
महिला मित्र पौधाः ‘‘सौ जड़ों वाला पौधा’’ शतावरी Publish Date : 27/04/2025
महिला मित्र पौधाः ‘‘सौ जड़ों वाला पौधा’’ शतावरी
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
शतावरी की जड़ से बने काढ़े के सेवन से लाभ मिलता है। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं में भी इसके सेवन से लाभ मिलता है।
कोमल और चमकती छोटी-छोटी नुकीली शतावरी की झाड़ीदार लताएं घर और बगीचे की खूबसूरती में अक्सर चार चांद लगाती दिख जाती हैं। ‘‘सौ जड़ों वाला पौधा’’ शतावरी का आयुर्वेद में एक प्रमुख स्थान है। आयुर्वेदाचार्य इसे महिलाओं की शारीरिक समस्याओं को दूर करने वाला बताते हैं। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि औषधीय गुणों से भरपूर शतावरी के नियमित सेवन से एनीमिया, पाचन, त्वचा संबंधित समस्याओं के साथ ही अनिद्रा, थकान, माइग्रेन, संक्रमण, मधुमेह, बवासीर जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं और इनसे राहत मिलती है।
शतावरी के औषधीय गुणों पर रोशनी डालते हुए हमारे आुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ0 सुशील शर्मा ने इसे सेहत के लिए कई तरीकों से लाभकारी बताया है। इसमें ऐसे कई पोषक तत्व होते हैं, जिनके सेवन से काया और मन भी फिट और निरोगी रहता है। हमारे आयुर्वेदाचार्य ने बताया, औषधीय गुणों से भरपूर शतावरी महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है।
शतावरी के पौधे के सभी हिस्से जैसे तना, जड़ और पत्तियों का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है, जो अनिद्रा, सर्दी-खांसी, जुकाम, पुराना घाव, मूत्र रोग, पथरी, सिरदर्द, नेत्र रोग, बुखार और बवासीर जैसी तमाम बीमारियों से छुटकारा दिलाता है। उन्होंने बताया, ‘शतावरी का आयुर्वेद में वर्णन मिलता है। शतावरी में फाइबर, प्रोटीन, कार्बाेहाइड्रेट, विटामिन के, विटामिन ई और विटामिन सी, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज और सेलेनियम, जिंक, एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। शतावरी का सेवन सर्दी-जुकाम, बवासीर, बुखार आदि के उपचार के लिए वरदान है।’
शतावरी की जड़ से बने काढ़े के सेवन से लाभ मिलता है। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं में भी इसके सेवन से लाभ मिलता है। पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द, पेट के तनाव और ऐंठन में भी इससे राहत मिलती है। शतावरी पाचन तंत्र को मजबूत करता है, जिससे कब्ज, वात, जलन जैसी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
डॉव शर्मा ने आगे बताया, ‘सौ जड़ों वाला पौधा’ प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता है और शरीर की संक्रमण से रक्षा करता है। शतावरी के बने काढ़े के इस्तेमाल से तनाव दूर होता है और अनिद्रा की समस्या भी खत्म होती है। आयुर्वेद में शतावरी एनीमिया को भी ठीक करने में लाभकारी माना जाता है।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।