पिगमेंटेशन (झाइयां) के उपचार के घरेलू उपाय      Publish Date : 12/03/2025

            पिगमेंटेशन (झाइयां) के उपचार के घरेलू उपाय

                                                                                                                     डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि उसकी त्वचा खूबसूरत रहे, लेकिन त्वचा संबंधित कुछ रोगों के कारण अक्सर ऐसा नहीं हो पाता है। त्वचा संबंधित कई तरह की बीमारियां होती है। पिग्मेंटेशन (झाइयां) त्वचा में होने वाली एक प्रमुख बीमारी है। पिग्मेंटेशन (झाइयां) सामान्य रूप से सिर, गाल एवं आँखों के नीचे होता है। पिग्मेंटेशन के कारण त्वचा का रंग सामान्य से हल्का या गहरा हो जाता है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि पिंगमेंटेशन (झाइयों) का घरेलू उपचार भी किया जा सकता हैं।

कई बार झाइयों के कारण सम्बन्धित व्यक्ति के आत्मविश्वास में कमी आ जाती है, लेकिन अब आपको इससे परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। हमारे इस लेख में पिग्मेंटेशन  के उपचार के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपायों की जानकारी प्रदान की जा रही है, तो आप इसे पढ़ें और इसका लाभ उठाएं-

असल में पिगमेंटेशन होता क्या है?

                                             

पिगमेंटेशन या झाइयाँ त्वचा में मेलानिन के स्तर के बढ़ने से होता है। मेलानिन नामक तत्व मेलानासाइट्स से बनता है। मेलानिन वह घटक है जो त्वचा की ऊपरी परत पर मौजूद रहता है। इसका मुख्य काम सूर्य की तेज किरणों से आने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से त्वचा की सुरक्षा करना होता है। यह त्वचा की सुरक्षा के लिए एक कवच के रूप में काम करता है। जब इन मेलानिन तत्वों की मात्रा अधिक हो जाती है तो गहरे रंग की त्वचा (Dark Skin) और धब्बेदार त्वचा (Patchy Skin) की समस्या हो जाती है। पिग्मेंटेशन (झाइयां) की समस्या पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक देखी जाती है। महिलाओं में यह रोग विशेषकर 25-50 वर्ष की आयु की अवधि में होता है। आमतौर इसका कारण गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन, एवं हॉर्मोनल असंतुलन होता है।

पिगमेंटेशन के प्रकार

पिग्मेंटेशन की समस्या किसी चोट, घाव या मुहाँसों के बाद (Post inflammatory Hyperpigmentaion or Post inflamnatory Hypopigmentation) भी हो सकती है। जब त्वचा का रंग का सामान्य से गहरा या हल्का हो जाता है। इसे ठीक होने में समय अधिक लगता है।

जनरली पिग्मेंटेशन दो प्रकार का होता है-

हाइपरपिग्मेंटेशन (Hyperpigmentaion)– इसमें प्रभावित त्वचा का रंग सामान्य से गहरा हो जाता है। इसमें त्वचा पर झाइयाँ तथा मुहाँसे के बाद होने वाले काले धब्बे पड़ जाते हैं। यह मुख्य रूप से सिर एवं गालों वाले हिस्से पर पाए जाते हैं। ये लक्षण नजर आने पर झाइयों का उचित उपचार कराएं।

हाइपोपिग्मेंटेशन (Hypopigmentation)– त्वचा का रंग सामान्य से हल्का हो जाता है। इसमें त्वचा का रंग कहीं-कहीं पर सामान्य से हल्का होता है। यह गंभीर बीमारी सफेद दाग भी हो सकता है। कई बार यह कोई रोग ना होकर बच्चों में सामान्य रूप से भी हो जाता है। यह पेट में कीड़े होने या आहार में पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी हो सकता है।

 पिगमेंटेशन होने के कारण

                                                       

