निमोनिया से राहत दिलाने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां      Publish Date : 10/02/2025

             निमोनिया से राहत दिलाने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

                                                                                                                                                        डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

आपके फेफड़ों को सबसे अधिक प्रभावित करने वाली बीमारी निमोनिया में कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग बहुत लाभकारी सिद्व होता है, हमारे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट बता रहे हैं इन जड़़ी-बूटियों के बारे में विस्तार से-

निमोनिया एक संक्रमण जनित गंभीर रोग है, जो जानलेवा भी हो सकता है। निमोनिया संक्रमण में फेफड़ों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। इस बीमारी में शरीर के दोनों फेफड़ो में सूजन और दर्द शुरू हो जाता है। जिसके चलते कफ, मवाद और बुखार व ठंड लगने की समस्या होती है। यह रोग बच्चों के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है। निमोनिया की कारण प्रतिवर्ष दुनिया भर में हजारों की संख्या में बच्चों की मौत भी हो जाती है।

                                                                   

निमोनिया के लक्षण दिखने के बाद तुरंत इसका उपचार कराने पर इस बीमारी से निजात पायी जा सकती है। निमोनिया की बीमारी में आयुर्वेदिक तरीके से इलाज भी काफी लाभकारी माना जाता है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से हजारों साल से निमोनिया का उपचार किया भी जाता रहा है। आयुर्वेद में निमोनिया से जुड़े बुखार के बारे में विस्ता से बताया गया है। इस समस्या में कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों का उपयोग करना लाभदायक होता है, तो आइये जानते हैं निमोनिया की समस्या में कुछ लाभकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में।

निमोनिया के लक्षण

मरीज की स्थिति के अनुसार निमोनिया के लक्षण प्रत्येक व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में निमोनिया संक्रमण होने पर भी गंभीर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं तो वहीं कुछ लोगों में इस संक्रमण के लक्षण इतने गंभीर होते हैं कि एक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति बन जाती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के अनुसार आपका शरीर इस संक्रमण के प्रति प्रतिक्रिया देता है। अतः वयस्क और बच्चों में निमोनिया संक्रमण के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं।

वयस्क लोगों में निमोनिया के लक्षण

  • बलगम के साथ भारी खांसी।

  • बुखार, अत्यधिक पसीना और ठंड लगना।

  • सांस लेने में दिक्कत।

  • अत्यधिक कमजोरी और थकान।

  • भूख न लगना।

  • भ्रम होना और चक्कर।

  • सीने में गंभीर दर्द।

बच्चों में निमोनिया के लक्षण

  • ठंड लगना और बुखार।

  • गंभीर खांसी की समस्या।

  • बच्चों को भूख न लगने की समस्या।

  • निमोनिया की बीमारी में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग

निमोनिया एक संक्रमण जनित बीमारी है जिसे नजरअंदाज करना सेहत के लिए भारी हो सकता है। इस बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए। हालांकि इस बीमारी में इलाज तुरंत किया जाना चाहिए। लेकिन आप कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के उपयोग के माध्यम से भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं। आयुर्वेद में निमोनिया की समस्या में उपयोगी जड़ी बूटियों के बारे में काफी विस्तार से बताया गया है जिसका उपयोग प्राचीन काल से ही किया जा रहा है।

1. निमोनिया में हल्दी का उपयोग

निमोनिया एक गंभीर संक्रमण है जिसके चलते फेफड़ों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाता है। इस समस्या में इलाज के साथ हल्दी का उपयोग को लाभदायक माना जाता है। आप निमोनिया के कारण होने वाली परेशानियों से बचने के लिए हल्दी का आयुर्वेदिक तरीके से उपयोग कर सकते हैं। हल्दी में तमाम औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसके चलते आयुर्वेद में हल्दी के औषधि के रूप से प्रयोग में लाया जाता रहा है। निमोनिया की समस्या में आप हल्दी के पाउडर का सेवन कर सकते हैं।

हल्दी निमोनिया के कारण होने वाली परेशानियों को दूर करने में लाभकारी रहता है। आप हल्दी के पाउडर को गर्म दूध में डालकर रोज सुबह और शाम इसका सेवन करें। इसके अलावा इस समस्या में आप आधा चम्मच हल्दी और चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी में डालकर इसका सेवन रोजाना कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको बलगम, कफ और खांसी में फायदा मिलेगा।

