वर्षा ऋतु और हमारा स्वास्थ्य Publish Date : 29/08/2024
वर्षा ऋतु और हमारा स्वास्थ्य
डॉ0 सुशील शर्मा एवं मुकेश शर्मा
मानसून पानी वर्षा ऋतु में हमारी पाचन क्रिया कमजोर पड़ जाती है, इसलिए खानपान में थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत होती है। इन दिनों वातावरण में आर्द्रता बढ़ जाती है। यह बदलाव स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण होते हैं। लोग भूख कम लगने या खाना हजम नहीं होने की शिकायत करने लगते हैं। आजकल के मौसम में थोड़ा भी गरिष्ठ भोजन करने से गैस, एसिडिटी और खट्टी डकार आने की आशंका बढ़ जाती है। पाचन ठीक नहीं होने से भोजन सही से नहीं पच पाता।
विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श से ही कोई कदम उठाएं। स्वयं से करें सवाल यदि आप अपना वजन घटाना चाहते हैं तो पहले स्वयं विचार करें कि यह क्यों बढ़ रहा है। गाड़ी से चलना पसंद है अथवा साईंकिल का प्रयोग करते हैं?
पोषक तत्वों की कमी शारीरिक ध्यान रहे, यदि आप संतुलित भोजन मानसिक कमजोरी, रोग प्रतिरोध कर, यानी पोषक तत्वों से भरपूर भोजन क्षमता कम हो जाना, ऑस्ट कर सकते हैं।
पर्याप्त सक्रिय रहते हैं
एनीमिया का खतरा आदि।
पाचन की समस्या क्या खाएं- क्या न खाएं
यदि इन दिनों भूख कम लगने या पेट के लगातार भारी रहने की समस्या हो रही है तो इसका एक कारण मौसम का परिवर्तन भी हो सकता है। मानसून में खानपान के साथ-साथ किस तरह की सतर्कता बरतनी चाहिए। आइए जानते हैं. इससे शरीर में विषाक्त तत्व बढ़ जाते हैं। इसका सर्वाधिक असर जोड़ों में होता है। जिन लोगों को पहले से जोड़ों संबंधी समस्या है, उन्हें अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
हल्का सुपाच्य भोजन करें। इन दिनों खानपान को लेकर बहुत सतर्क रहना चाहिए। बाहर के अधिक तैलीय और मसालेदार भोजन खाने से बचें। इसके बजाय घर का बना हुआ ताजा और सुपाच्य भोजन करें। अगर व्रत करते हैं तो इन दिनों में भी कुट्टू, आलू, मखाना आदि का सेवन करें।
पेयजल को लेकर सावधानीः
वर्षा ऋतु में पानी को उबालकर ठंडा कर लें, फिर उसका प्रयोग करें। दूषित पेयजल से अतिसार, डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
वायरल - डेंगू से रहें सतर्क बरसात में अधिक तले-भुने और मसाले युक्त भोजन से बचने का प्रयास करें। शाम को सूरज ढलने से पहले हल्का सुपाच्य भोजन करें। इसमें मूंग दाल और टिंडा, लौकी जैसी सब्जियों का प्रयोग कर सकते हैं। इस मौसम में गुनगुना पानी पीना चाहिए। व्रत कर रहे है तो दिन में केवल दूध ले सकते हैं।
लेखकः डॉ0 सुशील शर्मां, पिछले 30 वर्षोंं से कंकर खेड़ा मेरठ में एक आयुर्वेंदिक चिकित्सक के रूप में प्रैक्टिस कर रहे हैं।