
उचित थेरेपी अपनाकर, बिना दवा के दर्द होगा दूर Publish Date : 23/05/2025
उचित थेरेपी अपनाकर, बिना दवा के दर्द होगा दूर
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
शरीर पर मसालों का लेप लगाने से आपके शरीर को ऊर्जा मिलती है, ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक बना रहता है। पिंड स्वेद थेरेपी में शरीर का इतना पसीना बहता है कि इससे पूरा शरीर अंदर से साफ हो जाता है। ऐसी विभिन्न थेरेपीज है, जो हमारे शरीर को अंदर से साफ करके या रिलैक्स करके हमें विभिन्न प्रकार की छोटी-मोटी बीमारियों से राहत प्रदान करने का काम करती है।
ऐसे में यदि आप भी जोड़ों के दर्द से बचने या अलसाहट और थकान उतारने के लिए इन थेरेपीज की सहायता लेते हैं तो आपको बिना किसी दवाई की आराम मिल सकता हैं। हालांकि इसके लिए यह जानना बहुत आवश्यक है कि किस समस्या के लिए कौन सी थेरेपी ली जाए, हमारे आज के प्रस्तुत लेख में हमारे विशेषज्ञ आपको इसके बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान कर है-
प्रतिदिन सुबह सोकर उठने के बाद आपको अलसाहट बनी रहती है। रात के किसी भी पहर आपको नींद टूट जाती है और फिर आप देर तक जागते रहते हैं।
शरीर के किसी न किसी हिस्से में अक्सर दर्द बना रहता है। अनजाने खौफ सताते हैं या बिना किसी कारण के आपको डर लगता है।
तो आज हम जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? असल में ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आप थके हुए हैं और तनाव में हैं। आपका खान-पान भी उचित नहीं है। साथ ही आपकी जीवन शैली भी अव्यवस्थित है।
इन तमाम शिकायतों से निपटने के दो रास्ते हो सकते हैं- पहला, आप किसी डॉक्टर के पास जाइए और एंटीबायोटिक दवाओं या इंजेक्शन का उपयोग कीजिए, या फिर अपनी थकान, तनाव और गलत खान-पान के असर को मिटाने के लिए कुछ आरामंदेह और सुकून प्रदान करने वाली येरेपी का उपयोग कीजिए। आयुर्वेद से लेकर फिटनेस की मॉडर्न साइंस तक ऐसी कई थेरेपी हैं, जो आपकी इन शिकायतों को दूर कर सकती हैं।
ऐसी थेरेपी को रीजेनोवेशन थेरेपी कहते हैं। यानी ऐसी थेरेपी, जो आपके शरीर को आवश्यकता के अनुसार आराम पहुंचाकर उसे फिर से मेहनत करने योग्य बनाती है। योग गुरु बताते हैं, ‘रोजेनोवेशन एक ऐसी थेरेपी है, जो व्यक्ति के दिल और दिमाग की छुपी बीमारियों का बिना किसी दवा के उपचार कर देती है।’ दरअसल दिल-दिमाग से जुड़ी ऐसी कई बीमारियां हैं, जो रोजमर्रा की थकान, गलतखान-पान और तनाव से आदि से ही उपजती हैं।
रीजेनोवेशन थेरेपी के माध्यम से व्यक्ति रिलैक्स होता है, उसका शरीर अंदर से साफ होता है, इसके परिणाम स्वरूप उस व्यक्ति का मन और शरीर सुकून से भर जाता है और एसे ढेर सारी तकलीफों से आराम मिल जाता है। विशेष बात तो इन थोरेपीज की मदद से हम दवाओं या इंजेक्शन के उपयोग से भी बच जाते हैं। कुछ खास थेरेपी जो आपकी सहायता करती हैं।
हर्बल मसाज या स्क्रबिंग
जो लोग जोड़ों या मसल्स के दर्द से अक्सर परेशान रहते है, साथ ही उन्हें आर्थराइटिस की शिकायत भी है तो यह थेरेपी उनके लिए लाभदायक रहती है। परंपरागत जड़ी-बूटियों से व्यक्ति के पूरे शरीर की मसाज की जाती है। इससे मांसपेशियों का खिंचाव और तनाव दोनों खत्म हो जाते है। बात करें बॉडी की स्क्रबिंग की तो इसमें जड़ी-बूटियों के स्थान पर फलों का उपयोग किया जाता है। पपीते, बादाम, तुलसी और संदल आदि से शरीर की स्क्रबिंग की जाती है। इससे शरीर रिलेक्स होता है और दर्द से आराम मिलता है।
इस प्रकार के दर्द से राहत दिलाने के लिए एक और थेरेपी है, जिसका उपयोग किया जा सकता है। इस थेरेपी के अंतर्गत हर्बल जड़ी-बूटियों को किसी कपड़े में बांधकर उनकी एक पोटली बनाई जाती है। इस पोटली से शरीर के प्रेशर प्वाइंट पर प्रेशर डाला जाता है और मसाज की जाती है। इससे आपके शरीर को बहुत आराम मिलता है।