2. निमोनिया में तुलसी का उपयोग

आयुर्वेद में तुलसी का अपना एक अलग ही महत्व है। तुलसी में मौजूद गुणों के कारण इसका उपयोग तमाम बीमारियों को दूर करने के लिए औषधि के रूप में किया जाता है। भारत में तुलसी को एक पवित्र पौधा माना जाता है और इसका उपयोग हिंदू धर्म के पवित्र कार्यों में किया जाता है। तुलसी में कफ वात दोष को कम करने, पाचन शक्ति एवं भूख बढ़ाने और खून को साफ करने के गुण मौजूद होते हैं। तुलसी का उपयोग बुखार, दिल से जुड़ी बीमारियों, पेट दर्द,  बैक्टीरियल संक्रमण और मलेरिया जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। निमोनिया की समस्या में भी तुलसी को उपयोग करने से लाभ मिलता है। आप निमोनिया की समस्या में तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उसमें काली मिर्च मिलाकर इसका सेवन करें। रोजाना हर छह घंटे के बाद इसके थोड़ी पत्तियों का रस और कालीमिर्च को एकसाथ मिलाकर सेवन करने से निमोनिया में लाभ प्राप्त होता है।

3. निमोनिया में लहसुन का उपयोग

निमोनिया की समस्या में लहसुन का उपयोग करना काफी फायदेमंद होता है। लहसुन को आयुर्वेद में एक असरदार औषधि माना जाता है। लहसुन के उपयोग करने से कई गंभीर बीमारियों से भी निजात मिलती है। आप निमोनिया की समस्या में लहसुन का उपयोग कर सकते हैं। रोजाना रात में लगभग एक कप दूध लेकर उसमें उसका चार गुना पानी मिला दें। अब इसमें आधा चम्मच लहसुन का पेस्ट डालकर इसे अच्छी तरह से उबालें। जब यह उबलकर एक कप बचे तो इसे छानकर किसी बर्तन में रखें और हल्का गुनगुना होने पर सेवन करें। ऐसा नियमित रूप से कुछ दिनों तक करने से निमोनिया की समस्या में फायदा मिलता है। इसका सेवन निमोनिया में होने वाली समस्याओं को भी दूर करता है।

4. सरसों के तेल से दूर करें निमोनिया

निमोनिया की समस्या में व्यक्ति को सीने में जकड़न, सर्दी और खांसी की समस्या सबसे ज्यादा होती है। इस स्थिति में सरसों के तेल का उपयोग बहुत फायदेमंद माना जाता है। निमोनिया की समस्या चाहे बच्चों में हो या बड़ों में शुद्ध सरसों के तेल का उपयोग इस समस्या में बहुत फायदा देता है। निमोनिया की समस्या से ग्रसित होने पर सरसों के तेल को गर्म करके सीने और छाती पर मालिश करें। रोजाना दो बार मालिश करने से निमोनिया की समस्या से बचाव होता है और निमोनिया की वजह से होने वाली जकड़न और खांसी भी दूर होती है।

5. निमोनिया की समस्या में तिल का उपयोग

आयुर्वेद में तिल को एक असरदार औषधि माना गया है। तिल के उपयोग से कई बीमारियों में फायदा भी मिलता है। सिर्फ तिल के बीज ही नहीं इनकी पत्तियों और जड़ों को भी आयुर्वेद में औषधि के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। तिल का सेवन सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। आप निमोनिया की समस्या में तिल का उपयोग कर सकते हैं। निमोनिया की समस्या होने पर आप 15 ग्राम तिल के बीज को 300 मिलीलीटर पानी में एक चम्मच अलसी और एक चम्मच शहद व आधा चम्मच नमक के साथ मिलाकर प्रतिदिन उपयोग करें। ऐसा करने से फेफड़ों से कफ बाहर निकलता है और निमोनिया की समस्या दूर होती है। 

ऊपर बताये गए सभी आयुर्वेदिक नुस्खों का उपयोग निमोनिया की समस्या में किया जाता है। लेकिन निमोनिया एक गंभीर बीमारी है जिसमें समय से इलाज न होने की स्थिति में मरीज की जान भी जा सकती है, इसलिए इन नुस्खों का उपयोग किसी एक्सपर्ट की देखरेख में किया जाना चाहिए। इनका उपयोग करने से पहले चिकित्सक की राय जरूर लें। निमोनिया के लक्षण दिखने पर बीमारी की जांच के बाद योग्य चिकित्सक से इलाज कराना लाभकारी रहता है।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।