दिल पर भारी पड़ सकती है, डायबिटीज की बीमारी      Publish Date : 20/02/2024

                      दिल पर भारी पड़ सकती है, डायबिटीज की बीमारी

                                                                                                                                                                      डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

मेरठ शहर के जाने-माने अस्पताल प्यारे लाल शर्मा में बतौर मेडिकल ऑफिसर कार्यरत डॉ0 दिव्यांशु ने जानकारी दी कि हृदय रोग और डायबिटीज के बीच गहरा संबंध है। यह दोनों बीमारी बीपी, कोलेस्ट्रॉल और मोटापे के बढ़ने से भी हो सकती है, इसलिए समय रहते अगर डायबिटीज को कंट्रोल नहीं किया गया, तो हार्ट डिसीज होना निश्चित है।

अनियंत्रित एवं 5 वर्षों से ऊपर डायबिटीज से ग्रस्त होने के कारण दिल और दिमाग को खून की सप्लाई करने वाली नसों पर प्रभाव पड़ता है, और वह संकरी/पतली हो जाती है। दिल तक खून पहुंचाने वाली नसों में खून का थक्का जमने से दिल का दौरा पड़ता है।

डायबिटीज रोगी में इसकी आंशका दोगुनी हो जाती है। डायबिटीज के कारण दिमाग की नसों को होने वाले नुकसान से स्ट्रोक/लकवा का खतरा भी बढ़ जाता है। हृदय रोगों का तेजी से बढ़ना और उसके कारण होने वाली मौतों के आंकड़ों को देखते हुए हृदय के प्रति गंभीर रवैया अपनाने की बेहद आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि हृदय के प्रति सावधानियां अपनायी जाएं और उनका सख्ती से पालन किया जाए।

                                                           

ऐसे रखें हृदय को स्वस्थ:- प्रतिदिन अन्य कार्यों की तरह ही व्यायाम के लिए भी समय निकालें। सुबह और शाम के समय पैदल चलें। भोजन में नमक और वसा की मात्रा कम कर लें। ताजे फल और सब्जियां आहार में शामिल करें। तनाव अधिक होने पर योगा व ध्यान द्वारा इस पर नियंत्रण करें। धूम्रपान का सेवन तो बिल्कुल बंद कर दें। क्योंकि यह हृदय के साथ ही अन्य कई बीमारियों का कारक होता है। डॉक्टर से नियमित जांच कराना न भूलें। दिल की बीमारियों की पहचान के लिए सालाना जांच जरूर कराएं।

खास वर्तमान जीवनशैली कारणों से लोग दिल की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं और हृदय संबंधी बीमा लोगों की मौत हो जाने के कारण इस रोग की समस्या देख इस समस्या के प्रति गम्भीर रूख अपनाने की आवश्यकता है। दिल की बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाने के के उद्देशय से बदलते मौसम में सर्दी ठंडी हवाए हमारे दिल की धड़कनों का बढ़ना, दिल की धडकनों का अनियमित रहना एवं सर्दियों के लापरवाही बरतने से बचना ही लाभदायक रहता है।

सवाल: मेरी उम्र 48 साल है। करीब सात साल से पैर में बहुत दर्द रहता है। जांच में विटामिन डी रेंज से ज्यादा 55.16 आया है। घुटने के पास से पैर हल्का टेढ़ा लगता है और पैर में सूजन भी है। मैं ज्यादा देर खड़ी नहीं हो पाती। खाने में क्या परहेज करूं? मुझे लगता है कि इस कारण आंखों व दांतों पर भी असर पड़ रहा है। मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब: आपकी बातों से लग रहा है कि आपको ऑस्टियो आर्थराइटिस है। इसी कारण देर तक खड़े होने में दर्द होता है। संतुलित भोजन करें और सूजन आदि की समस्या के लिए किसी चिकित्सक से सम्पर्क करें। डॉक्टरी जांच जरूरी है। एक्स रे भी करा लें। फिजियोथेरेपी व घुटनों के विशेष व्यायाम से आराम मिलेगा। विटामिन डी ज्यादा है तो फिलहाल विटामिन डी की दवा न लें। पैरों को मोड़कर जमीन पर न बैठें, सीढ़ियां भी कम से कम चढ़ें।

सवाल: मेरी उम्र 28 साल है। दोनों पैर के अंगूठे की हड्डी बाहर निकली हुई है। डॉक्टर को दिखाया है पर आराम नहीं हुआ। ज्यादा चलने से दर्द भी होता है। डॉक्टर ने एक क्लिप दी है, पर उससे भी आराम नहीं आता। मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब: आपके अंगूठे की हड्डी बड़ी होने के कारण चलने में परेशानी आ रही है, इसे सीसमॉइड हड्डी व हॉलक्स वालगस कहते हैं। आमतौर पर इसमें अपने आप ही आराम आ जाता है। पर, दर्द ज्यादा है तो मुलायम चप्पल पहनें। एक साथ ज्यादा न चलें।

सवाल: मैं 12 वीं में पढ़ता हू । मैं थोड़ा दूर चलने में ही थक जाता हूं। पैरों में दर्द रहता है। क्या करूं?.

जवाब: आपको विटामिन डी और कैल्शियम- की कमी लग रही है। इससे थकान जल्दी होती है। आप विटामिन डी, एएलपी, फॉस्फेट, कैल्शियम की जांच कराएं। अच्छा भोजन करें। मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करें।

पोस्टपेंडियल एंजाइना के लक्षण

                                                           

1.   खाना खाने के बाद तुरंत चलने लगते हैं तो आपको दिक्कत होने लगती है।

2.   इस दौरान सीने में जलन के साथ तेज दर्द होता है।

3.   दर्द-यदि आपको बाएं हाथ में दर्द रहने की समस्या होने लगती है, जो जबड़े तक जाता है। जबकि कुछ लोगों में लेफ्ट और राइट दोनों हाथों में दर्द हो सकता है, साथ ही यह दर्द जो लाइन तक जाता है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ।