जैतून के तेल के लाभ और हानियां      Publish Date : 23/04/2025

                     जैतून के तेल के लाभ और हानियां

                                                                                                                डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

ऑलिव ऑयल या जैतून का तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। जैतून के तेल से प्राप्त लाभों को लेकर हाल के कुछ वर्षों में कई शोध किये गए और उनमें ऑलिव ऑयल को सेहत के लिए काफी गुणकारी बताया गया है। यह दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने के साथ साथ त्वचा और बालों के लिए भी काफी लाभकारी रहता है। ऑलिव ऑयल, जैतून के फलों से बनाया जाता है और बाकी अन्य तेलों की तुलना में इसकी कीमत काफी अधिक होती है।

जैतून के तेल में पाए जाने वाले पोषक तत्वः

                                                          

ऑलिव ऑयल में विटामिन ए, डी, ई और के पाया जाता है। इसके अलावा ऑलिव ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट की भी भरपूर मात्रा होती है। इसमें मुख्य रुप से पालीफेनोल, विटामिन ई, सायटोस्टेरोल, टायरोसोल, ओलियोकैंथोल आदि सक्रिय एंटीऑक्सीडेंट के रुप में पाए जाते हैं।

जैतून के तेल के औषधीय गुणः

ऑलिव ऑयल सेहत को कई तरीकों से लाभ प्रदान करता है। ऑलिव ऑयल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इन्फ्लेमेशन को कम करते हैं। इसमें मौजूद पालीफेनोल, विटामिन ई और सायटोस्टेरोल कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं। वहीं विटामिन ई बढ़ती उम्र के असर को कम करती है और हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा कोशिकाओं को बचाती है।

आज के हमारे इस लेख में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ0 सुशील शर्मा ऑलिव ऑयल के लाभ, हानियां और उपयोग के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

ऑलिव ऑयल के सेवन का तरीकाः 

                                                       

लोगों को ऑलिव ऑयल के लाभों के बारे में तो पता हैं लेकिन कई लोग इस दुविधा में रहते हैं कि आखिर ऑलिव ऑयल का सेवन कैसे करें? आज हम आपको ऑलिव ऑयल के सेवन और उपयोग के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। वास्तव में जैतून के तेल (ऑलिव ऑयल) का उपयोग दो तरीकों से किया जाता है। पहला आप इन्हें अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं और दूसरा आप इस तेल को त्वचा या बालों पर लगा सकते हैं।

आंतरिक उपयोग ( खाने में ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल):

अगर आप खाना पकाने में ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो रोजाना 25-30 मिली या आवश्यकतानुसार ऑलिव ऑयल का सेवन उपयुक्त माना जाता है।

कैप्सूल के रुप में अगर ऑलिव ऑयल का सेवन कर रहे हैं तो एक दिन में एक से दो कैप्सूल का सेवन लंच और डिनर के बाद गुनगुने पानी के साथ करें।

वाह्य उपयोग ( चेहरे और बालों के लिए):

अगर आप चेहरे पर ऑलिव ऑयल लगा रहे हैं तो इसकी कुछ मात्रा को नारियल तेल या किसी अन्य माश्चराइजर क्रीम में मिलाकर हफ्ते में दो से तीन बार लगाएं।

अगर आप ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल बालों के लिए कर रहे हैं तो रात में सोते समय बालों में ऑलिव ऑयल लगाएं और अगली सुबह किसी हर्बल शैम्पू से बालों को धों लें। बेहतरीन परिणाम के लिए हफ्ते में दो बार इसे प्रयोग करें।

अगर आप दर्द से आराम पाने के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो तेल को हल्का गुनगुना करें और दर्द वाली जगह पर इससे मालिश करें। इससे दर्द से जल्दी आराम मिलता है।

ऑलिव ऑयल के प्रकारः

                                               

