आजमाये हुए कुछ आयंर्वेदिक नुस्खें      Publish Date : 11/01/2025

                       आजमाये हुए कुछ आयंर्वेदिक नुस्खें

                                                                                                                                        डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

मोटापा कम करने वाले नुस्खेः-

                                                                   

सौंफ, सौंठ, चव्य, विडंग और काला नमक इन सबका चूर्ण बनाकर 2 ग्राम की मात्रा में गाय के दूध से बने मट्ठे के साथ नियमित रूप से सेवन करने से मोटापे की समस्या दूर होती है।

पिप्पली और हरड़ के चूर्ण का मट्ठे के साथ सेवन करने से मोटापा कम होता है।

काला जीरा और विडंग नमक दोनेां को बराबर मात्रा में लेकर इनका चूर्ण बना लें और सुबह के समय खाली पेट नियमित रूप इस चूर्ण का सेवन (रात को पानी में भिगोकर, सुबह को उसी पानी में इसे मसलकर और छानकर) करने से मोटापा दूर होता है।

फैटी लिवर और हाई-कोलेस्ट्रॉल के लिए आयुर्वेदिक नुस्खा:-

                                                              

वायविडंग, सौंठ, जवाक्षार और त्रिफला चूर्ण को बराबर मात्रा में लेकर इसका चूर्ण बनाएं और प्रतिदिन एक-एक चम्मच सुबह शाम मट्ठे के साथ इस चूर्ण का सेवन करने से मोटापा दूर होता है।

मेटाबॉल्ज्मि बढ़ाने वाला नुस्खाः-

दोपहर और रात्री में भोजन करने से आधा घण्टा पूर्व टमाटर, गाजर, मूली, आँवला, ब्रोकलली, चुकन्दर और अपनी सुविधा के अनुसार सब्जियाँ लेकर इन्हें काट ले, इसके बाद इन्हें कुकर में एक सीटी का उबाल दें, फिर इन्हें अच्छी तरीके से मैश कर इसमें पानी मिक्स कर लें। अब इसमेें विडंग चूर्ण काला नमक, पिप्पली चूर्ण, सैंधा नमक, भुने हुए जीरा का चूर्ण, पिसी हुई काला मिर्च, एक नींबू का रस, (अपने स्वाद के अनुसार मसाले) मिलाकर, प्रतिदिन एक कप (गरम-गरम) सेवन करना चाहिए।

इस प्रकार से बने सूप का सेवन करने से पाचन शक्ति बढ़ती है, पेट की गैस, अपच और अजीर्ण की समस्या समाप्त होती है। इस सूप का सेवन करने से रक्त शुद्व होकर, अधिक मात्रा में बनता है और इससे मोटापा भी नियंत्रित होता है।

डायबिटीज/शुगर को नियंत्रित करने का नुस्खाः-

                                                             

गिलोय, डोड़ा पनीर, कड़ुवा चिरायता, देशी बबूल की छाल, गूलर की पत्तियाँ, गोरखमुण्ड़ी और अर्जुन के पत्ते, सबको बराबर मात्रा में लेकर अधकुटा करके, इसके 8 गुना पानी में भिगों देना चाहिए। अगले दिन प्रातः काल इसका काढ़ा बनाते हुए जब चौथाई जल शेष रह जाए इसे छानने के बाद पुनः पकाएं तथा इसके गाढ़ा होने पर पिसी हुई हल्दी, जो घर की पिसी हुई हो तो ज्यादा अच्छा है, का चूर्ण मिलाकर 1-1 ग्राम की मात्रा की गोलियाँ बनाकर रखे लें।

इसके बाद 2-2 गोली सुबह-शाम मेथी के पानी के साथ प्रतिदिन सेवन करने से शुगर नियंत्रित रहता है, यह मधुमेह का नियंत्रण करने के लिए सैंकड़ों बार आजमाया हुआ और एक रामबाण नुस्खा है।  

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।