प्रीमैच्योर इजेकुलेशन दोष के लिए अंगेजी दवाएं Publish Date : 28/12/2024
प्रीमैच्योर इजेकुलेशन दोष के लिए अंगेजी दवाएं
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
प्रीमैच्योर इजेकुलेशन यानी शीघ्र स्खलन सेक्सुअल डिस्फंक्शन का ही एक प्रकार होता है, जो कि आमतौर पर लगभग 30 से 40 प्रतिशत पुरुषों को प्रभावित करता है। शीघ्र स्खलन के प्रभाव से सेक्स के दौरान पुरुष स्वयं को और अपने साथी के ऑर्गेज्म तक पहुंचने से पहले ही इजेकुलेट हो जाते हैं। प्रीमैच्योर इजेकुलेशन के कारण पुरुष एक स्ट्रेस व एंजाइटी का भी शिकार हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि शीघ्र स्खलन का कोई उपचार उपलघ नहीं है।
परम्परागत उपचार की प्रणाली एलोपैथी से लेकर होम्योपैथी, आयुर्वेद और यहां तक कि इस समस्या के उपचार के लिए कुछ घरेलू उपचार भी मौजूद होते हैं। एलोपैथी में डेपॉक्सेटिन व ट्रेमेडोल जैसी कई दवाएं उपलब्ध हैं, जो शीघ्र स्खलन का अच्छा उपचार कर सकती हैं।
शीघ्र स्खलन के लिए कौन सी दवा सबसे अच्छी है?
समय से पहले यानी इजेकुलेशन अर्थात शीघ्र स्खलन तब होता है जब पुरुष इरेक्शन के कुछ ही सेकंड या मिनटों में डिस्चार्ज हो जाता हैं। यह स्थिति कई बार शारीरिक, मानसिक या हार्मोंस के असंतुलन के कारण भी हो सकती है। शीघ्र स्खलन की समस्या के उपचार के लिए बाजार में कई दवाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह पर लिया जा सकता है और आप इस समस्या से छुटकार पा सकते हैं। तो आइए, अब इन दवाओं के बारे में विस्तार से आपको अवगत कराते हैं -
पुरुषों से जुड़ी विभिन्न यौन समस्याओं, जैसे - इरेक्टाइल डिसफंक्शन, शीघ्रपतन एवं कामेच्छा की कमी के लिए आजमाएँ- सेक्स टाइम इंक्रीज़ ऑइल, जो पेनिस के इरेक्शन को बेहतर करता है और शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा दिलाने और पेनिस के अंदर ब्लड फ्लो को बढ़ाता है।
एंटीडिप्रेसेंट
आमतौर पर एंटीडिप्रेसेंट दवाओं का इस्तेमाल डिप्रेशन और एंजाइटी के मरीजों के उपचार के लिए किया जाता है। परन्तु विभिन्न शोधों में यह बात प्रमाणित हो चुकी है कि एंटीडिप्रेसेंट का प्रयोग करने से प्रीमैच्योर इजेकुलेशन के प्रभाव को करने में भी सहायता प्राप्त हो सकती है। इस उपचार के तहत डॉक्टर कुछ सेलेक्टिव सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई) दवाएं आपको दे सकते हैं। एसएसआरआई में एससिटैलोप्राम, सेर्ट्रालीन, पैरोक्सेटाइन और फ्लुओक्सेटाइन दवाएं शामिल होती हैं।
यह दवाएं इजेकुलेशन में देरी करने में मरीज इकी सहायता करती हैं। इनमें पैरोक्सेटाइन सबसे प्रभावी मानी जाती है। यह सभी दवाएं 5-10 दिन में अपना असर दिखाना शुरू करती हैं, लेकिन पूरी तरह से असर दिखाने में इनको 2 से 3 सप्ताह का समय भी लग सकता है।
वर्ष 2016 में की गई एक रिसर्च में भी यह बात सामने आई थी कि इन एंटीडिप्रेसेंट दवाओं के नियमित सेवन करने से मात्र 10 दिनों में ही इजेकुलेशन का समय बढ़ सकता है। अधिक लाभ के लिए डॉक्टर 3 सप्ताह तक इन दवाओं का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। अगर इन दवाओं से असर नहीं होता है, तो फिर डॉक्टर ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट क्लोमीप्रामाइन आदि को सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।
एनाल्जेसिक दवाएं
एनाल्जेसिक दवाओं में दो प्रमुख दवाएं हैं, जो शीघ्र स्खलन के इलाज के लिए उपयोग मुख्य रूप से की जाती हैं। इन दोनों दवाओं के बारे में नीचे बताया गया है -
ट्रेमेडोल - वर्ष 2021 में की गई एक रिसर्च के अनुसार, सेक्स से कुछ घंटे पहले ट्रेमेडोल दवा का सेवन करने से इंटरकोर्स के दौरान संतुष्टि की दर बढ़ जाती है और प्रीमैच्योर इजेकुलेशन की समस्या भी कम हो जाती है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि ट्रेमेडोल बिना डॉक्टर के बाजार में नही प्रिस्क्रिप्शन के नहीं मिल पाती है।
कोडीन - वर्ष 2017 में की गई एक रिसर्च के अनुसार, कोडीन को सेवन करने वाले व्यक्तियों में इंटरकोर्स के दौरान इजैकुलेशन को कंट्रोल करने में काफी सुधार देखा गया है। वहीं, कोडीन जैसी दवा पर आपकी निर्भरता भी बढ़ सकती है, इसीलिए इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर से इसके उपयोग और इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में अच्छी तरह से जरूर जान लेना चाहिए।
प्रीमैच्योर इजेकुलेशन के लिए कुछ अन्य दवाएं
विभिन्न शोधों की माने तो, कई ऐसी दवाएं हैं, जो शीघ्र स्खलन के उपचार में सहायक हो सकती हैं, लेकिन इन दवाओं पर अधिक रिसर्च की आवश्यकता हैं।
ऐसी ही कुछ दवाएं इस प्रकार से हैं -
- सिल्डेनाफिल (वियाग्रा)।
- टाडालफिल (सियालिस)।
- वार्डेनफिल (लेविट्रा)। और
- अवानाफिल (स्टेंड्रा) आदि।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।