स्मोकिंग नहीं करने वालों को भी हो जाता हैं लंग कैंसर, ये हो सकते हैं कारण      Publish Date : 22/10/2023

                                        स्मोकिंग नहीं करने वालों को भी हो जाता हैं लंग कैंसर, ये हो सकते हैं कारण

                                                                                                                                       डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                       

Cause of Lung Cancer Among Non–Smokers: स्मोकिंग नहीं करने वालों में लंग कैंसर होने के कारण- 

    लंग कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। ये बढ़ते हुए केसेज इस बात का अलार्म हैं कि अगर हमने ध्यान नहीं दिया, तो ये केस और तेजी से बढ़ेंगे। ऐसा माना जाता था कि लंग कैंसर का एकमात्र कारण स्मोकिंग ही है। लेकिन आज के समय में ऐसे बहुत से केस सामने आए हैं, जिसमें व्यक्ति स्मोकिंग से कोसों दूर होने के बाद भी लंग कैंसर के चपेट में आ जाता है। बहुत से लोग इस बात को मानने को तैयार ही नहीं होते हैं कि स्मोकिंग न करने वाले को भी लंग कैंसर को सकता है। Non-Smoking Person में लंग कैसर के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं- 

वायु प्रदूषण

आज के समय में जब वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया है, तो यह भी लंग कैंसर होने का एक मुख्य कारण है। कारों, पावर प्लांट और इंडस्ट्री से निकलने वाला धुआं लंग कैंसर होने का मुख्य कारणों मे से एक है। जिन स्थानों पर पीएम स्तर का 2.5 के स्तर से ज्यादा होता है। वहां लंग कैंसर होने के चांसेज ज्यादा होते हैं।

रेडॉन गैस

                                                    

रेडॉन गैस के लंबे समय तक संपर्क में रहने की वजह से भी लंग कैंसर होने के चांसेज बढ़ जाते हैं। यह गैस फेफड़ों की कोशिकाओं के लिए बहुत ही हानिकारक होती है। लंबे समय तक ऊंचे तापमान पर रहने की वजह से भी फेफड़ों के कैंसर होने का एक कारण हो सकता है।

धूम्रपान करने वाले लोगों के साथ रहने वालों को

बहुत से लोग ये मानते हैं कि अगर वह स्मोकिंग नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें लंग कैंसर होने का कोई खतरा नहीं है, लेकिन हम आपको बता दें कि स्मोकिंग करने वाले से ज्यादा खतरा उन्हें होता है जो लोग स्मोकिंग करने वालों के साथ रहते हैं। क्योंकि Non-Smoker लोगों को फेफड़ों के कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है, इसी कारण से सार्वजनिक स्थानों पर धू्म्रपान न करने की सलाह दी जाती है।

कार्यस्थल में केमिकल का अधिक इस्तेमाल

                                                               

कई कंपनियों में विषैले गैस, केमिकल और कीटनाशक और धूल के साथ काम किया जाता है। जिस कारण लंग कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है। इस समस्या से बचाव के लिए ऐसे उघोग, जो इस तरह के काम करते हैं उनमें कैसंर होने के चांसेज ज्यादा होते हैं।

जेनेटिक

कई अध्ययनों ने यह प्रदर्शित किया है यदि धूम्रपान न करने वाले किसी व्यक्ति के परिवार में इस बीमारी का इतिहास है, तो उस व्यक्ति में भी फेफड़ों का कैंसर विकसित हो सकता है। वहीं, रेडिएशन के संपर्क में ज्यादा आने वाले और अस्थमा के रोगी को भी लंग कैंसर होने का खतरा होता है।

                                                          

स्मोकिंग नहीं करने वालों में लंग कैंसर होने के ये कारण हो सकते हैं। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से इसके खतरे को कम किया जा सकता हैं। हालांकि, इस बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।

डिस्कलेमर: उक्त लेख में प्रकट किए गए विचार लेखक के अपने मौलिक विचार हैं।