हार्ट अटैक से दूसरी बीमारियों का बढ़ता जोखिम      Publish Date : 19/02/2024

                हार्ट अटैक से दूसरी बीमारियों का बढ़ता जोखिम

                                                                                                                                                                   डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

लीड्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 145 मिलियन से अधिक रिकार्ड का विश्लेषण किया। यह रिकॉर्ड उन युवा मरीजों के थे जो दिल का दौरा आने के बाद ठीक तो हुए लेकिन अन्य बीमारियों की चपेट में आ गए थे। आगे यह अध्ययन 9 साल की अवधि में अस्पताल आए ऐसे ही युवा मरीजों पर किया गया था। जिससे यह जाहिर होता है कि हार्ट अटैक यदि किसी को एक बार पड़ जाता है और वह मरीज ठीक तो हो जाता है लेकिन उसके बाद भी कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो मरीज को घेर लेती है, इसलिए इससे सतर्क रहने की आवश्यकता है।

कैसे बरतें सतर्कता

                                                                    

वर्तमान समय में 10 में से सात लोगों को दिल का दौर आता ही है। इससे पहले किए गए शोध के अनुसार दिल का दौरा आने के बाद पीड़ित के दिल पर वह असर होता ही है। साथ ही सर्कुलेटरी सिस्टम के साथ शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। इसलिए हमेशा के लिए सतर्कता जरूरी हो जाती है। अभी हाल ही में किए गए शोध के अनुसार जिन लोगों को दिल का दौरा आता है उनमें कई अन्य बीमारियां विकसित होती देखी गई है। जबकि इसी उम्र के दूसरे लोग जिन्हें दिल का दौरा नहीं आता है, उन्हें दूसरी बीमारियों का जोखिम न के बराबर होता है।

किडनी पर भी होता है असर

एक तिहाई लोगों का या तो किडनी फेल हो जाती है या दिल काम करना बंद कर देता है। वही सात फ़ीसदी लोगों को आगे भी हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है और 9 साल के अध्ययन के दौरान 38 प्रतिशत लोगें की मौत हो जाती है। शोधकर्ताओं ने 18 साल और इससे अधिक आयु के लोगों पर अध्ययन किया। यह सभी इंग्लैंड के अस्पताल में 1 जनवरी 2008 से लेकर 31 जनवरी 2017 के बीच भर्ती हुए थे। इसके तहत 433 361 रिपोर्ट ऐसे मिले जिसमें पहली बार दिल का दौर आया था। हार्ट अटैक के मरीजों की औसत आयु 67 साल थी और 66 प्रतिशत मरीज पुरुष थे।

निष्कर्ष क्या निकला अध्याय से

                                                                               

डॉक्टर द्वारा किए गए शोध से निष्कर्ष निकला की पहली बार दिल का दौरा आने के बाद पीड़ित को हमेशा अपने दिल का ख्याल रखना पड़ता है इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधी अन्य गंभीर बीमारियां भी मरीज में विकसित हो सकती है। अध्ययन के नतीजे की माने तो आर्थिक रूप से कमजोर बैकग्राउंड वाले लोगों पर यह संकट अधिक होता है। विशेष कर दिल का दौरा आने के बाद इंसान के दिल को तो गंभीर क्षति होती ही है। हार्ट फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है इसलिए संतुलित भोजन और एक्सरसाइज पर बहुत ध्यान देना है। समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहना है। डॉक्टर द्वारा बनाए गए चार्ट के अनुसार आप अपनी सेहत को ठीक रख सकते हैं।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेंरठ में मैडिकल ऑफिसर हैं।