मधुमेह में सौंठ का पाउडर सेवन करने के लाभ      Publish Date : 23/02/2025

               मधुमेह में सौंठ का पाउडर सेवन करने के लाभ

                                                                                                                                                     डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

सौंठ में पाए जाने वाले तत्व इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है। आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी जड़ी बूटियां हैं जो बढ़ी हुई रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में हमारी मदद करती है और इन्हीं में से एक सौंठ भी एक है।वैसे तो अदरक को सुखाकर ही सौंठ को बनाया जाता है, परंतु आयुर्वेद में मधुमेह के लिए सौंठ को अदरक से कहीं कहीं अधिक लाभकारी बताया गया है। प्रतिदिन एक चम्मच सौंठ के पाउडर का सेवन करने से मधुमेह के स्तर को काम किया जा सकता है।

                                                                

सौंठ में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, सोडियम, विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘सी’, फोलेक एसिड, जिंक और फैटी एसिड आदि उपलब्ध पाए जाते हैं, जो इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में सहायता करते हैं। सौंठ में थर्माेजेनिक गुण भी होते हैं जो मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का काम करते हैं। सौंठ का सेवन करने से अतिरिक्त फैट भी बर्न होता है और इससे वजन को कम करने में आसानी होती है।

सौंठ में फाइबर अधिक मात्रा में होने के कारण भूख कम लगती है और इससे हमारी पाचन क्रिया भी ठीक बनी रहती है।

ऐसे लोग जिन्हें अर्थराइटिस की समस्या है उन्हें प्रतिदिन सौंठ का सेवन करना चाहिए क्योंकि सौंठ का सेवन करने से जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत प्राप्त होती है। ऐसे ही जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक दर्द होता है उन्हें भी दर्द से छुटकारा पाने के लिए सौंठ के पाउडर का सेवन करना चाहिए। इसका सेवन करने से दर्द और मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन को कम किया जा सकता है।

                                                                

पित्त प्रकृति के मरीजों को अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही सौंठ का सेवन करना चाहिए, क्योंकि सौंठ की तासीर गर्म होती है। सोते समय हल्के गुनगुने पानी के साथ सोंठ के पाउडर का सीमित मात्रा में सेवन करने से भी लाभ मिलता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन नहीं करना चाहिए और यदि संभव हो तो अपने चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही सौंठ का उपयोग करना चाहिए।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।