आंख में मोतियाबिंद होना Publish Date : 26/11/2024
आंख में मोतियाबिंद होना
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा
आंखों के मोतियाबिंद रोग में आंख की आंतरिक परत धुंधली हो जाती है। यह परेशानी आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होती है। सूरज की यूवी किरणें आंखों के लिए हानिकारक होती है और यह मोतियाबिंद का कारण भी बन सकती है। इसके अलावा आंखों को यूवी किरणों से बचाना जरूरी है। जब भी आप बाहर निकलें, धूप का जरूर चश्मा पहनें। ऐसी कई स्वास्थ्य स्थितियां हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आंखों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती हैं और मोतियाबिंद का खतरा बढ़ा सकती हैं।
मोतियाबिंद के खतरे को रोकने के लिए अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों की पहचान करना और फिर उन्हें प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है। पौष्टिक आहार आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होते है। पालक और केले जैसे पत्तेदार साग के साथ संतरे और जामुन जैसे रंगीन फलों को शामिल करने का प्रयास करें, जो कि विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। व्यायाम रक्त परिसंचरण में सुधार करता है, जो स्वस्थ आंख की रोशनी को बढ़ाता है।
आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित आंखों की जांच कराना जरूरी है। साल में कम से कम एक बार अपना नेत्र परीक्षण अवश्य कराएं। धूम्रपान और अन्य नशे छोड़ने से भी मोतियाबिंद के खतरे को रोकने मैं मदद मिल सकती है। वृद्धावस्था में दृष्टि हानि हो जाती है। इस स्थिति में कोई ड्रॉप या चिकित्सकीय थेरेपी काम नहीं करती है। मोतियाबिंद का एकमात्र उपचार सर्जरी है। जब भी आंख संबंधी कोई समस्या हो तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।