वमन क्रिया
यदि किसी व्यक्ति को एसिडिटी या खाना आसानी से न पचने की परेशानी है तो इसके समाधान के लिए वमन क्रिया भी अपनाई जा सकती है। इस क्रिया में वमन कराकर शरीर के विषैले पदार्थ बाहर निकाले जाते हैं और शरीर अंदर से साफ हो जाता है। शरीर अंदर से साफ हो जाए तो कई बीमारियां अपने आप ही दूर हो जाती हैं।
शिरोधारा या डीटॉक्सिफिकेशन
अगर आपको हर वक्त थकान या आलस-सा महसूस होता रहता है तो शिरोधारा थेरेपी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। इस थेरेपी में तेल को माथे के बीचो बीच एक निश्चित दूरी से डाला जाता है। माना जाता है कि इससे पूरा शरीर रिलैक्स होता है और एक फ्रेशनेस-सी आ जाती है। इसके अलावा आप डीटॉक्सिफिकेशन भी करवा सकते हैं। डिटॉक्सिफिकेशन थेरेपी में शरीर को अंदर से साफ किया जाता है। यह कई प्रकार से होता है। इसमें विभिन्न विधियों से शरीर के विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकाला जाता है, जिससे शरीर अंदर से साफ हो जाता है।
स्पाइसी बॉडी मास्क
एक बड़ी आम-सी समस्या है, जिससे हम चाहे-अनचाहे अक्सर दो-चार होते रहते हैं, जैसे हर समय चिंता या कुछ याद न रहने की शिकायत। सुबह सोकर उठने के बाद भी थकान ही महसूस होती है। यह समस्याएं तब होती हैं, जब हमारे शरीर में एनर्जी का लेवल कम हो जाता है और हमारा ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक नहीं रहता। इस समस्या से राहत पाने के लिए हमें स्पाइसी बॉडी मास्क शरीर पर लगवा सकते हैं। इसमें कई सारे मसालों जैसे लौंग, अदरक, दालचीनी, काली-मिर्च आदि को पीसकर उनका लेप शरीर पर लगाया जाता है। इससे शरीर को गर्माहट मिलती है और एनर्जी महसूस होती है। ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक हो जाता है।
पिंड-स्वेद थेरेपी
ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने और शरीर में स्टेमिना बनाए रखने के लिए एक और थेरेपी है, जिसका वर्णन करना भी समाचीन होगा और वह थेरेपी है पिंड-स्वेद थेरेपी। इस थेरेपी से आर्थराइटिस, पीठ और जोड़ों का दर्द और सांस संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। इसमें शरीर से पसीना बाहर निकाला जाता है और शरीर को साफ किया जाता है। इसके बाद शरीर पर एक लेप लगाया जाता है, लेप लगाते समय बॉडी को कुछ खास तरह के स्ट्रोक दिए जाते हैं। इसके बाद गर्म पानी से नहाना होता है।
बॉडी एण्ड-स्पिरिट प्रेशर थेरेपी
कई बार ऐसा होता है कि हमें हमारे शरीर का संतुलन गड़बड़ाया लगता है। ऐसे में बॉडी एण्ड-स्पिरिट प्रेशर थेरेपी काफी फायदेमंद होती है। इसमें फिटनेस एक्सपर्ट पहले पैरों से शरीर के प्रेशर प्वाइंट पर प्रेशर डालता है, फिर हाथों से मसाज करता है। यह थेरेपी शरीर, दिल, दिमाग में संतुलन चनाती है। बस एक बात का खयाल रखें कि ये बेरेपी केवल किसी एक्सपर्ट या डॉक्टर या योग एक्सपर्ट की सलाह से ही लें।
किसके लिए कौन-सी थेरेपी?
समस्याः जोड़ों का दर्द, मसल्स-पेन, आर्थराइटिस की समस्या।
थेरेपीः शरीर की स्क्रबिंग और हर्बल मसाज दे सकते है।ं
समस्याः हर समय थकान और आलस महसूस होना।
थेरेपीः शिरोधारा थेरेपी तथा बॉडी डीटॉक्सिफिकेशन।
समस्याः ब्लड सर्कुलेशन, एनर्जी लेवल का ठीक न होना।
थेरेपीः स्पाइसी बॉडी मास्क पूरे शरीर पर लगवाना।
समस्याः दिल, दिमाग और शरीर का संतुलन बिगड़ना।
थेरेपी: एक्यूप्रेशर थेरेपी से मिल सकती है राहत
समस्याः खाना नहीं पचता या एसिडिटी महसूस होती है।
थेरेपीः वमन क्रिया करके पा सकते हैं आप राहत।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।