ऑलिव ऑयल भी कई प्रकार के होते हैं, जिनमें एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल, वर्जिन ऑलिव ऑयल, रिफाइंड ऑलिव ऑयल और पोमेस ऑलिव ऑयल आदि प्रमुख हैं। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल खाने के लिए सबसे शुद्ध ऑलिव ऑयल माना जाता है। इसमें एसिडिटी लेवल बाकी ऑलिव ऑयल की तुलना में सबसे कम होता है। ध्यान रखें कि सभी प्रकार के ऑलिव ऑयल का उपयोग आप खाना बनाने में नहीं कर सकते हैं। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल का उपयोग आप सलाद में ड्रेसिंग के तौर पर और सब्जियों को तलने में कर सकते हैं जबकि वर्जिन ऑलिव ऑयल का उपयोग आप धीमी आंच पर कोई भी डिश बनाने में कर सकते हैं। 

जैतून के तेल से प्राप्त लाभों का विवरणः

कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में:

ऑलिव ऑयल में लगभग 70 प्रतिशत मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड पाया जाता है जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार जैतून का तेल शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए आप ऑलिव ऑयल का सेवन कर सकते हैं।

सेवन विधिः प्रतिदिन के खाने में सरसों के तेल की बजाय रिफाइंड ऑलिव ऑयल का उपयोग करें।

डिप्रेशन की समस्या से आरामः

एक रिसर्च के अनुसार ऑलिव ऑयल शरीर में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाती है। सेरोटोनिन मस्तिष्क में पाया जाने वाला एक रासायनिक तत्व है जो डिप्रेशन में लड़ने में मदद करता है। आयुर्वेद में डिप्रेशन की मुख्य वजह शरीर का वात का असंतुलन बताया गया है। जैतून का तेल वात को कम करता है और डिप्रेशन से आराम दिलाता है।

कैंसर से प्रभावी बचावः

जैतून का तेल शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। शोध में यह पाया गया कि ऑलिव ऑयल में मौजूद हाइड्रोजेट्रोसोल कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। इसके अलावा ऑलिव ऑयल में ओलियोरोपिन पाया जाता है जिसमें एंटीट्यूमर गुण होते हैं और यह भी कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकती है।

हाइपरटेंशनः

एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल में मौजूद पालीफेनोल शरीर के ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। जैतून का तेल कैल्शियम चौनल ब्लॉकर की तरह काम करता है और हाइपरटेंशन के खतरे को कम करता है। अगर आप भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित हैं तो जैतून के तेल का सेवन आपके लिए लाभकारी हो सकता है।

सेवन करने की विधिः प्रतिदिन के खानपान में ऑलिव ऑयल का प्रयोग करें।

पाचन में सुधारः

जैतून का तेल पाचन तंत्र के लिए भी बहुत उपयोगी है। इसके नियमित सेवन से कब्ज़ आदि समस्याओं से आराम मिलता है। आयुर्वेद के मुताबिक जैतून का तेल पेट की पाचक अग्नि को बढ़ाती है और आंतों को मजबूती प्रदान करती है जिससे पचे हुए खाने का अवशोषण और बाहर निकालने की प्रक्रिया आसान होती है। इसके अलावा यह कब्ज़ की समस्या से भी आराम दिलाती है। इस तरह ऑलिव ऑयल पूरे पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है।

सेवन करने की विधिः रात में सोने से पहले 30मिली ऑलिव ऑयल को गुनगुने पानी के साथ लें।

माइग्रेन के सिरदर्द से आरामः

पाया गया है कि लगभग दो महीनों तक लगातार रोजाना ऑलिव ऑयल की कुछ मात्रा का सेवन करने से माइग्रेन में होने वाले सिरदर्द से आराम मिलता है। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए अभी इस विषय पर और शोध चल रहे हैं। 

उपयोग विधिः सिर में दर्द होने पर जैतून के तेल से सिर की मालिश करें।

त्वचा के लिए फायदेमंदः

जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ई त्वचा के लिए बहुत गुणकारी हैं। इसे त्वचा पर लगाने से त्वचा की चमक बढ़ जाती है। यह खासतौर पर चेहरे की झुर्रियों और निशानों को भी कम करती है जिससे बढ़ती उम्र का असर कम पता चलता है।

उपयोग विधिः त्वचा के निखार के लिए रोजाना रात में सोते समय त्वचा पर जैतून का तेल लगाएं या हल्के हाथों से इस तेल से मसाज करें। फिगारो ऑलिव ऑयल त्वचा की मालिश के लिए सबसे उपयुक्त ब्रांड माना जाता है। 

