थायराइड कंट्रोल करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय Publish Date : 30/12/2024
थायराइड कंट्रोल करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
थायराइड कंट्रोल करने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक उपायों की सहायता प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में हमारे आयुर्वेद एक्सपर्ट बात कर रहे हैं इसके बारे में विस्तार से-
वर्तमान समय के गलत खानपान और खराब जीवनशैली और आदतों के कारण थायराइड की समस्या का होना लोगों में एक आम बात हो गई है। दरअसल, थायराइड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है, जो हमारी गर्दन के अंदर मौजूद होती है। यह ग्रंथि थायरोक्सिन नामक हार्माेन का उत्पादन करती है, जो शरीर के मेटाबॉलिक रेट और एनर्जी लेवल को कंट्रोल करने में हमारी मदद करता है। जब थायराइड ग्रंथि अपना काम ठीक से नही कर पाती है या फिर वह काम करना बंद कर देती है, तो हमारे शरीर में थायराइड हार्माेन का उत्पादन कम या अधिक होने लगता है, जिससे थाइराइड नामक रोग उत्पन्न हो जाता है।
हालांकि, पुरुषों की तुलना में महिलाओं को थायराइड होने का जोखिम अधिक होता है। थायराइड के कारण तेजी से वजन बढ़ना, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, मांसपेशियों में दर्द, कब्ज, त्वचा ड्राईनेस और बाल झड़ने के जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। थाइराइड रोग को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। इसे सिर्फ दवाओं, खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव के माध्यम से मैनेज किया जा सकता है। थाइराइड की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक उपायों को भी अपना सकते हैं। आजके अपने इस लेख में हमारे आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ0 सुशील शर्मा आपको ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे हैं, जो थायराइड को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
हल्दी
थायराइड की समस्या से राहत प्राप्त करने में हल्दी बहुत कारगर साबित हो सकती है। हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो थायराइड हार्माेन के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो शरीर में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं। आप हल्दी को अपने भोजन में शामिल करने के अलावा हल्दी के पानी का सेवन भी कर सकते हैं। इससे थायराइड को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। साथ ही, आपकी सेहत को कई अन्य लाभ भी मिलते हैं।
धनिया के बीज
थाइराइड को कंट्रोल करने के लिए धनिया के बीज का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। धनिया में मौजूद विटामिन और मिनरल्स थायराइड के उपचार में बेहद कारगर माने जाते हैं। इसके लिए एक चम्मच धनिया के बीजों को रात भर के लिए पानी में भिगो देना चाहिए। सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर सेवन कर लेने से लाभ होता है। धनिया का नियमित सेवन करने से थायराइड के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
अश्वगंधा
आयुर्वेद में अश्वगंधा का विभिन्न प्रकार की बीमारियों का उपचार करने के लिए उपयोग किया जाता है, जिनमें थायराइड भी शामिल है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर और गले में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर में थायराइड हार्माेन के उत्पादन को बढ़ावा मिलता है। साथ ही, तनाव और चिंता को कम करने में भ पर्याप्त मदद मिल सकती है।
ब्राह्मी
थायराइड की परेशानियों को दूर करने के लिए आप ब्राह्मी का उपयोग भी किया जा सकता हैं। इसमें मौजूद औषधीय गुण थायराइड हार्माेन के उत्पादन को बढ़ाने में सहायता करते हैं। ब्राह्मी में लेवोथायरोक्सिन नामक तत्व पाया जाता है, जो टी3 और टी4 लेवल को बढ़ाने में मदद करता है। इसका नियमित सेवन करने से थायराइड के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
त्रिफला
त्रिफला भी थायराइड को नियंत्रित करने में बहुत लाभकारी रहता है। यह हमारे पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी हमारी मदद करता है। रोजाना रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला पाउडर का सेवन गुनगुने पानी के साथ करने से थायराइड के लक्षणों में कमी आ सकती है।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।