
नाभि में नियमित रूप से तेल लगाने से मिलने वाले लाभ Publish Date : 26/02/2025
नाभि में नियमित रूप से तेल लगाने से मिलने वाले लाभ
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
नाभि में तेल लगाने के लाभः
नाभि में तेल डालने से आपको विभिन्न प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ लाभ मिल सकते हैं। ऐसे में हमारे आयुर्वेदिक विशेषज्ञ आपको बता रहे हैं कि कौन सा तेल नाभी में लगाना आपके शरीर के लिए लाभकारी सबित हो सकता है।
नाभि में तेल कौन सा तेल लगाचा चाहिए
आयुर्वेद के अनुसार, नाभि हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण केंद्र होता है और इसमें तेल लगाने से हमें विभिन्न प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो सकते हैं। नाभि में तेल लगाने से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। वैेसे तो नाभि में आप कई प्रकार के तेल लगा सकते हैं, परन्तु इन सभी तेलों में सरसों का तेल सबसे अधिक लाभकारी होता है।
करे पाचन क्रिया में सुधार
नाभि में तेल लगाने से आपकी पाचन क्रिया सुदृढ़ होती है और इससे कब्ज, अपच और पेट फूलने के जैसी अन्य समस्याओं से भी आपको राहत मिल जाती है।
त्वचा में आता है निखार
नियमित रूप से नाभि में तेल लगाने से त्वचा में नमी बनी रहती है और यह चमकदार और स्वस्थ दिखाई देती है। इसके अलावा सरसों के तेल को रोज नाभी में लगाने से आपके होठ भी कोमल और गुलाबी होते हैं, इसीलिए आप अपनी नाभि में रुटीन से तेल लगाकर इसके लाभ प्राप्त करते रहना चाहिए।
बालों का झड़ना होता है कम
आजकल बालों की समस्या लगभग हर किसी व्यक्ति चाहे वह महिला हो अथवा पुरूष सभी को होती है और लोग इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए क्या कुछ नहीं करते, लेकिन यदि आप केवल अपनी नाभि में सरसों का तेल नियमित रूप से लगाएं तो ऐसा करने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बालों का झड़ना कम हो जाता है।
पीरियड्स की समस्याओं में मिलता है आराम
महिलाओं को हर महीने पीरियड्स के दर्द से जूझना पड़ता है, इसके दर्द से निपटने के लिए महिला को अपनी नाभि में सरसों का तेल लगाना चाहिए। नाभि में सरसों का तेल लगाने से पीरियड्स के दर्द और उससे सम्बन्धित अन्य परेशानियों में भी आपको आराम मिलता है।
तनाव और चिंता में आती है कमी
अपने दैनिक जीवन में तनाव और चिंता आदि के स्तर को कम करने के लिए आप अपनी नाभि में सरसों का तेल लगा सकते हैं। इस ट्रिक को अपनाने से आपको मानसिक शांति मिलेगी और तनाव और चिंता का स्तर भी कम होगा।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।