रक्त को शुद्ध करने की युक्ति है मंजिष्ठा      Publish Date : 20/06/2025

              रक्त को शुद्ध करने की युक्ति है मंजिष्ठा

                                                                                                                                                डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

मंजिष्ठा, अपने आप में औषधीय गुणों से भरपूर एक जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग रक्त को शुद्ध करने के लिए पुराने समय से ही किया जाता रा है।आयुर्वेद में मंजिष्ठा का उपयोग औषधि के रूप में बहुत समय से किया जाता रहा है। इसकी जड़, तना, फल और पत्ते सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। मंजिष्ठा रक्त को शुद्ध कर त्वचा और सेहत को स्वस्थ बनाता है।

मंजिष्टा पित्त को कम करके, शरीर की गर्मी और एसिडिटी से राहत भी प्रदान करता है।इ सका सेवन करने से त्वचा के तमाम रोग दूर हो जाते हैं। यह जड़ी-बूटी रक्त को साफ और पित्त को कम करके त्वचा से जुड़ी समस्याओं से हमें निजात दिलाता है। अपने वजन को कम करने के लिए आप मंजिष्ठा की चाय या काढा बनाकर पी सकते हैं।

                                                 

मंजिष्ठा का काढ़ा बनाने के लिए इसका एक छोटा-सा टुकड़ा लें। फिर इसे पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें। आप आप चाय की तरह से इसका नियमित तौर पर सेवन कर सकते हैं। मंजिष्ठा में एंटी-बायोटिक गुण भी होते हैं, जो मधुमेह को नियंत्रित करने का काम करते हैं।

मंजिष्ठा त्वचा के रंग को निखारने में भी मदद करती है। इसका तेल त्वचा पर लगाने से सूजन और संक्रमण से राहत मिल सकती है। मंजिष्ठा का उपयोग करके महिलाएं मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और अधिक ब्लीडिंग के जैसी समस्याओं से राहत पा सकती हैं। इसके साथ ही मंजिष्ठा गुर्दे (किडनी) और पित्त की थैली की पथरी के उपचार में लाभकारी रहता है।

                                                    

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ कहते हैं कि बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को मंजिष्ठा के सेवन से बचना चाहिए अथवा वह इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें। अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है, तो इसका सेवन करने से पहले किसी आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह अवश्य ही लें।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।