पेट को कूल रखने के आयुर्वेदिक उपाय Publish Date : 15/07/2023
पेट को कूल रखने के आयुर्वेदिक उपाय
गर्मियों में ऑईसक्रीम एवं फ्रिज में रखी दूरी वस्तुओं का सेवन करना किसे प्रिय नही होता है, परन्तु इन सभी वस्तुओं का तासीर ठण्ड़ा नही होता है। विशेष रूप से जिन लोगों को पित्त से सम्बन्धित समस्याएं होती हैं, उन लोगों को कुछ प्रकार की वस्तुओं का सेवन करने से इस मौसम में पेट की गर्मी, एसिडिटी, त्वचा का फटना और चिड़चिड़ापन आदि समस्याओं को बढ़ा सकता है।
पोषण एवं वेलनेस एक्सपर्ट करिश्मा शाह बताती है कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए आंतों को कूल रखना भी अनिवार्य होता है। इसके लिए विशेष रूप से प्राकृतिक चीजों पर ध्यान देकर ऐसा किया जा सकता है। विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियाँ इस प्रकार की हैं कि वे हमारे शरीर के आंतरिक तापमान को संतुलित कर हमारी पाचन क्रिया को पर्याप्त बढ़ावा देती हैं, जिनके बारे में विवरण इस प्रकार से है -
एलोवेरा: एलोवेरा का जूस हमारे पाचन तन्त्र (डाइजेस्टिव सिस्टम) को शीतल बनाए रखने में सहायक है। इसका सेवन करने से आंतों की गर्मी और पेट की जलन आदि समस्याओं में राहत प्राप्त होती है, और इसके साथ ही एलावेरा का जूस हमारे शरीर को लम्बे समय तक हाईड्रेट बनाए रखता है।
धनिया:- धनिया के बीज एवं पत्ते को इनके शीतल गुणों के लिए जाना जाता है। धनिये के बीज अथवा पत्तों की हर्बल चाय का सेवन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभदायक रहता है। धनिये का पानी हमारी पाचन क्रिया को सक्रिय बनता है। अतः धनिये के पानी का सेवन नित्यप्रति खाली पेट करना चाहिए।
सौंफ:- सौंफ का सेवन करने से हमारे पाचन तन्त्र की गर्मी शांत होती है। सौंफ का सेवन भोजन के बाद कऱनें से जलन एवं एसिडिटी कम होती है। सौंफ का सेवन पाउडर, चाय अथवा शरबत आदि किसी भी रूप में किया जा सकता है।
पुदीना:- पुदीने की पत्तियाँ ताजगी एवं शीतलता से भरपूर होती हैं पुदीने की चाय या इंपयूज्ड पानी आंतों को शीतलता प्रदान करने के साथ ही हमारे पाचन तन्त्र के स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
इलायची:- इलायची के बीज सीने की जलन एवं मतली के लक्षणों को कम करने में सहायक हैं। इलायची के बीजों को पानी में उबालकर सेवन करने से भी शरीर को शीतलता प्राप्त होती है। इलायची का सेवन करने से सांसों की बदबु कम होती हैं और शरीर से अशुद्व तत्वों को बाहर निकालने में भी मदद मिलती है।