
भूलने की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार Publish Date : 04/02/2025
भूलने की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
यदि आप भूलने की बीमारी से हैं परेशान तो फॉलो करें यह आयुर्वेदिक टिप्स-
आधुनिक जीवन की खराब जीवनशैली का बुरा प्रभाव न केवल लोगों के स्वास्थ्य पर बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। ऐसे में याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक टिप्स भी फॉलो कर सकते हैं।
इन दिनों लोगों में भूलने की बीमारी बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। लोग अक्सर कुछ बातों को और चीजों को रखकर अक्सर भूल जाते हैं। इसके अलावा लोग एकाग्रता से काम भी नहीं कर पाते हैं। कुछ अध्ययन के अनुसार ऐसा होने का एक प्रमुख कारण हमारी खराब जीवनशैली भी है। बढ़ती उम्र में भूलने की समस्या आमबात है, लेकिन वर्तमान समय में युवाओं में भी यह समस्या देखी जा रही है। आज की दौड़ती भागती जिंदगी में मानसिक रूप से स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है वरना आप कहीं पीछे छूट सकते हैं।
याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स का सेवन भी कर सकते हैं। ऐसे में हमारे आयुर्वदिक विशेषज्ञ आपको बता रहे हैं कि कौन सी हैं यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जो इस मामले में आपकी सहायता कर सकती हैं।
ब्राह्मी
ब्राह्मी एक प्राचीनतम जड़ी बूटी है. ये औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसका आयुर्वेद में हजारों सालों से उपयोग किया जा रहा है। ये मस्तिष्क की कार्य प्रणाली में सुधार करती है। यह जड़ी बूटी तनाव और चिंता से राहत दिलाने का काम करती है। यह मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी भरपूर मदद करती है। ब्राह्मी खाने से याददाश्त और एकाग्रता बढ़ सकती है। इसका सेवन करने से याददाश्त से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है। आप ब्राह्मी पाउडर को दूध या पानी के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
शंखपुष्पी
शंखपुष्पी आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक बहुत ही शक्तिशाली जड़ी बूटी मानी जाती है। इसका सेवन सालों से एक आयुर्वेदिक दवा के रूप में किया जा रहा है। इस बूटी का उपयोग मन को शांत करने और याददाश्त को बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। यह तनाव और चिंता का प्रबन्धन और उन्हें दूर करने का काम करती है। इसके लिए आप इस हर्बल पाउडर को एक चम्मच गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
अश्वगंधा
अश्वगंधा मानसिक और शारीरिक तनाव को दूर करने का काम करता है। यह जड़ीबूटी मस्तिष्क में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करती है। यह सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होती है। यह न केवल याददाश्त बढ़ाने का काम करता है बल्कि यह मस्तिष्क की बीमारियों के खतरे को कम करने का भी काम करता है। आप इसका सेवन दूध, पानी, शहद या घी के साथ मिलाकर कर सकते हैं।
तुलसी
आयुर्वेद में तुलसी बहुत अच्छी जड़ी-बूटियों में से एक मानी जाती है। आयुर्वेद में तुलसी को इसके स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। यह सेहत के लिए बहुत अच्छा होती है। इसमें एंटीबायोटिक, एंटी-वायरल, एंटीबैक्टीरियल, एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण उपलब्ध होते हैं। यह कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने का काम करती है। यह याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने का काम करती है। इसके लिए आप 5 से 10 तुलसी के पत्ते, 5 बादाम और 5 काली मिर्च शहद के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं। यह मेमोरी पावर को बढ़ाने में भी मदद करती है।
मेडिटेशन
नियमित रूप से मेडिटेशन करना भी आपको मानसिक रूप से स्वस्थ रखने का काम करता है। यह आपके मन को शांत करता है। मेडिटेशन करने से तनाव का स्तर कम होता है और एकाग्रता भी बढ़ाती है।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।