पिग्मेंटेशन की समस्या निम्न कारणों से हो सकती हैः-

  • अधिक देर तक धूप में रहने से सूरज की अल्ट्रावायॅलेट किरणें त्वचा को नुकसान पहुँचाती हैं।
  • पोषक तत्वों का सेवन ना करना। इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
  • केमिकल युक्त उत्पादों का त्वचा पर लम्बे समय तक प्रयोग करना।
  • महिलाओं में यह सबसे समस्या अधिकतर हॉर्मोनल असंतुलन के कारण होती है।
  • अधिक समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से झाइयों के रूप में चेहरे पर पिग्मेंटेशन हो जाता है।
  • अत्यधिक तनावपूर्ण जीवन जीना।
  • उम्र बढ़ने के साथ भी चेहरे पर काले धब्बे या झाइयाँ पड़ने की समस्या हो जाती है।
  • कई बार मुहाँसे होने के बाद उनके दाग-धब्बों रह जाने के कारण पिग्मेंटेशन हो जाता है।
  • महिलाओं में रजोनिवृति (Menopause) के समय (मासिक धर्म बंद होने के पहले) पिग्मेंटेशन की समस्या हो सकती है।

चेहरे की झाइयों के उपचार के लिए कुछ घरेलू एवं प्रभावी उपाय

झाइयों की समस्या होने पर इसे अनदेखा ना करें और ना ही बिना डॉक्टर की सलाह लिए बाजार में मिलने वाली झाइयों की दवा या क्रीम का प्रयोग करें। बेहतर होगा कि पहले आप घरेलू उपाय आजमाएं और अगर उनसे यह समस्या ठीक नहीं होती है तो डॉक्टर के पास जाकर उपचार कराएं। हमारे आयुर्वेदिक विशेषज्ञ आपको कुछ प्रमुख घरेलू उपायों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं-

गाजर से झाइयों का उपचार

इसके लिए आप पहले गाजर को कद्दूकस कर लें और इसमें मुल्तानी मिट्टी को मिला लें। इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिलाएँ। इसे त्वचा पर बीस मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें। ऐसा सप्ताह में एक बार करें।

आलू के माध्यम से झाइयों का उपाचार

एक आलू का रस निकाल कर झाइयों वाले प्रभावित स्थान पर लगाएँ, और इसके सूखने पर ठंडे पानी से धो लें। यह चेहरे की झाइयों से छुटकारा दिलाने में आपकी मदद करता है।

पिगमेंटेशन (झाइयाँ) की समस्या में तुलसी का प्रयोग-

तुलसी के पत्तों को पीसकर एक चम्मच नींबू का रस मिलाएँ और इसे प्रभावित त्वचा पर लगाएँ। जब यह सूख जाए तो ठण्डे पानी से धो लें। यह पिग्मेंटेशन (Hyperpigmentaion) के उपचार में बहुत लाभदायक सिद्व होता है।

जैतून के तेल से झाइयों का उपचार

जैतून के तेल में चीनी मिलाकर रंजित त्वचा पर 3-4 मिनट तक रगड़ें। बाद में ठण्डे पानी से धो लें। यह उपाय आपको लाभ पहुंचाता है।

पिगमेंटेशन (रंजकता) की समस्या में नींबू के लाभ

  • एक चम्मच नींबू के रस में एक चम्मच शहद और बादाम का तेल डालकर मिला लें। इससे लगभग 8-10 मिनट तक चेहरे की मालिश करें।
  • एक चम्मच नींबू का रस व शहद मिलाकर त्वचा पर लगाएँ। सूख जाने पर ठंडे पानी से धो लें।

ओटमील का उपयोग झाइयों के उपचार में

दो चम्मच ओटमील, दो चम्मच टमाटर का रस और आधा चम्मच दही डालकर अच्छी प्रकार मिलाकर, इसे रंजित त्वचा पर लगाएं। सूखने के बाद धीरे-धीरे पानी के साथ मालिश करते हुए साफ करें।