दिल के लिए भी है लाभकारीः

खाने में जैतून के तेल का प्रयोग करना दिल के लिए बहुत लाभकारी होता है। अनेक शोधों में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयल दिल के लिए फायदेमंद है और दिल को कई बीमारियों से बचाता है।

डायबिटीज की समस्या से बचावः

कुछ शोधों में ऐसा पाया गया कि अगर आप ऑलिव आयल का सेवन करते हैं तो यह ब्लड शुगर लेवल को कम करती है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए ऑलिव आयल का उपयोग कर सकते हैं।

रुमेटाइड आर्थराइटिस से बचावः

शोध के अनुसार जो लोग अपने खानपान में जैतून के तेल का प्रयोग अधिक करते हैं उनमें रुमेटाइड आर्थराइटिस होने का खतरा काफी कम रहता है। इसलिए बढ़ती उम्र के लोगों को खाने में ऑलिव ऑयल इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

सेवन विधिः ऑलिव ऑयल का उपयोग नियमित रुप से खाना पकाने में करें।

बालों के लिए फायदेमंदः

ऑलिव ऑयल बालों के लिए भी बहुत गुणकारी रहता है। इससे बालों को ज़रुरी पोषण मिलता है साथ ही डैंड्रफ और बालों में खुजली की समस्या दूर होती है।

उपयोग करेन की विधिः रात में सोने से पहले बालों में ऑलिव ऑयल लगाएं और सुबह इसे हर्बल शैम्पू से धो लें।

हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायकः

हड्डियों को मजबूत रखना चाहते हैं तो अपनी डाइट में ऑलिव ऑयल का सेवन बढ़ा दें। यह हड्डियों को मजबूत बनाती है और बढ़ती उम्र में हड्डियों से जुड़े रोगों से बचाव करती है। आहार में शामिल करने के अलावा आप जैतून के तेल से हड्डियों की मालिश भी कर सकते हैं।

दर्द से आरामः

रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि ऑलिव ऑयल में पाया जाने वाला यौगिक ओलियोकैंथोल एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक की तरह काम करता है और इसके गुण काफी हद तक दर्द निवारक दवा (आईबुप्रोफेन) जैसे ही हैं। आयुर्वेद में भी जैतून के तेल के दर्द निवारक गुणों का उल्लेख मिलता है।

उपयोग विधिः जैतून के तेल की थोड़ी सी मात्रा हथेली पर लेकर उससे दर्द वाली जगह पर मालिश करें। इससे दर्द से जल्दी आराम मिलता है।

ऑलिव ऑयल के नुकसान और सेवन से जुड़ी सावधानियां

अब आप ऑलिव ऑयल के लाभों के बारे में जान चुके हैं लेकिन क्या आपको पता है कि ओलिव ऑयल से साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं? जी हां, ज़रुरत से ज्यादा मात्रा में सेवन की वजह से ऑलिव ऑयल के साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं। ऑलिव ऑयल के साइड इफ़ेक्ट के कारण मुहांसे, त्वचा पर लाल चकत्ते, या डायरिया की समस्या हो सकती है। इसलिए ऑलिव ऑयल के सेवन के दौरान कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए।

संवेदनशील त्वचा वाले लोगः अगर आपकी त्वचा बहुत अधिक संवेदनशील है तो जैतून के तेल को सीधे त्वचा पर ना लगाएं बल्कि इसे किसी ठंडी तासीर वाले तेल के साथ मिलाकर ही उपयोग करें।

तैलीय त्वचा वाले लोग करें परहेजः जिन लोगों की त्वचा पहले से ही तैलीय या ऑयली है उन्हें जैतून के तेल से परहेज करना चाहिए। इससे त्वचा और ज्यादा तैलीय हो जाती है और मुंहासे निकलने की संभावना बढ़ जाती है।

ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहें: ऑलिव आयल में ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कम करने वाले गुण होते हैं इसलिए अगर आप पहले से ही एंटीडायबिटिक और एंटीहाइपरटेंसिव दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो ऑलिव ऑयल के सेवन के दौरान अपना ब्लड शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर नियमित अंतराल पर चेक करते रहें।    

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।