दवा का नया कांबिनेशन लिवर कैंसर के उपचार में लाभकारी      Publish Date : 25/01/2025

         दवा का नया कांबिनेशन लिवर कैंसर के उपचार में लाभकारी

                                                                                                                                                   डॉ0 दिच्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

द लांसेट के शोधकर्ताओं ने अपने एक शोध पाया कि लिवर कैंसर के मानक उपचार के तहत मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवाइयों के कॉकटेल का प्रयोग करने से रोगियों के जीवित रहने की अवधि लगभग दुगनी हो जाती है। परंपरागत रूप से ऐसे रोगियों के लिए सबसे ज्यादा विकल्प ट्रांसआर्टिरियल कीमोएम्बोलाइजेशन (टेस) नमक प्रक्रिया अपनाई जाती है। यह कीमोथेरेपी दवाओं को सीधे ट्यूमर तक पहुंचाकर और उसकी रक्त आपूर्ति को अवरुद्ध कर कैंसर के फैलने को बाधित करता है।

                                                               

इससे ट्यूमर को छोटा करने में भी सहायता मिलती है, लेकिन एस्ट्रा जेनेका के इम्फिजी या डुरवालुमाब और रोश के एवास्टिन या बेवाकिजुमैब के कांबिनेशन को टेस के साथ प्रयोग करने पर मरीजों को अधिक लाभ होता है। यह शोध 600 से अधिक रोगियों पर गए परीक्षण में सामने आया है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि अकेले इम्फिजी को मरीजों को देने से कोई लाभ नहीं होता है। हालांकि, केवल एवास्टिन को दिए जाने का अध्ययन नहीं किया गया है।

रोगियों के व्यक्तिगत जोखिम कारकों को ध्यान में रखने के बाद दोनों दवाओं को उपचार में शामिल करने के अध्ययन के दौरान रोग के बढ़ने या मृत्यु संभावना 23 प्रतिशत तक कम हो गई। शोधकर्ताओं ने पाया कि अकेला टेस ही 20 से अधिक वर्षों से ऐसे मरीजों की देखभाल करने का मानक रहा है, तथा रोग की प्रगति की दर उच्च ही बनी हुई है। इन दवाओं का यह नया कांबिनेशन का काफी उत्साह जनक परिणाम लेकर सामने आया है।

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।