बदलती जीवनचर्या से युवाओं में भी बढ़ रही हाइपरटेंशन की समस्या      Publish Date : 18/06/2025

बदलती जीवनचर्या से युवाओं में भी बढ़ रही हाइपरटेंशन की समस्या

                                                                                                                                                     डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

वर्तमान समय में लगभग हर पांचवां व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार है, इसलिए नियमित जांच कराना जरुरी है।

हाइपरटेंशन से बचने के लिए नियमित रूप से बीपी की जांच करवाते रहना बहुत जरूरी है। अधिक मात्रा में नमक का सेवन न करें, मसालेदार और तला-भुना भोजन कम करें, सेंधा नमक का उपयोग करना बेहतर साबित हो सकता है।

खराब लाइफस्टाइल के चलते हाइपरटेंशन दबे पांव हमारे जीवने में अपना स्थान बना रहा है। कुछ लोग तो इसे साइलेंट किलर तक का नाम देते हैं, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षणों को बड़ी संख्या में लोग नजरअंदाज कर देते हैं, जो आगे चलकर बड़ी समस्या का कारण बन जाता है। यह समझना जरूरी है कि यह बीमारी आज के दौर में एक आम, लेकिन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। पहले यह समस्या मुख्य रूप से 40 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में ही देखी जाती थी, लेकिन आजकल युवाओं में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रतिदिन ओपीडी में आने वाले वयस्क मरीजों में लगभग 20 से 25 प्रतिशत मामले हाइपरटेंशन के देखने को मिल रहे हैं, वहीं युवा मरीजों में 15-20 प्रतिशत युवाओं को हाइपरटेंशन की समस्या देखने में आ रही है।

                                                

हाइपरटेंशन की समस्या उन युवाओं में ज्यादा देखने को मिलती है जो मोटापे की समस्या से ग्रस्त होते हैं और जिनका खान-पान ठीक नहीं है, जो बॉडी बिल्डिंग के नाम पर बहुत अधिक प्रोटीन लेते हैं। ऐसे बच्चे जिन्हें बचपन में किडनी से सम्बंधित बीमारियाँ होती हैं, उनमें भी हाइपरटेंशन देखने को मिलता है। हाइपरटेंशन के लिए बदलती जीवनशैली एक एक बड़ी वजह है। फास्ट फूड कल्चर, असंतुलित खान-पान, अत्यधिक तनाव, नशे की आदत, कम नींद, बढ़ता मोटापा, यह सभी कारक हाइपरटेंशन की संभावना को बढ़ाते हैं। ऐसे में यदि हम अपनी दिनचर्या और आदतों में कुछ जरूरी सुधार करें, तो इस स्थिति से बचाव संभव है।

जिला अस्पताल मेंरठ के मेडिकल ऑफिसर डॉ0 दिव्यांशु सेंगर ने बताया कि हाइपरटेंशन से बचने के लिए नियमित रूप से बीपी की जांच करवाते रहना बहुत जरूरी है। अधिक मात्रा में नमक का सेवन न करें, मसालेदार और तला-भुना भोजन कम करें, सेंधा नमक का उपयोग करना बेहतर हो सकता है। जंक फूड और फैटी फूड से परहेज करें, वजन नियंत्रित रखें, समय पर सोएं और उठें, नियमित रूप से व्यायाम करें और दिनचर्या को व्यवस्थित बनाएं। अगर किसी व्यक्ति को हाइपरटेंशन की समस्या है तो उन्हें कुछ आवश्यक जांच अवश्य करानी चाहिये- जैसे किडनी फंक्शन टेस्ट, कोलेस्ट्रोल स्तर की जांच, ईसीजी, ईको और यूरिन आदि की जांच।

                                                     

इन जांचों को अनावश्यक खर्च मानने की धारणा से बचना चाहिये, क्योंकि इनका उद्देश्य सिर्फ दवा देना नहीं बल्कि यह जानना भी होता है कि ब्लडप्रेशर का कारण क्या है। कहीं इसका असर किसी महत्वपूर्ण अंग जैसे दिल, किड्नी आदि पर तो नहीं पड़ा है। इन बुनियादी जांचों को कराने से स्वास्थ्य की कई गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है या उन्हें टाला जा सकता है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।