कृषि विश्वविद्यालय में पृथ्वी दिवस मनाया गया Publish Date : 23/04/2024
कृषि विश्वविद्यालय में पृथ्वी दिवस मनाया गया
"सांस हो रही कम आओ पेड़ लगे हम - प्रोफेसर आर एस सेंगर"
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज पृथ्वी दिवस का आयोजन कॉलेज ऑफ़ हॉर्टिकल्चर में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिष्ठाता हॉर्टिकल्चर डॉ विजेंद्र सिंह ने की उन्होंने सभी से पृथ्वी दिवस के अवसर पर पर्यावरण को बचाने की अपील की।
प्रोफेसर आर एस सेंगर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा पृथ्वी वायु जल और भूमि हमारे पूर्वजों की ही संपत्ति नहीं है, बल्कि यह हमारे बच्चों और आने वाली पीढियां की अमानत है। हमें अपनी भावी पीढ़ियों को वैसा ही साफ-सुथरा पर्यावरण सपना होगा जैसा हमें हमारे पूर्वजों से मिला है। डॉ सेंगर ने रिड्यूस रीयूज एवं रिसाइकिल को बढ़ावा देने की बात कही।
उन्होंने छात्रों से आवाहन किया कि “सांस हो रही कम, आओ पेड़ लगाये हम” के सिद्धांत पर सभी लोग आगे आए और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।
प्रोफेसर सत्य प्रकाश ने अपने संबोधन में कहा पृथ्वी की संपूर्ण जैव विविधता खतरे में पड़ गई है। मानव गतिविधियों के कारण पृथ्वी अपने कि अस्तित्व को खोने लगी है। इसलिए हम सभी लोगों को प्रयास करना चाहिए कि अपनी पृथ्वी को बचाने के लिए इको फ्रेंडली कदम बढ़ाए।
प्रोफेसर डी वी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मानव की प्रकृति के प्रतिकूल गतिविधियां धरती का तापमान लगातार बढ़ा रही हैं, जिसके कारण जलवायु परिवर्तन हो रहे हैं। इसलिए हम सभी लोगों को पृथ्वी को बचाने के लिए आगे आना होगा और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके धरती को बचाने के उपाय और अधिक मजबूती से करने होंगे।
प्रोफेसर विपन कुमार ने अपने संबोधन में कहा हम सभी लोगों को जलवायु परिवर्तन के खतरे और पृथ्वी को बचाने के लिए कार्य करना होगा। इसके लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना होगा, जिससे अचानक मौसम में हो रहे बदलाव को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सके।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक ट्रेंनिंग प्लेसमेंट प्रोफेसर सत्य प्रकाश, एसोसिएट डायरेक्टर ट्रेनिंग का प्लेसमेंट प्रोफेसर डी बी सिंह एवं प्रोफेसर विपिन सिंह ने भी छात्र-छात्राओं को पृथ्वी को बचाने के लिए अपील की।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।