स्वास्थ्य के रक्षक चिकित्सकों को डॉक्टर्स डे की हार्दिक शुभाकामनाएं Publish Date : 01/07/2023
स्वास्थ्य के रक्षक चिकित्सकों को डॉक्टर्स डे की हार्दिक शुभाकामनाएं
डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
भारत में प्रत्येक वर्ष 01 जुलाई को राष्ट्रीय डाक्टर दिवस का आयोजन किया जाता हैं, और हमारे जीवन में डॉक्टर का कितना महत्व होता है इस तथ्य से हम सभी भली प्रकार से परिचित हैं।
एक डॉक्टर को भगवान के समान ही माना जाता है क्योंकि एक रोगी व्यक्ति को उसके रोग को समाप्त कर उसे बचा लेता हैं। डॉक्टर को हिन्दी में चिकित्सक, वैद्य एवं उर्दु में हकीम के नाम से भी जाना जाता है।
भारत में अति प्राचीन काल से ही एक समृद्व वैद्यक परम्परा रही है, जिसके अन्तर्गत धनवन्तरी, चरक, सुश्रुत एवं जीवक आदि काफी जाने पहचाने नाम हैं।
डॉक्टर्स डे का महत्व विभिन्न कारणों में निहीत है, जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतीक भी होता हैं। हालांकि, डॉक्टर्स डे एक डाक्टर को सम्मान देने, उनके सामाजिक योगदान को मान्यता प्रदान करने और आम जन के स्वास्थ्य की देखभाल करने की महत्वपूर्णता को अधिक जागरूक करने का अवसर प्रदान करता है वह किसी एक दिन विशेष के लिए ही नही अपितु सदैव के लिए मान्य होता है।
अतः यह दिन हमारे डॉक्टर्स को उनके अद्भुत ज्ञान उनकी मानवता की सेवा के प्रति हमारे उनके प्रति आभार को दर्शाता है।
व्ह व्यक्ति जो समाज के प्रति इतना महत्वपूर्ण कार्य करता है, उनके सम्मान में एक दिन हमें देना ही चाहिए और यही वह दिन होता है ‘‘डॉक्टर्स डे’’। भारतवर्ष में 01 जुलाई को डॉक्टर बिधान चन्द्रडे के जन्मदिन के रूप में डॉक्टर्स डे का आयोजन किया जाता है।
भारत सरकार के द्वारा 01 जुलाई वर्ष 1991 से राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस को मनाना आरम्भ किया गया। देश के महान चिकित्सक एवं पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ0 बिधान चन्द्र के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए इस दिन का आयोजन किया जाता है, क्योंकि डॉ0 बिधान चन्द्र का जन्मदिवस एवं पुण्यतिथि दोनों ही इसी तारीख को पड़ते हैं। इस डॉक्टर्स के महत्व पर प्रकाश डालने और उनके द्वारा समाज के प्रति उनके योगदान का स्मरण किया जाता है।
डॉ0 बिधान चन्द्र अपनी आय को दान कर देते थे
डॉक्टर्स डे, को डॉ0 बिधान चन्द्र डे के जन्मदिवस बड़ा कारण यह है कि डॉक्टर डे के बारे में कहा जाता है कि वे जो कुंछ भी आय अर्जित करते थे, वह सबकुछ दान कर देते थे। इस प्रकार डॉ0 डे एक रोल मॉडल हैं, स्वतन्त्रता संग्राम में डॉ0 बिधान चन्द्र रॉय ने आन्दोलन के दौरान, घायलों एवं पीड़ितों की सेवा निःस्वार्थ भाव से की।
डॉक्टर्स डे आयोजित करने का उद्देश्य
डॉक्टर किसी भी समाज का एक आवश्यक अंग होता है परन्तु उन्हें एक जीवनन दाता के रूप् मे जाना जाता है। हम अपने दैनिक जीवन में अनेक प्रकार की अक्सर स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं सामना करते रहते हैं, जो कि हमारी समझ से बाहर हैं।
अतः हमें अपने स्वास्थ्य की समस्याओं को समझने और इनका समाधान करने के लिए किसी विशेषज्ञ के पास आवश्यकता पड़ती है। चूँकि मेडिकल हस्तक्षेप के अभाव में हमारी यह स्थितियाँ अधिक खराब हो सकती हैं। प्रशिक्षित डॉक्टर्स चिकित्सा विज्ञान के अध्ययन काल के दौरान इसे सीखने के लिए अपने जीवन के कैई वर्ष इसमें व्यय करते हैं।
जब वे इस इस क्षेत्र के सम्बन्ध में अपने चिकित्सा एवं व्यवहारिक ज्ञान को प्राप्त कर लेते हैं तो उन्हें इस क्षेत्र को सम्भालने के लिए उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है, जो कि उनका लक्ष्य भी होता है।
चिकित्सा का व्यवसाय तेजी के साथ विकसित हुआ है और अभी भी यह विकसित हो रहा हैं विभिन्न प्रकार की दवाईयों कें उपचार, जो कि पूर्व में उपलब्ध नही थे, वे अब पूरी तरह से विकसित किए जा चुके हैं। चिकित्सा प्रौद्योगिकी के द्वारा भी समय के साथ उसी रफ्तार से प्रगति की है।
यदि हमारे पास अच्छे डॉक्टर्स हैं और हमारे आसपास के क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं तो यह हमें राहत की भावना प्रदान करता है, क्योंकि हमें यह पता होता है कि हमारे पास में ही तत्काल सहायता के साधन उपलब्ध हैं।
