जड़ी-बूटियाँ गमलों में Publish Date : 02/06/2023
जड़ी-बूटियाँ गमलों में
डॉ0 आर. एस. सेंगर, डॉ0 शालिनी गुप्ता एवं मुकेश शर्मा
विभिन्न प्रकार के हर्ब्स यानी जड़-बूटियों का सेवन करने से आपको नए-नए स्वादों के साथ ही साथ भरपूर पोषण भी प्राप्त होता है। इन जड़ी-बूटियों को घर के गमलों में भी आसानी से उगाया जा सकता है।
विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियाँ मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत ही लाभदायक होती हैं, जो विभिन्न रोगों का उपचार करने के काम में लाई जाती है। आयुर्वेद में किसी सम्पूर्ण पौधे को जड़ी-बूटी के रूप में उपयोग किया जा सकता है या फिर उसके किसी भाग विशेष जैसे फल, फूल, बीज, पत्ते, जड़ या शाखा आदि को भी उपयोग किया जा सकता है।
इनमें कुछ को ताजा, कुछ को सुखाकर और कुछ को इन दोनों ही रूपों में उपयोग किया जा सकता है। इन पौधों को आप किचन गार्डन, खिड़की, बालकनी या टेरिस पर गमलों या कंटेनर्स में आसानी से उगाया जा सकता है।
तुलसीः तुलसी के पौधों को गमलों में आसानी से उगाया जा सकता है, केवल इस बात का ध्यान रखना होता है कि जहाँ भी तुलसी के पौधे को रखें वहाँ उसे पर्याप्त धूंप मिलती रहे। तुलसी के पौधों को लगाने के लिए आप बसंत ऋतु के आरम्भ में गमले के पॉटिंग मिश्रण में या तो तुलसी के बीज बोएं या फिर इसके पौधों की रोपाई करें।
तुलसी का पौधा जब अच्छे प्रकार से पनपने लगे तो इस गमले को किसी गर्म स्थान पर रखें। हालांकि, तुलसी का पौधा लगाने के लिए गमले अथवा कंटेनर का गहरा होना आवश्यक है। गर्मियों के मौसम में तुलसी के पौधों को सुबह और शाम दोनों समय पानी देना चाहिए, परन्तु इस पौधे को रात में पानी नही देना चाहिए क्योंकि इससे तुलसी की नम पत्तियों में में कवक रोग लगने की आशंका रहती है।
तुलसी के पौधों की जडों की लम्बाई अधिक होने के कारण इसको लगाने के लिए गमला या कंटेनर की गहराई अधिक ही रखनी चाहिए।
पुदीनाः पुदीने की कटिंग अथवा अथवा इसके बचे हुए डण्ठलों की सहायता से आप इसे आसानी से गमले या ग्रो बैग में उगा सकते हैं। इसकी कटिंग को पानी के गिलास या जार में रखकर इसकी जड़ों को बढ़ने दें। जब पुदीने की कटिंग में जड़ें देने लगें तो तनों को मिट्टी में फैला दें। इन गमलों को ऐसे स्थान पर रखें, जहाँ इन्हें सुबह की धूप मिल सके। फूलों के आने से पहले पुदीने कटाई कर लेनी चाहिए।
धनियाः धनिया को बीज के माध्यम से घर में आसानी के साथ उगायी जाने वाली जड़ी-बूटियों में से एक है। धनिया को लगाने के लिए इसके गमले या कंटेनर को 25 सेमी0 गहरा और चौड़ा रखें। इके बीज को नम मिट्टी ममें डालें परन्तु नमी की मात्रा सीमित ही रखनी चाहिए। धनिये की नियमित फसल को प्राप्त करने के लिए प्रति दो सप्ताह इसके बीजों की बुआई करे रहें। धनिया केपौधे गर्मियों के मौसम में अधिक फूलतें है।
तेज पत्ताः तेज पत्ता का पौधा सदाबहार पौधा है। अतः पूरे वर्षभर इस पत्तें निकलने के कारण पूरे वर्ष इसकी कटाई की जाती है। तेज पत्ता को उगाने के लिए कंटेनर, गमले या ग्रो बैग बड़े तथा गहरे होने चाहिए। गमले की मिट्टी में एक या दो मग खाद को मिला देना चाहिए। गमले के बीचो-बीच पौधे को रखकर उसको चारो ओर से खाद वाली मिट्टी से दबा देना चाहिए इसके साथ ही आवश्यकता के अनुसार सिंचाई भी कर देनी चाहिए।
तेज पत्ता घरों में आसानी के साथ उगायी जाने वाली जड़ी-बूयिों में से एक है, जो गर्मियों के मौसम भली प्रकार से फूलती फलती है।
अजमोदः अजमोद का पौधा देखने में बहुत कुछ अजवायन के जैसा लगता है, जबकि इसके दानों का आकार अजवायन के दानों से कुछ बड़ा होता है। अजमोद का पौध दो मौसम तक फलता-फूलता हैं अजमोद के बीज की बुआई करने से पूर्व इसके बीज का कोट तोड़ने के लिए बीज को गर्म पानी में भिगो देना चाहिए। अजमोद के पौधों को गर्मियों में हल्की छाया तथा सर्दियों में हल्की धूंप में रखना चाहिए। अजमोद के पौधों का उपयोग करने से पूर्व इनके ऊपर लगे फूलों को हटा कर करना चाहिए।
थाइमः थाइम एक सदाबार हर्ब होती है, जिसे इसके स्वादिष्ट पत्तियों के लिए जाना जाता है। थाइम के पत्ते हरे रंग के एवं स्वादिष्ट होते हैं, जिनका स्वाद लौंग के जैसा होता है। थाइम का पौधा झाड़ीनुमा होता है एवं उसकी लम्बाई एक फिट तक की होती है। थाइम के पत्ते एव ंतना नाजुक होता है, जबकि इसके पौधे को गमले या ग्रो बैग में कम देखभाल की आवश्यकता होती है। थाइम के पौधों को लगभग समस्त प्रकार के गमलों या कंटेनर्स में उगाया जा सकता है और इसके पौधे कम उर्वरक एवं पानी को चाहने वाले होते हैं।
लेखकः डॉ0 सेंगर, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ, स्थित कॉलेंज ऑफ एग्रीकल्चर के कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग में प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष हैं।