
रोजगार के अवसर मोटे अनाज से बेकरी उत्पादों को निर्माण Publish Date : 28/04/2025
रोजगार के अवसर मोटे अनाज से बेकरी उत्पादों को निर्माण
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
एक समय था जब मोटे अनाज (श्रीअन्न) जैसे बाजरा, ज्वार, रागी, कांगणी, सांवां और चीन आदि को गरीबों का भोजन माना जाता था। परन्तु वर्तमान समय में अमीर आदमी भी मोटे अनाज की पीछे भाग रहा है। दरअसल, यह मोटे अनाजं बहुत सी बीमारियों को रोकने से सम्बन्धित पोषक तत्वों से भरूपर होते हैं।
अतः अब सभी लोग श्रीअन्न को अपने भोजन में शामिल करने लगे हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर. एस. सेंगर ने श्रीअन्न के महत्व का वर्णन करते हुए यह बात कही है।
डॉ0 सेंगर ने बताया कि वर्तमान जलवायु परिवर्तन के दौर में मोटे अनाजों का रकबा काफी तेजी के साथ बढ़ा है और लोगों ने इनके महत्व को समझा तो इनकी मांग में भी आशा के अनुरूप ही वृद्वि हुई है। उन्होंनें कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर कोई भी अपने घर पर ही मोटे अनाज से बेकरी आटम्स बनाकर एक नए व्यवसाय की शुरूआत कर सकता है और जब उसे महसूस हो कि अब इसे एक व्यवसाय का रूप प्रदान किया जा सकता है तो वह एक टीम बनाकर इसके लिए काम कर सकता है और साथ ही दूसरे लोगों को भी रोजगार प्रदान कर सकता है। हम सभी जानते हैं कि बेकरी के व्यवसाय में 40 से 50 प्रतिशत तक का मुनाफा होता है।
डॉ0 सेंगर ने मोटे अनाज से विविध प्रकार के व्यंजन एवं उत्पाद बनाने की विधि और प्रयुक्त की जाने वाली सामग्री से सम्बन्धित एक बुकलेट जल्द ही जारी करने के लिए कहा है। उन्होंने मोटे अनाज से पूड़ी, सैंडविच और सेव चिप्स आदि बनाने की जानकारी भी प्रदान की।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।