पिगमेंटेशन की समस्या में प्याज के लाभ

लाल प्याज पिग्मेंटेशन की समस्या में बहुत लाभदायक होता है। प्याज के एक टुकड़े को काटकर या रस निकालकर झाइयों, और धब्बों वाली जगह पर लगाएँ। करीब दस मिनट रखने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

झाइयों की घरेलू दवा है सरसों

सरसों और तिल, यवक्षार के साथ पीसकर लेप करने से कालापन दूर हो जाता है। बेहतर उपाय के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर परामर्श लें।

एलोवेरा के उपयोग से पाएं झाइयों से छुटकारा

एलोवेरा पिग्मेंटेड त्वचा के लिए जादुई औषधि की तरह काम करता है। ताजा एलोवेरा का गूदा निकालकर चेहरे पर 5-7 मिनट मालिश करें। सूखने पर ठण्डे पानी से धो लें।

हल्दी झाइयों का प्रभावी उपचार

  • 1 चम्मच हल्दी पाउडर को नींबू के रस में मिला लें और इसे प्रभावित भाग पर लगाएँँ। 20 मिनट के बाद ठण्डे पानी के साथ धो लें। दिन में एक बार इस प्रक्रिया को करें।
  • मैनशिल, लोध्र, दोनों हल्दी, सरसों को बराबर मात्रा में लेकर पानी में पीसकर लेप बना लें। 20 मिनट तक लेप लगे रहने से बाद में धो लें। इससे सांवलापन दूर हो जाता है।

पिग्मेंटेशन के दौरान आपका खान-पान

पिग्मेंटेशन के उपचार के दौरान आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-

  • सूखे मेवों का सेवन करें, ताकि शरीर को जरूरी खनिज एवं पोषक तत्व मिल सके।
  • जितना हो सके फल एवं सब्जियों का सेवन करें। दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी पिएँ।
  • पोषक तत्वों एवं एन्टीऑक्सीडेंट्स से युक्त आहार (जैसे- ताजी सब्जियाँ, फल विशेषकर हरी पत्तेदार सब्जियाँ एवं मौसमी फल) का सेवन करें।
  • साइट्रस (Citrus) फलों (जैसे संतरा, आँवला आदि) का अधिक सेवन करें। इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा को पिग्मेंटेशन से बचाता है, और त्चा को युवा बनाए रखता है।

पिग्मेंटेशन के दौरान आपकी जीवनशैली

पिग्मेंटेशन (झाइयां) के दौरान आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-

  • नियमित रूप से प्राणायाम एवं योगासन करने से त्वचा चमकदार एवं रोग रहित रहती है।
  • बहुत देर तक धूप में ना बैठें। धूप में जाने से पहले उच्च गुणवत्तायुक्त सनक्रीन लगाएँ। तेज धूप में जाने पर हमेशा ही सनक्रीन लगा कर निकलें। त्वचा को सूती कपड़े से ढक कर रखें।

पिगमेंटेशन के उपचार के दौरान आवश्यक परहेज

पिग्मेंटेशन की समस्या में व्यक्ति को इन चीजों से परहेज करना चाहिएः-

  • बासी भोजन एवं दूषित जल का सेवन ना करें।
  • जंकफूड एवं प्रिजरवेटिव युक्त आहार का सेवन ना करें।
  • अधिक मात्रा में चाय, कॉफी आदि का सेवन ना करें।
  • सिगरेट या शराब आदि नशीले पदार्थों का सेवन ना करें।
  • अत्यधिक तैलीय एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन का सेवन ना करें।
  • त्वचा पर केमिकल युक्त उत्पादों का प्रयोग ना करें। इससे त्वचा में त्वचा में झाइयाँ या धब्बे पड़ सकते हैं। त्वचा की प्राकृतिक चमक खत्म हो जाती है।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।