लहसुन में हैं गुण बहुत      Publish Date : 29/11/2024

                            लहसुन में हैं गुण बहुत

                                                                                                                                          डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा

लसहसुन का प्रयोग हमारी रसोई में अक्सर किया जाता है। हालांकि इसकी गंध बड़ी तीक्ष्ण होती है और काफी समय तक यह गंध बनी रहती है, इसके उपरांत भी इसके असीमित गुणों के कारण इसका सेवन लाभकारी होता है। आयुर्वेद में लहसुन को गरम प्रकृति का खाद्य माना गया है। वनस्पति शास्त्र में इसे ‘एलियम सेटीवम’ कहते हैं। लहसुन का सेवन विभिन्न रूपों में किया जाता है यथा-

                                                          

- सब्जी में पकाकर, कच्चा, चटनी व अचार आदि बनाकर। वैज्ञानिकों ने लहसुन पर बहुत सारे प्रयोग किए हैं और पाया है किं चाहे किसी रूप में इसका सेवन किया आए, यह लाभ ही देता है।

इसका वैज्ञानिक विश्लेषण करने पर इसमें निम्न तत्व पाए गए हैं- 29.0 प्रतिशत काबर्बाेहाइड्रेट, 6.3 प्रतिशत प्रोटीन, 1.0 प्रतिशत खनिज लवण, 0.7 प्रतिशत वसा, 0.31 प्रतिशत फास्फोरस, 3.03 प्रतिशत कैल्शियम तथा 62.8 प्रतिशत आर्द्रता। इनके अतिरिक्त प्रति 100 ग्राम लहसुन में 1.3 मिलीग्राम लोहा व 13.0 मिली ग्राम विटामिन-सी भी पाए गए हैं।

लहसुन का औषधि के रूप में प्राचीन काल से प्रयोग होता रहा है। घरेलू उपचारों में लहसुन का विशेष महत्व है। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान युद्ध में घायल सैनिकों के बदबूदार घावों को लहसुन के पानी से साफ करने में विशेष सफलता मिली थी। विज्ञानियों ने अध्ययन करके पता लगाया है कि लहसुन जबरदस्त कीटाणु नाशक होता है। इसका उपयोग इस रूप में अभी भी व्यापक होता है।

आयुर्वेद में तो लहसुन का उल्लेख यौवन प्रदाता के रूप में किया गया है। इसका द्य सेवन दौर्बल्य को नष्ट करने वाला होता है तथा साथ ही यह सर्दी-जुकाम, खांसी, निमोनिया व क्षय रोग में बहुत लाभ पहुंचाता है। चिकित्सकीय गुणों की वजह से लहसुन निम्न रूप से विभिन्न बीमारियों में प्रयुक्त किया जा सकता है

                                                      

  • दांत-दर्द में लहसुन लाभ पहुंचाता है। दांत दर्द, कीड़ा लगने पर होता है। ऐसी अवस्था में लहसुन के टुकड़े को गर्म करके दृर्द बाले दांत पर रखकर कछ देर दबाना चाहिए। ऐसा करने पर कछ समय बाद आराम मिलता है।
  • अक्सर घरों में कड़वे तेल (सरसों का तेल) में लहसुन गर्म करके उससे बच्चों के शरीर की प्रानिश की जाती है। वस्तुतः ऐसा नहसुन इस गुण के कारण किया जाता है कि यह शरीर संबर्धन में सहायक है। कुछ दिननियमित ऐसा करने पर अपेक्षित लाभ मिलता है।आधा सीसी के दर्द की शिकायत में भी यह लाभ पहुंचाता है। ऐसा दर्द होने पर लहसुन को पीसकर सिर में दर्द वाले स्थान पर लगाना चाहिए। कुछ देर तक ऐसे ही रहने देना चाहिए।
  • शरीर में रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम करने में लहसुन बहुत उपयोगी पाया गया है। लहसुन में यह बड़ा महत्वपूर्ण गुण है कि यह अपने प्रभाव से चर्बी और प्रोटीन को घुलनशील बना देता है। इस प्रभाव के कारण रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती है।
  • खांसी व कफ हो जाने पर भी लहसुन का सेवन फायदा करता है। जकड़े हुए कफ को पतला करके बाहर लाने में लहसुन सहायक का काम करता है। कफ निकलने से गला साफ हो जाता है।
  • काली खांसी होने पर भी लहसुन लाभपहुंचाता है। ऐसे में १० बंद लहसुन का रस, ३ ग्राम शहद व ३ ग्राम पानी के साथ मिलाकर चटाना चाहिए। इतने परिमाणं में दिन में इसका तीन बार सेवन करना चाहिए। यह बेहद गुणकारी नुस्खा है।
  • लहसुन का एक महत्वपूर्ण गुण यह है कि यह रक्त धमनियों की अवरुद्धता को रोकता है।इससे हृदय रोगों से बचा जा सकता है। अतः लहसुन का सेवन करने वाले हृदय रोगों को दूर रख सकते हैं।पेट के विकारों में लहसुन बहुपयोगी है। कई लोग एक गांठ के लहसुन को प्रतिदिनखाली पेट कच्चा चबाकर खाते हैं। यह पेट की बीमारियों को दूर करता है। यहां उल्लेखनीय है कि दो तरह का लहसुन मिलता है-

                                                               

- एक गांठ वाला व कलियों वाला।

-लहसुन में आयोडीन पाया जाता है, इसलिए इसका सेवन घेघा (गंडमाला) नामक रोग में फायदा पहुंचाता है।

-पेट में कीड़े हो गए हों, तो लहसुन की फांकों को छीलकर उन्हें मुनक्खा या शहद के साथ खाना चाहिए। तीन-चार दिन तक इस प्रकार सेवन करना चाहिए। इससे पेट के कीड़े मर जाते हैं।

-हाई ब्लड प्रैशर के मरीज को यदि लहसुन का सेवन कराया जाए, तो इससे उसे राहत मिलती है। यह उसके लिए लाभदायक है।

-इसके अतिरिक्त लहसुन अफारा, मिरगी, हिस्टीरिया, स्नायुरोग, दमा व जोड़ों के दर्द आदि परेशानियों में भी लाभ पहुंचाता है।

लेखकः डॉ0 सुशील शर्मा, जिला मेरठ के कंकर खेड़ा क्षेत्र में पिछले तीस वर्षों से अधिक समय से एक सफल आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में प्रक्टिस कर रहे हैं।