गाय के गोबर का नया व्यवसाय      Publish Date : 20/10/2024

                             गाय के गोबर का नया व्यवसाय

                                                                                                                                     प्रोफेसर आर. एस. सेगर एवं डॉ0 कृषाणु

गाय के गोबर से जुड़े इस नए व्यवसाय को 99 प्रतिशत लोग नहीं जानते और इस व्यवसाय से लाखों रूपयो की कमाई एक महीने में की जा सकती है।

गत कुछ वर्षों के दौरान, छोटे-छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और स्थानीय उद्यमिता को प्रोत्साहित करना है।

                                                                         

विशेषरूप से, किसान भाईयों को व्यवसाय करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति में अपेक्षित सुधार कर सकें। इसके लिए सरकार ने वित्तीय सहायता भी प्रदान करने की पहल भी की है, जिससे किसान, अपनी मेहनत को खेती के अलावा अन्य व्यवसायों में भी लगाकर लाभान्वित हो सकें।

अधिकांश किसान भाई गाय, भैंस और अन्य पशुओं का पालन करते हैं, और इन पशुओं से मिलने वाले उत्पादों का उपयोग कर व्यवसाय करने की कई संभावनाएँ हैं। विशेष रूप से, गाय के गोबर से शुरू होने वाले व्यवसायों ने हाल के वर्षों में लोगों का काफी ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। गाय का गोबर न केवल खेती कार्यों के लिए उपयोगी है, बल्कि इसके अनेक अन्य उपयोग भी होते हैं।

गाय के गोबर के माध्यम से किसान भाई आसानी से लाखों रुपए कमा सकते हैं। गाय के गोबर से निर्मित पेंट का व्यवसाय भी एक ऐसा ही व्यवसाय है। आज हम अपनी बस ब्लॉग पोस्ट में इसके बारे में विस्तार से जानते है और आपको इस व्यवसाय को करने के लिए हमारी इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़ना होगा।

गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट का व्यवसाय

                                                                      

आजकल सरकार पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास कर रही है, जिनमें गाय के गोबर से बने पेंट को प्रोत्साहित करना भी इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण कदम है। खादी इंडिया के अधिकांश स्टोर्स में इस प्राकृतिक पेंट की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है। यह न केवल एक अच्छा विकल्प है, बल्कि घरों को स्वस्थ और सुरक्षित रखने में भी सहायक सिद्व होता है।

प्राकृतिक पेंटः सदियों पुरानी परंपरा का एक आधुनिक रूप

पुराने समय में लोग अपने घरों की दीवारों और फर्श को गोबर से लीपते थे, जिससे घर का वातावरण कीटाणु-मुक्त और ठंडा रहता था। आज यह परंपरा अपने नए रूप में एक बार फिर से जीवंत हो रही है। विशेषकर छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में, जहां महिलाओं के समूह बड़े पैमाने पर इस पेंट का निर्माण कर रहे हैं, जो घरों को बैक्टीरिया-मुक्त रखने और बीमारियों से बचाने में मददगार भी साबित हो रहा है।

प्राकृतिक पेंट की विशेषताएं

                                                                  

गाय के गोबर से बना यह पेंट कई लाभकारी विशेषताओं के साथ आता हैः

सस्ता विकल्पः यह प्रीमियम पेंट्स की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत तक सस्ता होता है।

स्वास्थ्यवर्धक पेंटः गाय के गोबर से बने इस पेंट में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो इसे अन्य पेंट्स से अधिक प्रभावी बनाते हैं।

तापमान नियंत्रक के रूप में: यह पेंट गर्मियों में घर के तापमान को बाहर की तुलना में 5 डिग्री तक कम रखने में सक्षम होता है।

सरकारी प्रमाणनः गाय के गोबर से बने इस पेंट को वैज्ञानिक तकनीकों से बनाकर भारत सरकार द्वारा प्रमाणित किया गया है, जो इसकी विश्वसनीयता को बढ़ाता है।

गाय के गोबर से पेंट बनाने की प्रक्रियाः

                                                                 

गाय के गोबर से पेंट बनाने की प्रक्रिया कुछ विशेष तकनीकी चरणों के अन्तर्गत पूरी होती हैः-

गोबर का संग्रहणः इस पेंट को बनानेके दौरान सबसे पहले, कम से कम दो दिन पुराना गोबर इकट्ठा किया जाता है।

मिक्सिंग टैंक में मिक्सिंगः अब एकत्र किए गए गाय के गोबर को एक मिक्सिंग टैंक में डालकर इसको पेस्ट में बदल लिया जाता है।

टीडी मशीन के द्वारा ग्राइंडिंगः पेस्ट को टीडी मशीन में डालकर बारीक पीस लिया जाता है।

ब्लीचिंग टैंक में प्रोसेसिंगः गोबर के इस पेस्ट को 100 डिग्री सेल्सियस तापमान पर ब्लीचिंग टैंक में गर्म किया जाता है, जिसमें हाइड्रोजन पराक्साइड और कास्टिक सोडा मिलाए जाते हैं।

रंग और अन्य सामग्रियों का मिलानाः अब तैयार किए गए इस घोल में विभिन्न प्रकार के पिगमेंट्स, एक्सटेंडर्स और फिलर्स आदि को मिलाया जाता हैं।

तैयार पेंटः एक पर्यावरण अनुकूल और किफायती विकल्प

                                                                       

इस प्रक्रिया के बाद, पेंट तैयार हो जाता है, जो 1, 2, 5 और 10 लीटर के पैक में उपलब्ध है। गाय के गोबर से बने इस पेंट की कीमत लगभग 225 रुपये प्रति लीटर है, जो इसे बाजार में उपलब्ध अन्य पेंट्स की तुलना में सस्ता और प्रभावी बनाता है।

यह पेंट विभिन्न रंगों में आता है, जिससे लोग अपनी पसंद के अनुसार कोई भी रंग चुन सकते हैं। यह न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है, बल्कि इसके प्रयोग से घरों को भी स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक बनाए रखने का एक बेहतर विकल्प प्राप्त होता है।

निष्कर्षः

गाय के गोबर से बना यह प्राकृतिक पेंट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और इसके व्यवसाय में आने वाले समय में और वृद्धि होना भी संभव है। यह न केवल सस्ता और स्वास्थ्यवर्धक है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल विकल्प होने के कारण इसे बढ़ावा देना हमारे भविष्य के लिए लाभकारी सिद्व होगा।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।