दिमाग की सेहत खराब करता मधुमेह टाइप-3 Publish Date : 04/03/2024
दिमाग की सेहत खराब करता मधुमेह टाइप-3
डॉ0 दिव्यांशु सेंगर
- सामाजिक और आर्थिक कार्यों के प्रति कम होती रुचि।
- मस्तिष्क के लिए जरूरी कारकों में आती है कमी।
- मधुमेह रोगियों को अल्जाइमर होना सबसे बड़ा उदाहरण।
मुधुमेह की बीमारी दुनियाभर में सबसे ज्यादा तेजी से फैलने वाली बीमारी है। अभी तक आप इसके टाइप-1 और टाइप-2 के बारे में ही लोग जानते होंगे। लेकिन, ब्रिटने में हुए एक अध्ययन में टाइप-3 डायबिटीज के बारे भी अब नई जानकारी सामने आई है। डायबिटीज का यह रूप यह शरीर के साथ-साथ दिमाग की सेहत को भी खराब कर रहा है।
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि टाइप-3 मधुमेह इसके अन्य दोनों टाइप के मधुमेह की तुलना में कहीं अधिक खतरनाक है, क्योंकि यह दिमाग पर हमला करता है। इसकी वजह से मानसिक दिक्कतें शुरू हो जाती हैं। इस अध्ययन को मेडिकल न्यूज टुडे में प्रकाशित किया गया है।
अध्ययन के अनुसार, मधुमेह के रोगियों में आजकल अल्जाइमर की समस्या आम हो गई है जो कि टाइप-3 मधुमेह के कारण ही हो रही है। इसमें इंसुलिन प्रतिरोध और मस्तिष्क में इंसुलिन जैसे शारीरिक विकास के लिए जरूरी कारकों की कमी होती है। जो धीरे-धीरे अल्जाइमर रोग का बन सकती है। इसके बढ़ते खतरे को देखते हुए इसे अलग श्रेणी में रखा जाना चाहिए। यह दिमाग से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी को अब डायबिटीज का सबसे घातक रूप भी कहा जा सकता है।
टाइप-1 और 2 से कैसे है अलग मधुमेह का यह रूप
शोधकर्ताओं के अनुसार टाइप-1 मधुमेह में शरीर का अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है और आपके में खून में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक हो जाता है। वहीं, टाइप-2 मधुमेह में आपका शरीर इंसुलिन के प्रति प्रतिरोध विकसित करता है, जिससे खून में ग्लूकोज का स्तर बहुत अधिक हो जाता है। लेकिन, टाइप-3 मधुमेह, मस्तिष्क में इंसुलिन जैसे विकास कारक की कमी के कारण होता है।
याददाश्त पर छोड़ता है गहरा असर
आमतौर पर इस बीमारी के चलते मरीज की याददाश्त पर गहरा असर पड़ता है। जिसके कारण उसे दिमाग से जुड़े कई रोग हो सकते हैं। दिमाग से जुड़ी यह बीमारी पैतृक भी हो सकती है, जिसके वजह से पीढ़ी दर पीढ़ी फैलने का खतरा भी रहता है। इस बीमारी से जुड़े लक्षण काफी आम और सुनने में सहज सुनाई देते हैं।
लेकिन समय रहते अगर उनकी जांच नहीं कराई तो वह काफी घातक भी साबित हो सकते हैं। हालांकि, टाइप-3 मधुमेह के लक्षणों की पहचान करना काफी मुश्किल होता है।
क्या होते है इसके लक्षण
- लिखी हुई बातों को समझने में दिक्कत आना।
- याददाश्त कमजोर होना।
- मूड में काफी तेजी से बदलाव होना।
- नई योजनाएं बनाने और लिखने में दिक्कत का सामना करना।
- चीजें इधर उधर रखकर भूल जाना।
- घर की आम गतिविधियों को पूरा करने में नाकाम रहना।
- मिलने की जगह बार बार भूल जाना।
लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।