अपेंडिसाइटिस की समस्या      Publish Date : 01/04/2025

                     अपेंडिसाइटिस की समस्या

                                                                                                            डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

आज की इस भागती-दौड़ती इस आधुनिक जीवन-शैली में सिर दर्द से लेकर पेट में दर्द आदि का होना एक आम समस्या है। इस दर्द के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जिनमें तनाव अधिक लेना और अत्यधिक तला-भुना खाना आदि शामिल है। परन्तु जब पेट में होने वाला यह दर्द नाभि के पास से शुरू होकर धीरे-धीरे पेट के दाहिनी हिस्से और नीचे की तरफ बढ़ता है तो यह अपेंडिसाइटिस के दर्द का संकेत भी हो सकता है।

                                                         

अपेंडिक्स हमारे शरीर का एक छोटा अंग है, जो छोटी और बड़ी आंत के जोड़ पर स्थित होता है। वैसे तो यह अंग शरीर के लिए कोई महत्त्व नहीं रखता, परन्तु यदि इसमें कोई परेशानी आ जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है।

क्या है अपेंडिसाइटिसः अपेंडिसाइटिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें अपेंडिक्स में सूजन या कोई संक्रमण हो जाता है। इस समस्या में अगर समय पर इलाज न मिले तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है। अपेंडिसाइटिस की गंभीर स्थिति में अपेंडिक्स फट जाता है और इसका संक्रमण पूरे पेट में फैल सकता है। यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।

चिकित्सकों के अनुसार, यह बीमारी अधिकतर 10 से 30 वर्ष की आयु के लोगों में अक्सर देखी जाती है। िकंतु कुछ वर्षों से अपेंडिसाइटिस के मामले अधिक उम्र के लोगों में भी समान रूप से पाए जाने लगे हैं।

                                                               

अपेंडिक्स के आरम्भिक लक्षणः अपेंडिक्स के मुख्य लक्षणों में पेट के दाहिनी ओर के निचले हिस्से में तेज दर्द होना शामिल है। शुरुआत में इसका दर्द नाभि के पास महसूस होता है और फिर धीरे-धीरे दाहिनी ओर से निचले पेट की ओर बढ़ जाता है। इसके अलावा भूख में कमी, उल्टी, बुखार, गैस, दस्त और कब्ज़ जैसी समस्या भी होने लगती है। इस दौरान मरीज को पेट पर दबाव डालते ही तेज दर्द महसूस होता है और पेट पर हल्की सूजन रहती है।

अपेंडिक्स के कारणः अपेंडिसाइटिस तब होता है, जब अपेंडिक्स (आंत के अंतिम हिस्से) में सूजन या संक्रमण हो जाता है। इसके मुख्य कारणों में अपेंडिक्स का ब्लॉक होना शामिल होता है, जैसे किसी फेकल पदार्थ, कीटाणु या अन्य कोई पदार्थ, जो अपेंडिक्स के मुंह को बंद कर देते हैं। इससे बैक्टीरिया की वृद्धि होती है, जिससे सूजन और संक्रमण उत्पन्न होता है। कभी-कभी आंत में सूजन, संक्रमण या कैंसर भी अपेंडिक्स को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा खाने में रेशेदार पदार्थों की कमी और आनुवंशिक प्रवृत्ति भी शामिल है।

समस्या से बचाव के उपायः हालांकि अपेंडिसाइटिस को पूरी तरह से रोक पाना संभव नहीं है, लेकिन कुछ उपाय इसके होने की आशंका को कम कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहला कदम है स्वस्थ आहारशैली को अपनाना, जिसमें फाइबर की मात्रा अधिक हो, जैसे- फल, सब्जियां और साबुत अनाज आदि। इससे आंतों की सेहत बेहतर रहती है और अपेंडिक्स में ब्लॉकेज का खतरा कम होता है।

नियमित व्यायाम भी आंतों की गतिशीलता को बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही पर्याप्त पानी पीने की आदत डालें। इसके अलावा किसी भी पेट की समस्या या संक्रमण को कभी भी नजरअंदाज न करें और समय पर डॉक्टर से परामर्श करें।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।