/10/2023
बांस की पत्तियों से अल्सर का उपचार कैसे किया जाता है?
डॉ0 सुशील कुमार शर्मा एवं मुकेश शर्मा
Cure Ulcer With Bamboo Leaves: पेट के अल्सर की समस्या को दूर करने के लिए आप बांस के पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं अल्सर के उपचार में बांस से प्राप्त होने वाले लाभों के बारे में आयुर्वेदाचार्य डॉ0 सुशील शर्मा से-
Treat Ulcer With Bamboo Leaves: समय के साथ डाइट में आए विभिन्न बदलावो के कारण हमें पाचन संबंधी कई तरह के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। असल में, हमारे लाइफस्टाइल और डाइट, इन दोनों का ही हमारे स्वास्थ्य पर बहुत गहरा असर पड़ता है। जब हम बिना कुछ सोचे समझें लगातार अस्वस्थकारी जंक फूड आदि का सेवन करते रहते हैं, तो यह हमारे पेट दर्द का कारण भी बन सकता है। ऐसे में पेट दर्द, गैस, अपच, एसिडिटी, पेट का फूलना और अल्सर जैसे गम्भीर लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। अल्सर हमारे पेट के अंदर आंतों में घाव होते है, जो आंतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस समस्या को गैस्ट्रिक अल्सर के नाम से भी जाना जाता है। तो अब बात करते हैं आयुर्वेदाचार्य डॉ सुशील शर्मा जी से और जानते हैं कि अल्सर की समस्या को बांस के पत्तों की सहायता से किस प्रकार कम किया जा सकता हैं।
सबसे पहले जानते हैं अल्सर होने के क्या कारण होते है?
जब हमारे पेट में एसिड बनता है तो यह हमारी आंतों की अंदरुनी परत को नुकसान पहुंचा सकता है। जब यही एसिड संवेदनशील त्वचा के संपर्क में आता है तो उसमें घाव बनने लगते हैं जो कि यह बैक्टीरियल संक्रमण का भी कारण बन सकता है। हालांकि शुरुआत में इन लक्षणों की पहचान नहीं हो पाती है, लेकिन जब यह ज्यादा गंभीर हो जाते हैं, तो ऐसे में हमें गैस व अपच आदि की समस्या हो सकती है। ज्यादा परेशानी होने पर हमारे पेट में निरंतर दर्द बना रह सकता है।
विभिन्न डॉक्टर्स के अनुसार लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन करना, दर्द निवारक स्टेरॉयड दवाओं का सेवन और शराब आदि के नियमित सेवन से भी अल्सर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस दौरान मरीज को रात में पेट में दर्द, गैस, उल्टी, खट्टी डकार आना, भूख न लगना, वजन का कम होना, पेट में भारीपन महसूस होना व पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होना आदि लक्षण सामने आ सकते हैं।
पेट के अल्सर में बांस के पत्तों का सेवन करने से लाभ- Benefits Of Bamboo Leaves In Ulcers
पेट की जलन के शांत करते हैं
बांस की पत्तियां नेचुरल एंजाइम्स से भरपूर होती हैं। इन पत्तियों में सिलिका होता है, जो म्यूकस मेम्ब्रेन की राहत प्रदान करता है। गैस्ट्रिक अल्सर के मरीजों के लिए बांस की पत्तियों का अर्क आंतों की सूजन को कम करने में सहायता कर सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
बांस की पत्तियों में फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है और एंटीऑक्सीडेंट शरीर के फ्री रेडिकल्स को बेअसर करने में मदद करते हैं। फ्री रेडिकल्स अल्सर को बनने का कारण भी बन सकते हैं। ऐसे में बांस की पत्तियों का काढ़ा पीने से अल्सर को कम करने में सहायक हो सकता है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
अल्सर होने पर पेट में सूजन होने लगती है। बांस की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इसके सेवन से अल्सर के दौरान होने वाले दर्द में भी राहत मिलती है।
पाचन क्रिया करें दुरूस्त
बांस के पत्तों में फाइबर होता है, पाचन क्रिया को बेहतर करता है और यह कब्ज की समस्या को कम करता है। कब्ज की समस्या को दूर कर हम अल्सर के लक्षणों को भी कम कर सकते हैं। इससे हमारी पाचन क्रिया ठीक होती है और हमारे पेट में आहार तेजी के साथ पचता है।
अल्सर के लिए बांस के पत्ते का सेवन कैसे करें? How To Eat Bamboo Leaves In Ulcers
- बांस के पत्तों की चाय - इसे बनाने के लिए आप बांस की ताजा पत्तियों को करीब दो कप पानी के साथ उबालें, जब यह पानी आधा रह जाए तो इसे गैस से उतार लें और इसे चाय की तरह से पिएं।
- पत्तियों का पाउडर - बांस की पत्तियों का पाउडर बना लें, इस पाउडर का सेवन आप दही या स्मूदी के साथ कर सकते हैं।
- पत्तियों का अर्क - बांस की पत्तियों को पीस कर इसका रस निकाल लें। इसका सेवन करने से पेट के अल्सर में आराम मिलता है।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा वर्ष 1992 से एक आयुर्वेदाचार्य के रूप में कार्य कर रहें हैं।