पलाश के फूल बहुत उपयोगी Publish Date : 18/08/2024
पलाश के फूल बहुत उपयोगी
डॉ0 सुशील शर्मां एवं मुकेश शर्मां
Dibetes की बेहतरीन दवा है पलाश का फूल, ब्लड शुगर एकदम होता है कंट्रोल, चेहरे पर भी आती है चमक
पलाश के फूल सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं और विभिन्न रोगों में इन फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए तो यह किसी वरदान से कम नहीं है। पलाश को ‘फ्लेम ऑफ द फॉरेस्ट’ नाम से भी जाना जाता है। इसके फूल, छाल, बीज और पत्ती सभी अंगों का उपयोग किया जाता है।
पलाश के फूलों में ग्लूकोसाइड, ब्यूट्रिन और आदसोब्यूट्रिन असदि के जैसे रासायनिक तत्व शामिल होते हैं। हालांकि, पलाश में एंटीहाइपरग्लिसेमिक गण अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो मानव शरीर के ब्लड शुगर को नियमित करने में सहायता करता है। यह गुड़ कोलेस्ट्रॉल को अधिक बेहतर बनाने में सहायता करता है। एनसीबीआईं (नेशनल सेंटर फॉर बायोटैनोलॉजी इंफॉर्मेंशन) के द्वारा की गईं एक रिसर्चं के अनुसार, जब लैब में दो सप्ताह तक 200 मिलीग्राम पलाश का उपयोग चूहों पर किया गया, तो चूहों का शगर लेवल और सीरम काफी हद तक कंट्रोल था। वैसे पलाश के पत्तों का उपयोग एक एंटीसेफ्टिक के रूप में प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है।
पलाश के फूल करते खून साफ
आजकल के गलत खान पान से रक्त का दूषित होना एक आम बात है, इसके चलते प्रभावित की त्वचा पर मुंहासे, रैशेज तथा एलर्जीं आदि की समस्या से दो चार होना पड़ता है। ऐसे में दूषित रक्त को स्वच्छ करने में पलाश की छाल बहत काम आती है जो रक्त को अंदरूनी रूप से स्वच्छ करती है और त्वचा को अंदर से ग्लो करती है।
गम्भीर रोगों के उपचार में भी है लाभकारी
पलाश के फूलों के रस से कईं गम्भीर रोगों का उपचार भी किया जाता है, यह मूत्राश्य की सूजन और पेशाब से सम्बन्धित परेशानियों का सामना कर रहे लोगो के उपचार मे भी बेहतरीन काम करता है।
पलाश के फूलों का सेवन करने का तरीका
पलाश के फूलों और उसके पत्तों का पाउडर घर पर ही बना कर उपयोग कर सकते हैं। अगर आप चाहे तो इसका काढ़ा भी बनाया जा सकता है। इसका काढ़ा बनाने के लिए 2 कप पानी में एक चम्मच पलाश के पाउडर को उबाल लें। इसके बाद पलाश के फूलों को धोकर साफ करने के बाद इसमें डाल दें और इसे रातभर ऐसे ही रखा रहने दें। सुबह सवेरे खाली पेट इस काढ़े का सेवन करने से आपको कईं रोगों में काफी लाभ प्राप्त होगा।
लेखक: डॉ0 सुशील शर्मां, पिछले 25 वर्षों से कंकर खेड़ा मेरठ में बतौर आयुर्वेंदिक चिकित्सक के रूप में प्रैक्टिस कर रहे हैं।