डॉक्टर्स डे का आयोजन करने के पीछे उद्देश्य, डॉक्टर्स के प्रति सहानुभूति का प्रदर्शन करते हुए उन्हें सामाजिक सम्मान प्रदान करना है। दुनिया में किसान एवं जवान के समान ही डॉक्टर्स की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण होती है, जिनके अभाव में किसी स्वास्थ्य समाज की कल्पना करना भी असम्भव है।
कोई रोगी जब किसी डॉक्टर के पास जाता है तो वह एक याचक के रूप में होता है जबकि डॉक्टर एक दानी के रूप में रहता हैं। एक सुलझा हुआ डॉक्टर अपने मरीज को मौत के मुँह से भी निकाल कर ले आता है। डॉक्टर आयुर्वेदिक, ऐलोपैथिक, यूनानी एवं होम्योपैथी आदि अलग-अलग चिकित्सा पद्वतियों के माध्यम से अपने मरीज स्वस्थ्य करने का प्रयास करता है।
विश्वभर में कोविड के जैसी खतरनाक महामारी के चलते डॉक्टर्स भी अपनी भूमिका को महत्वपूर्ण ढंग से निभायी है। इसके लिए हमें ‘‘थैंक्यू डॉक्टर’’ बोलकर डॉक्टर्स का अभिवादन या शुक्रिया अदा करना चाहिए।
डॉक्टर्स डे का महत्व
आमतौर पर डॉक्टर्स डे डॉक्टर्स के अभिनव बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। बेशक अपने मरीजों को ठीक करना डॉक्टर्स की ड्यूटी होती है, परन्तु अपनी इस ड्यूटी को पूर्ण करने के लिए डॉक्टर्स दिन-रात एक कर देते हैं। आमतौर पर डॉक्टर, पीड़ितों का उापचार करने के लिए दिन के चौबीस घण्टे तत्पर रहते हैं।
उनकी इसी लग्न और जज्बे को प्रणाम करने के लिए यह खास दिन मनाया जाता है। यह दिन डॉक्टरों को उनकी सेवा, परिश्रम एवं समर्पण की प्रशंसा और उन्हे सम्मान प्रदान करने के लिए ही मनाया जाता है।
डाक्टर्स डे का उद्देश्य
आभार व्यक्त करनाः यह दिन आमजनों के द्वारा डॉक्टरों के प्रति अपना आभार प्रकट करने का एक सुअवसर प्रदान करता है। डॉक्टर हमारी सेहत और उत्तम जीवनशैली के सम्बन्ध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अतः इस दिन हम उनके समर्पण एवं परिश्रम के लिए उन्हें सम्मान प्रदान करते हैं।
जागरूकता का प्रसार करनाः डॉक्टर्स डे के अवसर पर जनता को चिकित्सा क्षेत्र के अन्तर्गत उपलब्ध विभिन्न प्रकार की सुविणाओं और डॉक्टर्स की भूमिका के प्रति उन्हें जागरूक करता है। इससे लोगों को सेहत की महत्वता समझाने, डॉक्टर्स के साथ स्वस्थ्य सम्बन्धों को विकसित करने और उनका समर्थन करने और उनका समर्थन करने की भावना में वृद्वि करना ही डॉक्टर्स डे मनाने का उद्देश्य है।
डॉक्टर्स के लिए प्रेरणा स्रोत: डॉक्टर्स डे का आयोजन भविष्य के लिए चिकित्सा पेशेवरों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। यह उनको प्रेरणा प्रदान करता है कि वे चिकित्सा के क्षेत्र को अपने करीयर के रूप में करें और अपने ज्ञान, कौशल एवं समर्पण के माध्यम से लोगों की सेवा करें।
डॉक्टरों के योगदान का सम्मान: डॉक्टर्स डे के अवसर पर हम डॉक्टर्स के द्वारा दिए गए योगदान का सम्मान करते हैं। डॉक्टर्स अपनी जान की परवाह किए बिना रोगियों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए सदैव ही तत्पर रहते हैं और अस्पतालों, आपदा प्रबन्धन केन्द्रों के साथ ही युद्व क्षेत्रों आदि में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डॉक्टर्स डे का इतिहास: भारत में डॉक्टर्स डे को आयाजित करने का आरम्भ 01 जुलाई वर्ष 1991 से किया गया था। यह दिन 01 जुलाई 1882 को जन्म लेने वाले डॉ0 बिधान चन्द्र रॉय को समर्पित किया गया है।
दरअसल, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का उपचार करने वाले डॉ0 बिधान चन्द्र रॉय के द्वारा देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में स्वर्णिम योगदान प्रदान किया था और उनके इसी योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से ही उनके जन्मदिवस 01 जुलाई को ‘‘ डॉक्टर्स डे’’ का आयोजन किया जाता है।
इसके साथ ही वर्ष 1975 से चिकित्सा, विज्ञान, दर्शन, कला, एवं साहित्य के क्षेत्रों में अभिनव कार्य करने वालों को प्रतिवर्ष इसी दिन बी0 सी0 रॉय पुरस्कार से सम्मानित करने की परम्परा रही है।
इस प्रकार से यदि देखा जाए तो डॉक्टर्स डे एक महत्वपूर्ण उत्सव है जो हमें चिकित्सा के क्षेत्र में कार्य करने वाले डॉक्टर्स की महत्वकाँक्षा को समाझाने के साथ ही हमें उनके समर्पण तथा साहस की प्रशंसा करने का एक सुअवसर भी प्रदान करता है।
लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ, में मेडिकल ऑफिसर हैं।