यदि आपको अधिक डकार आती है तो इन बातों को न करें नजरअंदाज बहुत डकार आती है तो इन बातों पर दें ध्यान      Publish Date : 24/02/2024

    यदि आपको अधिक डकार आती है तो इन बातों को न करें नजरअंदाज

बहुत डकार आती है तो इन बातों पर दें ध्यान

डकार आना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया होती है। यह किसी को भी और कभी भी आ सकती है। यह शरीर की अतिरिक्त हवा बाहर निकालने का एक प्राकृतिक तरीका है, जो खाने या पीने के दौरान मुंह से पेट या इसोफेगस तक चली जाती है। हालांकि यदि अधिक डकारें आती है, तो इसके लिए डॉक्टरी परामर्श भी जरूरी होता है।

क्या है डकार लेने का कारण

                                                              

हवा का फंस जाना : खाना खाने, कोई चीज पीने या कई बार बात करते समय भी हवा पेट में चली जाती है। इसे निकालने की आवश्यकता होती है, जिससे डकारने का अनुभव होता है। जल्दी से खाना खाना, स्ट्रॉ का उपयोग करना, चिंगम चबाना या कार्बोनेटेड ड्रिंक्स आदि इसके कारण बन सकते हैं। मूली, गोभी, मटर, ग्वार फली, प्याज, केला, फ्रेंच बीन्स, दालें और राजमा खाने के बाद भी ऐसा होता है।

गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज : जीईआरडी तब होता है, जब गला और पेट के बीच की मांसपेशी नीचे गले के पास मौजूद स्फिक्टर कमजोर हो जाता है। इससे एसिड वापस ऊपर आ जाता है। ऐसे में डकार, सीने में जलन व उल्टी के लक्षण भी होते हैं।

गैस्ट्राइटिसः गैस्ट्राइटिस पेट की लाइनिंग की सूजन है। यह बैक्टीरियल संक्रमण, अत्यधिक शराब का सेवन करने, दवाओं के अधिक उपयोग या तनाव के कारण भी हो सकता है। पेट में सूजन अत्यधिक डकार लेने को उकसा सकती है।

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आंत या गले की लाइनिंग पर खुले घाव होते हैं। ये बैक्टीरियल संक्रमण या दवाएं लंबे समय तक लेने से होते हैं। इससे एसिड अधिक बनता है और डकारें आ सकती हैं।

बेचैनी और तनाव : तनाव, हमारी पाचन प्रक्रिया को बदलकर पाचन तंत्र की मांसपेशियों के तनाव को बढ़ा सकता है। इससे ब्लोटिंग, गैस और डकार जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।

डकार दूर करने के उपाय

                                                              

धीरे-धीरे खाने और पीने की कोशिश करें। इससे हवा पेट के अंदर नहीं जाएगी। कार्बोनेटेड पेय और बीयर आदि न पिएं। टॉफी व हार्ड कैंडी आदि न खाएं। स्मोकिंग छोड़ दें। अपने डेन्चर की जांच कराएं। मुंह की खराब सेहत, जबड़े की सेटिंग में दिक्कत भी पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डालते हैं। रात में सोने व खाने के बीच अंतर रखें। खानपान की आदतों में बदलाव से पेट में गैस बनने की समस्या कम करने में मदद मिलती है। भोजन में जीरा, अजवाइन, हल्दी, अदरक, सौंफ आदि को भी शामिल करें।

इसके अलावा डेयरी उत्पादों, ग्लूटन, गेहूं उत्पादों की एलर्जी भी डकार का कारण हो सकती है। जिन लोगों में खाना देर तक आंतों में रहता है, उन्हें भी डकार की समस्या रहती है। डकार के साथ पेट दर्द, सीने में जलन, हाथ में झनझनाहट है तो तुरंत डॉक्टर से मिले और इसमें कभी भी देरी नहीं करनी चाहिए।