
ब्लड कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार Publish Date : 31/03/2025
ब्लड कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
ब्लड कैंसर को एक जानलेवा और घातक बीमारी माना जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति को शारीरिक अंगों के साथ मानसिक रूप से भी प्रभावित करती है। कैंसर कई प्रकार के होते है, जैसे ब्लड कैंसर, लंग कैंसर और बोन कैंसर इत्यादि। इन सभी ब्लड कैंसर को माइलोमा, लिम्फोमा और ल्यूकेमिया जैसे तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। ब्लड कैंसर के मेडिकल डिसऑर्डर है जिसमे कैंसर सेल्स लिम्फैटिक प्रणाली, बॉन मेरो और ब्लड को प्रभावित करती हैं।
ल्यूकेमिया- कैंसर का यह रूप हमारे बॉडी में वाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है। सफेद रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इन्फेक्शन से लड़ती है और आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है। ल्यूकेमिया के दौरान, बॉडी असामान्य ब्लड सेल्स का उत्पादन करते हैं जो आपके बोन मेरो को अवरुद्ध करते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार कैंसर के कारण-
आयुर्वेद के अनुसार बॉडी में असंतुलन का कारण बॉडी में अत्यधिक टॉक्सिक या एक से अधिक बीमारी की अभिव्यक्ति माना जाता है। इसके अलावा ब्लड कैंसर के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:-
1. संचय- जहाँ एक से अधिक दोषों में वृद्धि हो।
2. उत्तेजना- एक दोष के स्तर में वृद्धि के कारण बाकी दोषों के असंतुलित होने के कारण।
3. अतिप्रवाह- इस स्थिति में बॉडी में एसिड या टॉक्सिक वेस्ट फैलते है।
4. स्थानीयकरण- बॉडी के किसी कमज़ोर हिस्से पर कोई बीमारी होना।
5. डीएनए में क्षति बॉडी के सेल विभाजन में शामिल जीन को नुकसान पहुंचाते हैं।
6. खराब आदत जैसे तम्बाकू, अभ्रक, आर्सेनिक, रेडिएशन, अल्ट्रावायलेट रे का एक्स्पोसेर इत्यादि।
7. शराब का अत्यधिक सेवन करना।
8. अनियंत्रित मोटापा।
9. एक्सरसाइज न करना।
10. एक्स-रे, गामा-रे सेलुलर फ़ोन और सेल टावर के रेडिएशन ओवर एक्स्पोजर।
कैंसर के लक्षण-
- बुखार
- थकान
- असामान्य ब्लीडिंग
- कफ
- पाचन समस्या या निगलने में परेशानी
- अचानक वजन कम होना या बढ़ना
- त्वचा में बदलाव
ब्लड कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार-
कैंसर का अभी तक कोई निश्चित उपचार प्रणाली विकसित नहीं हुआ है। वर्तमान समय में मेडिकल साइंस के पास कीमोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, बायोलॉजिकल थेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट थेरेपी मौजूद है। हालाँकि ब्लड कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार भी मौजूद है। आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने भी दावा किया है की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के माध्यम से ब्लड कैंसर का सफल उपचार किया जा सकता है। ब्लड कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार रोगी की गंभीरता, उम्र और ल्यूकेमिया के प्रकार पर निर्भर करता है।
ब्लड कैंसर का आयुर्वेदिक उपचार निम्नलिखित हैः
1. अभ्यंग मालिश- यह आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आमतौर पर विशिष्ट आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और आवश्यक तेलों से बॉडी की मालिश पर जोर देता है।
2. शिरोधारा- यह एक बेहतर आयुर्वेदिक चिकित्सा है जो नर्वस सिस्टम पर गहरा प्रभाव डालती है। इसमें गर्म तेल की एक पतली धारा को माथे पर एक सतत फ्लो में डाला जाती है क्योंकि इस हिस्से में तंत्रिकाएं अधिक केन्द्रित होती है।
3. स्वीडन- स्वीडन एक हर्बलीजेड स्टीम बाथ है जो सिर और ह्रदय को शांत रखती है। जबकि बाकी बॉडी में नरम हाइपरथेरिया लागू होता है।
4. घर्षना- इस प्रक्रिया में ब्लड सर्कुलेशन को बढाने और त्वचा के छिद्रों को साफ करने के लिए जड़ी-बूटियों की मदद ली जाती है।
5. बस्ती- यह एक प्रकार का एनीमा जिसमें बृहदान्त्र से टोक्सिन से निकालने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी- बूटियों का उपयोग किया जाता है।
6. पंचकर्म- इसका अर्थ “पांच उपचार” है। उपचार की इस विधि में मन, बॉडी और आत्मा के लिए सभी पांच इंद्रियों को संलग्न करके उपरोक्त पांच तरीकों का उपयोग करने के लिए किया गया है।
ब्लड कैंसर के आयुर्वेदिक उपचार के समग्र तरीकों में शामिल हैंः
7. पंचकर्म- भोजन और लाइफ स्टाइल में संयम जो त्रिदोष अथार्त वात, पित्त, कफ के असंतुलन को ठीक करता है।
- विषाक्त पदार्थों को समाप्त करता है।
- पाचन शक्ति को बढाता है।
आयुर्वेदिक दवाइयां किमोथेरेपी के ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट्स को खत्म करता है।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।