कृषि विश्वविद्यालय, मेरठ में डेरी उद्योग के क्षेत्र में रोजगार की सम्भावना विषय पर वर्कशॉप का आयोजन      Publish Date : 03/05/2025

कृषि विश्वविद्यालय, मेरठ में डेरी उद्योग के क्षेत्र में रोजगार की सम्भावना विषय पर वर्कशॉप का आयोजन

‘‘डेरी उद्योग के क्षेत्र में निरंतर बढ़ रही हैं रोजगार की संभावनाएं- डॉक्टर एस वी सिंह’’

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज डायरेक्टर ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट में बताया गया कि छात्रों के लिए डेयरी उद्योग के क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाएं निरंतर बढ़ रही है। संभावनाएं विषय पर एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम को कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के के सिंह के दिशा निर्देशन में आयोजित किया जा रहा हैं, जिससे छात्रों में रोजगार की संभावनाएं अधिक से अधिक पैदा की जा सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बनास डेरी के ओएसडी डॉ एस वी सिंह ने कहा भारत में दुग्ध उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जा रहा है और यही कारण है कि हम विश्व में प्रथम स्थान पर बने हुए हैं।

                               

भारत में डेरी के क्षेत्र में रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा की बनास डेरी द्वारा दुग्ध एवं दुग्ध के गुणवत्ता युक्त उत्पाद बनाए जा रहे हैं जिनकी मांग पूरे विश्व में है। इसमें किसानो की कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाकर कार्य किया जा रहा है जिससे किसानों को भी लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पशुपालन भारतीय ग्रामीण परिवेश की आर्थिक उन्नति का अभिन्न अंग रहा है। गांव में दुग्ध उत्पादन व्यवसाय मुनाफे वाला व्यवसाय बनता जा रहा है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि दुग्ध उत्पादन लघु व्यवसाय और कुटीर उद्योग के रूप में विकसित किया जाए तो ग्रामीण लोगों को अधिक रोजगार उपलब्ध हो सकता है।

मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए बनास डेरी फरीदाबाद के रीजनल हेड  वी सी जोशी ने संबोधित करते हुए कहा की दूध उत्पादन व्यवसाय या डेरी फार्मिंग छोटे व बड़े स्तर दोनों पर सबसे ज्यादा विस्तरर से फैला हुआ व्यवसाय है।

दूध उत्पादन व्यवसाय व्यावसायिक या छोटे स्तर पर दूध उत्पादक किसानों की कुल दूध उत्पादन में मदद करता है और उनकी आर्थिक वृद्धि को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि कुल दूध उत्पादन में हमारे देश की अर्थव्यवस्था में बड़े स्तर पर भागीदारी की है और बहुत से गरीब किसानों को अपना व्यवसाय स्थापित करने में सहयोग किया है। यदि किसी के पास दूध उत्पादन का व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रारंभिक पूंजी है तो दूध उत्पादन व्यवसाय को किसी भी क्षेत्र में आसानी से स्थापित किया जा सकता है।

                            

वीसी जोशी ने कहा कि यह वह व्यवसाय है जो दूध, दही, घी, मट्ठा, मक्खन और आइसक्रीम सहित दूध उत्पादकों मवेशियों का गोबर, बिजली, बायोगैस, उच्च गुणवत्ता वाले जैव उर्वरक आदि स्वयं पशु आदि के माध्यम से बहुआयामी लाभ प्रदान करते हैं।

निदेशक ट्रेंनिंग प्लेसमेंट डॉक्टर आर एस सेंगर ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह की वर्कशॉप छात्रों में रोजगार की संभावनाएं बढ़ाने में योगदान देती हैं। उन्होंने बताया कुलपति प्रोफेसर के के सिंह के दिशा निर्देशन में छात्र हित में यह वर्कशॉप आयोजित की गई।

कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर डीबी सिंह द्वारा किया गया तथा धन्यवाद प्रस्ताव डॉक्टर सत्य प्रकाश ने दिया।

इस अवसर पर बनास डेरी के अधिकारी मयंक अवस्थी, डॉ विशाल मेहरोत्रा एवं लगभग 55 छात्र छात्राएं मौजूद रहे।

       निश्चित उद्देश्य और रणनीति के साथ करें डेरी व्यवसाय

इसके लिए इन बातों को रखना होगा ख्याल

  • बुनियादी ढांचा बनाएं।
  • पशु प्रजातियों का चयन करें।
  • पशुओं का स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान रखें।
  • दुग्ध निकलते समय स्वच्छता का ध्यान रखें।
  • पशुओं के चारे व पानी की व्यवस्था करें।
  • पशु कल्याण और अनुकूलतम वातावरण बनाएं।
  • कुशल और ज्ञान रखने वाले कर्मचारी रखें।
  • पशुओं को बीमारियों से बचने के लिए प्रभावी नियंत्रक उपाय करें।
  • कुल व्यय और लाभ का लेखा-जोखा रखें।