यदि बार-बार हो घबराहट तो हो जाएं सावधान      Publish Date : 14/08/2024

                        यदि बार-बार हो घबराहट तो हो जाएं सावधान

                                                                                                                                                                     डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मां

अकसर होने वाली सांस लेने की तकलीफ और घबराहट एंजाइटी के कारण हो सकती है। अतः इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह एक तरह का डिसऑर्डर है। एंजायटी होने पर बेचैनी और घबराहट महसूस होना, सांस लेने में तकलीफ होना, नींद नहीं आना, चक्कर आना और पाचन में जुड़ी कुछ समस्याएं होना आदि। जी मिचलान, कमजोरी आना, ज्यादा पसीना आना, हाथ पैर का ठंडा या संज्ञाशून्य होना, अचानक हार्टबीट का तेज हो जाना, किसी काम में मन ना लगना जैसे कईं लक्षण दिख सकते हैं।

                                                                     

एंजायटी अटैक आना कोई गंभीर या घबराने वाली स्थिति नहीं होती है लेकिन आपको इसके कारण जरूर पता होने चाहिए। जिससे आप आपात स्थिति से बच सके और इसका उपचार करा सके। एंजायटी होने के कई कारण होते हैं जैसे तनाव, अपने मनोभाव खुलकर ना बता पाना, ज्यादा सोचना, बढ़ती जिम्मेदारी आदि। लेकिन अगर एंजायटी का इलाज नहीं किया गया तो वह गंभीर समस्या भी बन सकती है।

                                                                     

यह आपको डिप्रेशन की ओर भी धकेल सकती है। एंजायटी काम करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप खुलकर बात करें और मन में कुछ भी बचाकर ना रखें। परन्तु यदि आप इस स्थिति से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो किसी मनो चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं या फिर कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी के जरिए एंजायटी डिसऑर्डर का इलाज करा सकते हैं।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मां, जिला चिकित्सालय मेरठ में मेडिकल ऑफिसर है।