
दिखने में छोटा लेकिन गुणों भरपूर, ‘मुनक्का’ Publish Date : 03/05/2025
दिखने में छोटा लेकिन गुणों भरपूर, ‘मुनक्का’
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
मुनक्का के सेवन करने से कई परेशानियां होती है दूर
‘‘मुनक्का’’ भले ही दिखने में छोटा सा होता है, लेकिन इसका सेवन करने से हमें अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। ‘मुनक्का’ न केवल खाने मेें स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी काफी लाभकारी माना जाता है। आयुर्वेद में इसे औषर्धय गुणों का खजाना माना गया है, जो पाचन, रक्त विकार और त्वचा समेत स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में बेहद कारगर सिद्व होता है। केवल इतना ही नहीं, प्रतिदिन ‘मुनक्के’ का सेवन करने से विभिन्न स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं को खत्म करने में भी लाभकारी रहता है। आज के प्रस्तुत लेख में हमारे आयुर्वेद के विशेषज्ञ मुनक्का से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में बता रहे हैं।
‘मुनक्का’ को काली किशमिश भी कहा जाता है, जो एक तरह का सूखा हुआ अंगूर होता है। यह विटामिन, फाइबर, मिनरल और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जिसका सेवन करने से बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिस्नि में प्रकाशित (फरवरी, 2022) रिपोर्ट के अनुसार, किशमिश (मुनक्का) में लिपिड (वसा) कम करने और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो हृदय रोगों के जेखिम को कम कर सकते हैं। काले बीज वाली किशमिश, जो पॉलीफेनोल जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, वह हाइपरलिपिडेमिया वाले मरीजों में रक्तचाप और पूरी ऑक्सीडेंट स्तर को बेहतर बनाती है।
‘मुनक्का’ खाने से पाचन संबंधी समस्याओं में तो लाभ मिलता ही है। साथ ही हड्डियां मजबूत होती हैं और ऊर्जा का स्रोत भी बढ़ता है। इसके अलावा यह त्वचा के लिए फायदेमंद है और इम्युनिटी को मजबूत करता है।
‘मुनक्का’ में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो कब्ज को दूर करता है। आयरन और विटामिन बी की वजह से यह खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में कारगर होता है। इसमें पाए जाने वाले कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज हड्डियों और दांतों को मजबूती देते है। इतना ही नहीं, मुनक्का का सेवन थकान और कमजोरी से राहत दिलाने में भी उपयोगी माना जाता है।
‘मुनक्का’ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को भी निखारने का काम करते हैं। इसके सेवन से झुर्रिया और उम्र बढ़ने के लक्षण भी कम होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ चनाए रखता है। साथ ही, यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी गह काफी लाभकारी होता है।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।