विभिन्न रोगों की एक पारंपरिक दवा शलजम Publish Date : 17/12/2024
विभिन्न रोगों की एक पारंपरिक दवा शलजम
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
शलजम की जड़ कम वसा कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आहार फाइबर, विटामिन-सी, आवश्यक अमीनो एसिड और खनिज तत्व सहित कई पोषण संबंधी न्यूट्रिएंट्स से समृद्ध मानी जाती हैं। शलजम कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर को नियंत्रित रखती है। यह जोड़ों की क्षति को कम करने में भी मददगार है। शलजम की पत्तियों में इसकी जड़ों की तुलना में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं।
शलजन की जड़ों में ग्लूकोसाइनोलेट्स पत्तियों से अधिक होते हैं, जो ण्क प्रकार के एंटीइफ्लेमेटरी यौगिक होते हैं। शलजम को अपनी डाइट में शामिल करने से रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में और कब्ज की समस्या को समाप्त करने में भी सहायता प्राप्त होती है।
यह स्वस्थ पाचन तंत्र के लिए नियमितता को बढ़ावा देकर शरीर को विषाक्त पदार्थों से छुटकारा प्रदान करने में मददगार है। हृदय संबंधी समस्याओं से राहत प्रदान करने में भी शलजम कारगर सिद्व होती है। शलजम में मौजूद पोषक तत्व हमारे शरीर में मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों को रोकते है और यह हमारी इम्युनिटी को मजबूत बनाते हैं। आहार में शलजम को शामिल करने से जोड़ों की क्षति को कम करने में भी मदद मिलती है। यह कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर को नियंत्रित रखती है।
ल्यूटिन जैसे योगिकों की उपस्थिति के कारण शलजम आंखों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। शलजम को अपने आहार में शामिल करना आपके लिए बहुत ही लाभदायक होता है। यदि आप थायरॉयड से संबंधित या नाइट्रेट युक्त दवाएं ले. रहे हैं, तो अपने आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर के सलाह से ही आपको इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।